नई दिल्ली : लोकसभा सांसद और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने भारत की स्टार महिला पहलवान बबीता फोगाट और गीता फोगाट की ममेरी बहन रितिका फोगाट की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री, वीके सिंह ने साथ ही कहा है कि मानसिक दबाव से निकलने के लिए एथलीटों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए. 17 साल की रितिका ने राजस्थान के भरतपुर के लोहागढ़ में आयोजित स्टेट लेवल सब जूनियर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में रितिका एक अंक से हार गई. इस हार से निराश होकर उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
वीके सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "यह बेहद दुखद खबर है कि हमने रितिका फोगाट को खो दिया, जिनका कि आगे आने वाले समय में बेहद शानदार करियर था. दुनिया कुछ दशक में ही बदल गई है. एथलीट दबावों का सामना कर रहे हैं जो पहले नहीं था. एथलीटों को इन दबावों से निपटने के लिए भी अनिवार्य रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए."
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Terrible news that we lost #RitikaPhogat who had a brilliant career ahead. The world has changed from where it was some decades ago. Athletes are facing pressures which were not there earlier. An essential part of their training should be to deal with these pressures.
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— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 18, 2021
मिक्सड मार्शल आटर्स फाइटर रितु फोगाट ने रितिका की मौत पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "छोटी बहन रितिका की आत्मा को भगवान शांति दे. मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आपके साथ क्या हुआ. आप हमेशा हमें याद आएंगी. ओम शांति."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे आज सुबह से मैसेज आते रहे. मैं अपने परिवार में जो हुआ उससे बहुत दुखी और परेशान हूं. मैं आप लोगों से आग्रह करती हूं कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और विश्वास करें और जिम्मेदारी से कार्य करें. ये मेरे और मेरे परिवार के लिए कठिन समय हैं और मैं आप सभी से हमारी निजता का सम्मान करने का आग्रह करती हूं."
राष्ट्रमंडल खेलों-2010 में भारत को महिला वर्ग में कुश्ती में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली गीता फोगाट भी बेहद दुखी हैं और उन्होंने कहा है कि हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है और किसी भी खिलाड़ी को ऐसे कदम नहीं उठाना चाहिए.
गीता फोगाट ने ट्विटर पर लिखा, "भगवान मेरी छोटी बहन मेरे मामा की लड़की रितिका की आत्मा को शांति दे. मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है. रितिका बहुत ही होनहार पहलवान थी. पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया. हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए."