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'नेहरू के ऑफिस में बिन अर्जी चले जाया करते थे मिल्खा सिंह, कुछ ऐसा था उनका रुतबा'

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Published : Jun 19, 2021, 5:29 PM IST

18 जून 2021 को एक महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद भारत के ट्रैक एंड फील्ड लेजेंड मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की जनता तक ने ट्वीट कर फ्लाइंग सिख को भावपूर्ण श्रद्धांजली दी.

'Milkha Singh was a true legend': Sports fraternity reacts as The 'Flying Sikh' dies at 91
'Milkha Singh was a true legend': Sports fraternity reacts as The 'Flying Sikh' dies at 91

हैदराबाद: "वो बिना किसी अर्जी के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ऑफिस में चले जाया करते थे," लेखक विजय लोकपल्ली ने मिल्खा सिंह को याद करते हुए ईटीवी भारत को बताया.

उन्होंने कहा, "मिल्खा सिंह सही मायने में एक लेजेंड थे. वो बिना कोई अर्जी दिए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ऑफिस चले जाया करते थे. क्या शानदार व्यक्तित्व था उनका. वो भारत के लिए किसी खजाने से कम नहीं थे. 1960 के ओलंपिक में उनकी दौड़ के साथ मिल्खा ने भारत को विश्व एथलेटिक्स के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई थी."

18 जून 2021 को एक महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद भारत के ट्रैक एंड फील्ड लेजेंड मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की जनता तक ने ट्वीट कर फ्लाइंग सिख को भावपूर्ण श्रद्धांजली दी.

लेखक विजय लोकपल्ली ने मिल्खा सिंह को याद करते हुए आगे कहा, "उनसे बातचीत करने भर से जीवन भर की शिक्षा मिल जाया करती थी और मुझे उनके सरल जीवन जीने के तरीके से प्यार था. मिल्खा ने एक खिलाड़ी के रूप में अपनी अद्भुत यात्रा के माध्यम से युवाओं के लिए एक प्रतिमान स्थापित किया है. उन्होंने खेल के साथ अपने प्यार को बनाए रखा. मिल्खा की अद्भुत कहानी कहते समय उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. एकमात्र फ्लाइंग सिख की आत्मा को शांति मिले."

मिल्खा सिंह को याद करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर लाल सिंह राजपूत ने कहा, "उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, जो भारत को दुनिया के नक्शे में पहचान दिलाने वाले दिग्गजों में से एक हैं. ये खेल जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उनकी आत्मा को शांति मिले."

मिल्खा सिंह के बारे में बैडमिंटन कोच विमल कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, "एक सच्चे लेजेंड... उन्होंने विश्व स्तर पर नाम कमाते हुए भारतीयों को गर्व करने के कई पल दिए हैं. मैं उनसे 80 के दशक के दौरान पटियाला में राष्ट्रीय शिविरों में कई बार मिला हूं. वो एक महान आदमी हैं."

भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने कहा, "ये भारतीय खेल के लिए एक बड़ी क्षति है. वो एक लेजेंड थे और हमेशा रहेंगे और उन्होंने इस देश के लिए जो कुछ भी हासिल किया है वो प्रेरणादायक है."

भारत के पूर्व लेफ्ट आर्म पेसर कर्सन घावरी ने मिल्का के अंदर के एक गोल्फर को याद करते हुए ईटीवी को बताया, "महान मिल्खा सिंह (फ्लाइंग सिख) को जब तक खेल जारी रहेगा, तब तक भारत का गौरव माना जाएगा. वो हमेशा याद किए जाएंगे, उन्होंने हमारे देश को कई गौरव के पल दिए हैं. खेल जगत को महान क्षति हुई है. कई साल पहले मुझे महा लक्ष्मी के वेलिंगटन क्लब में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ खेलने का मौका मिला था. वो खुद एक अच्छे गोल्फर थे और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह प्रो सर्किट में भारत के एक बड़े खिलाड़ी हैं ही. ओम नमो: शिवाय, ओम शांति."

भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने मिल्खा से एक मुलाकात याद कर ईटीवी भारत को बताया, "हम सभी को ये सुनकर गहरा दुख हुआ है कि हमारी भारत मां के महान सूपूत और एथलीट मिल्खा सिंह का निधन हो गया है. मैं चंडीगढ़ में कुछ मौकों पर उस महान व्यक्ति से मिला हूं जब मैं पहली बार आईपीएल के लिए मैच रेफरी की जिम्मेदारी निभा रहा था. उन्हें अपने बेटे के शानदार गोल्फर होने पर बहुत गर्व था. भारत ने अपने सच्चे दिग्गजों में से एक को खो दिया है. रेस्ट इन पीस मेरे दोस्त मीके."

---आयुष्मान पांडे

हैदराबाद: "वो बिना किसी अर्जी के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ऑफिस में चले जाया करते थे," लेखक विजय लोकपल्ली ने मिल्खा सिंह को याद करते हुए ईटीवी भारत को बताया.

उन्होंने कहा, "मिल्खा सिंह सही मायने में एक लेजेंड थे. वो बिना कोई अर्जी दिए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ऑफिस चले जाया करते थे. क्या शानदार व्यक्तित्व था उनका. वो भारत के लिए किसी खजाने से कम नहीं थे. 1960 के ओलंपिक में उनकी दौड़ के साथ मिल्खा ने भारत को विश्व एथलेटिक्स के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई थी."

18 जून 2021 को एक महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद भारत के ट्रैक एंड फील्ड लेजेंड मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश की जनता तक ने ट्वीट कर फ्लाइंग सिख को भावपूर्ण श्रद्धांजली दी.

लेखक विजय लोकपल्ली ने मिल्खा सिंह को याद करते हुए आगे कहा, "उनसे बातचीत करने भर से जीवन भर की शिक्षा मिल जाया करती थी और मुझे उनके सरल जीवन जीने के तरीके से प्यार था. मिल्खा ने एक खिलाड़ी के रूप में अपनी अद्भुत यात्रा के माध्यम से युवाओं के लिए एक प्रतिमान स्थापित किया है. उन्होंने खेल के साथ अपने प्यार को बनाए रखा. मिल्खा की अद्भुत कहानी कहते समय उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. एकमात्र फ्लाइंग सिख की आत्मा को शांति मिले."

मिल्खा सिंह को याद करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर लाल सिंह राजपूत ने कहा, "उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, जो भारत को दुनिया के नक्शे में पहचान दिलाने वाले दिग्गजों में से एक हैं. ये खेल जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उनकी आत्मा को शांति मिले."

मिल्खा सिंह के बारे में बैडमिंटन कोच विमल कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, "एक सच्चे लेजेंड... उन्होंने विश्व स्तर पर नाम कमाते हुए भारतीयों को गर्व करने के कई पल दिए हैं. मैं उनसे 80 के दशक के दौरान पटियाला में राष्ट्रीय शिविरों में कई बार मिला हूं. वो एक महान आदमी हैं."

भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने कहा, "ये भारतीय खेल के लिए एक बड़ी क्षति है. वो एक लेजेंड थे और हमेशा रहेंगे और उन्होंने इस देश के लिए जो कुछ भी हासिल किया है वो प्रेरणादायक है."

भारत के पूर्व लेफ्ट आर्म पेसर कर्सन घावरी ने मिल्का के अंदर के एक गोल्फर को याद करते हुए ईटीवी को बताया, "महान मिल्खा सिंह (फ्लाइंग सिख) को जब तक खेल जारी रहेगा, तब तक भारत का गौरव माना जाएगा. वो हमेशा याद किए जाएंगे, उन्होंने हमारे देश को कई गौरव के पल दिए हैं. खेल जगत को महान क्षति हुई है. कई साल पहले मुझे महा लक्ष्मी के वेलिंगटन क्लब में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ खेलने का मौका मिला था. वो खुद एक अच्छे गोल्फर थे और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह प्रो सर्किट में भारत के एक बड़े खिलाड़ी हैं ही. ओम नमो: शिवाय, ओम शांति."

भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने मिल्खा से एक मुलाकात याद कर ईटीवी भारत को बताया, "हम सभी को ये सुनकर गहरा दुख हुआ है कि हमारी भारत मां के महान सूपूत और एथलीट मिल्खा सिंह का निधन हो गया है. मैं चंडीगढ़ में कुछ मौकों पर उस महान व्यक्ति से मिला हूं जब मैं पहली बार आईपीएल के लिए मैच रेफरी की जिम्मेदारी निभा रहा था. उन्हें अपने बेटे के शानदार गोल्फर होने पर बहुत गर्व था. भारत ने अपने सच्चे दिग्गजों में से एक को खो दिया है. रेस्ट इन पीस मेरे दोस्त मीके."

---आयुष्मान पांडे

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