नई दिल्ली: भारत के लंबी कूद एथलीट मुरली श्रीशंकर का कहना है कि वह ओलंपिक बर्थ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. श्रीशंकर गुरुवार को पटियाला के राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट स्पोर्ट्स कैंपस में होने वाले भारतीय ग्रां प्री मीट के दूसरे चरण के लिए तैयार हैं. वह टोक्यो ओलंपिक 2021 के लिए क्वालीफिकेशन मार्क 8.22 मीटर को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
श्रीशंकर ने सितंबर 2018 में भुवनेश्वर में हुए ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 8.20 मीटर का निजी और राष्ट्रीय रिकॉर्ड सेट किया था.
श्रीशंकर ने कहा, "मैंने अपना कोरोना टेस्ट कराया है और सब ठीक है. मैं एक साल से ज्यादा के अंतराल के बाद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उत्साहित हूं. इसमें मेरा ध्यान निजी सर्वश्रेष्ठ समय हासिल कर ओलंपिक क्वालीफिकेशन मार्क को पार करने पर केंद्रित है."
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श्रीशंकर का 2018 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड हासिल करने के बाद 2019 का सत्र उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा था. वह दोहा में हुए विश्व चैंपियनशिप में शुरुआती राउंड में 22वें स्थान पर रहे थे.
उन्होंने मौके गंवाने पर कहा, "मैं अच्छी लय हासिल नहीं कर सका था और इसका नतीजा यह रहा कि मैंने काफी खराब प्रदर्शन किया."
विश्व चैंपियनशिप के बाद श्रीशंकर राष्ट्रीय शिविर में शामिल नहीं हुए और उन्होंने अपने पिता एस मुराली के नेतृत्व में ट्रेनिंग शुरू की. लॉकडाउन के दौरान खुद को फिट रखने के लिए श्रीशंकर ने घर में जिम शुरू किया.
पिछले साल मई में सरकार ने खेल गतिविधियां शुरू करने के लिए एसओपी जारी किए जाने के बाद पलक्कड़ में स्थानीय मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय चैंपियन्स को ट्रेनिंग शुरू करने की इजाजत दी गई.
श्रीशंकर ने कहा, "एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट होने के नाते मुझे मेडिकल कॉलेज ग्राउंड में ट्रेनिंग करने दिया गया. लेकिन कोरोना के मामले बढ़ते देख मैंने आउटडोर ट्रेनिंग करना छोड़ दिया. फिटनेस का बरकरार रखना ऐसे समय मुश्किल था."
उन्होंने कहा कि पिछला एक साल काफी चुनौतीपूर्ण था. श्रीशंकर ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि जो कड़ी मेहनत मैंने की है कि उससे मुझे गुरुवार को अच्छा नतीजा मिलेगा. अच्छी लय मुझे मेरा निजी सर्वश्रेष्ठ 8.20 को पार करने में मेरी मदद करेगी."