नई दिल्ली : कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी खेल गतिविधियां बंद हो गई हैं. लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दिया गया है और खिलाड़ियों को अपने केंद्रों के अंदर 'आउटडोर ट्रेनिंग' से रोका हुआ है. उन्हें सरकार के सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करना होता है.
सामाजिक दूरी के नियम का भी पालन कर सकें
एनआईएस-पटियाला में रह रहे खिलाड़ी पहले ही मंत्रालय को लिखकर अनुरोध कर चुके हैं कि उन्हें सुविधाओं के अंदर ही बाहर अभ्यास करने की अनुमति दी जाए जिसमें वे कम संख्या में और दिन के अलग अलग समय अभ्यास करेंगे ताकि वे सामाजिक दूरी के नियम का भी पालन कर सकें.
आईओए ने कहा, ''हम साई और खेल मंत्रालय से अनुरोध करेंगे कि ऐसे कुछ साई केंद्र हैं जैसे पटियाला, बेंगलुरू जहां एथलीट लॉकडाउन से पहले से ट्रेनिंग कर रहे थे. इन केंद्रों में मौजूद इन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग की अनुमति दी जाए और ये एथलीट भी जरूरी पांबदियों और नियमों का पालन करेंगे.''
खिलाड़ियों को देश के अंदर ही ट्रेनिंग करने दी जानी चाहिए
आईओए ने आईओए तैयारी समिति से बैठक के बाद कहा, ''साथ ही साई और खेल मंत्रालय से ये चर्चा भी की जानी चाहिए कि साई के अन्य केंद्र अन्य ओलंपिक खेलों के लिए कैसे खोले जा सकते हैं जिसमें सभी जरूरी दिशानिर्देशों का भी पालन जारी रहे.'' ये बैठक ललित भनोट की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए करायी गयी जिसमें आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, महासचिव राजीव मेहता और टोक्यो ओलंपिक भारतीय दल प्रमुख बीपी बैश्य ने शिरकत की.
इस बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघों के 62 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जो इस बात से सहमत थे कि खिलाड़ियों को जोखिम उठाए बिना साल के अंत तक देश के अंदर ही ट्रेनिंग करने दी जानी चाहिए.