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76 साल के नजमी किंखाबवाला ने 500 से ज्यादा मेडल किए अपने नाम, जानिए उनकी ये प्रेरणादायक कहानी - टेबल टेनिस

खेल के मैदान पर में उम्र कोई मयाने नहीं रखती है. इस बात को सिर्फ कुछ ही लोग सही सबित कर पाते हैं. ऐसा ही कुछ सूरत के रहने वाले नजमी किंखाबवाला ने कर दिखाया है. उन्होंने 76 साल की उम्र में भी देश को लगभग 500 मेडल दिला दिए हैं. आज हम आपको उनकी प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताने वाले हैं.

Nazmi Kinkhabwala
नजमी किंखाबवाला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 22, 2023, 7:28 PM IST

सूरत: गुजरात के सूरत की रहने वाली 76 साल की नजमी किंखाबवाला ने कमाल कर दिया है. उन्होंने अब तक 11 देशों में जाकर टेबल टेनिस में 500 से ज्यादा मेडल जीतकर गुजरात और देश का नाम रोशन कर किया है. उन्होंने साल 1964 से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था, हालांकि 1995 में उन्हें खेल छोड़ना पड़ा था. उनके खेल छोड़ने की वजह परिवार की आर्थिक स्थिति और जिम्मेदारिया थी.

नजमी किंखाबवाला
नजमी किंखाबवाला

उनके पैर में फ्रैक्चर होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह कभी भी टेबल टेनिस नहीं खेल पाएंगे. खेल के श्रेत्र में करियर बनाने का लक्ष्य रखने वाले किंखाबवाला ने इस बीच पदको का पिटारा भर लिया था. उन्होंने टेबल टेनिस छोड़ने के बाद नौकरी करने के बारे में सोचा और उन्हें एक कंपनी में नौकरी मिल गई और टेबल टेनिस से दूरी बना ली लेकिन उनके दिल ओर दिमाग में तो टेबल टेनिस ही घुमता था.

उन्होंने फिर से टेनिस कि दुनिया में कदर रखा और उनके एक दोस्त ने उसने उन्हें टेबल टेनिस खेलने के लिए फिर से कहा. उन्होंने साल 2017 में फिर से टेबल टेनिस की दुनिया में वापसी की. साल 2017 में नजमी ने 25 साल बाद नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. टेबल टेनिस के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों की बात करें तो साल 2019 में सोनीपत में मिक्स युगल में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर सूरत का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया.

नजमी किंखाबवाला
नजमी किंखाबवाला

वहीं गोवा में आयोजित फोर्ज़ा इंटरनेशनल में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी खेल प्रतिभा का सबूत दिया. नजमी ने श्रीलंका में खेले गए दक्षिण एशिया टेबल टेनिस में भी स्वर्ण पदक जीता. मलेशिया के पेनांग में खेली गई एशियन-पैसिफिक चैंपियनशिप में 28 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से नजमी ने टीम स्पर्धा में सुवर्ण और सिंगल में रजत पदक जीता और चीन, रूस और मलेशिया के खिलाड़ियों को हराया.

नजमी किंखाबवाला ने अपना पूरा जीवन खेल को समर्पित कर दिया है. हाल ही में वह थाईलैंड में आयोजित एशियन-पैसिफिक चैंपियनशिप में टॉप 8 खिलाड़ियों में शामिल रहे. उन्होंन पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि जब भारत देश में 1983 क्रिकेट का विश्व कप जीता, तब पूरे देश में क्रिकेट फिवर था, इसलिए खिलाड़ियों को टेबल टेनिस में कोई दिलचस्पी नहीं थी.

इसी बीच उन्होंने बच्चों को टेबल टेनिस सिखाना शुरू किया. वर्ष 1985 में उन्होंने प्रोफेशनल तौर पर खिलाड़ियों को टेबल टेनिस की कोचिंग देना शुरू किया. 76 साल की होने के बावजूद नजमी किंखाबवाला की फिटनेस कमाल है जब वह थाईलैंड गए तो वहां के लोगों को लगा यकिन नहीं आया कि वह 76 साल के हैं. नजमी का फिटनेस मंत्र है कि हमेशा खुश रहो और कभी चिंता मत करो.

ये खबर भी पढ़ें : संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही पूनिया और साक्षी ने लिए बड़े फैसले, क्या अब विनेश भी उठा सकतीं हैं कोई बड़ा कदम

सूरत: गुजरात के सूरत की रहने वाली 76 साल की नजमी किंखाबवाला ने कमाल कर दिया है. उन्होंने अब तक 11 देशों में जाकर टेबल टेनिस में 500 से ज्यादा मेडल जीतकर गुजरात और देश का नाम रोशन कर किया है. उन्होंने साल 1964 से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था, हालांकि 1995 में उन्हें खेल छोड़ना पड़ा था. उनके खेल छोड़ने की वजह परिवार की आर्थिक स्थिति और जिम्मेदारिया थी.

नजमी किंखाबवाला
नजमी किंखाबवाला

उनके पैर में फ्रैक्चर होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह कभी भी टेबल टेनिस नहीं खेल पाएंगे. खेल के श्रेत्र में करियर बनाने का लक्ष्य रखने वाले किंखाबवाला ने इस बीच पदको का पिटारा भर लिया था. उन्होंने टेबल टेनिस छोड़ने के बाद नौकरी करने के बारे में सोचा और उन्हें एक कंपनी में नौकरी मिल गई और टेबल टेनिस से दूरी बना ली लेकिन उनके दिल ओर दिमाग में तो टेबल टेनिस ही घुमता था.

उन्होंने फिर से टेनिस कि दुनिया में कदर रखा और उनके एक दोस्त ने उसने उन्हें टेबल टेनिस खेलने के लिए फिर से कहा. उन्होंने साल 2017 में फिर से टेबल टेनिस की दुनिया में वापसी की. साल 2017 में नजमी ने 25 साल बाद नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. टेबल टेनिस के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों की बात करें तो साल 2019 में सोनीपत में मिक्स युगल में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर सूरत का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया.

नजमी किंखाबवाला
नजमी किंखाबवाला

वहीं गोवा में आयोजित फोर्ज़ा इंटरनेशनल में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी खेल प्रतिभा का सबूत दिया. नजमी ने श्रीलंका में खेले गए दक्षिण एशिया टेबल टेनिस में भी स्वर्ण पदक जीता. मलेशिया के पेनांग में खेली गई एशियन-पैसिफिक चैंपियनशिप में 28 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से नजमी ने टीम स्पर्धा में सुवर्ण और सिंगल में रजत पदक जीता और चीन, रूस और मलेशिया के खिलाड़ियों को हराया.

नजमी किंखाबवाला ने अपना पूरा जीवन खेल को समर्पित कर दिया है. हाल ही में वह थाईलैंड में आयोजित एशियन-पैसिफिक चैंपियनशिप में टॉप 8 खिलाड़ियों में शामिल रहे. उन्होंन पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि जब भारत देश में 1983 क्रिकेट का विश्व कप जीता, तब पूरे देश में क्रिकेट फिवर था, इसलिए खिलाड़ियों को टेबल टेनिस में कोई दिलचस्पी नहीं थी.

इसी बीच उन्होंने बच्चों को टेबल टेनिस सिखाना शुरू किया. वर्ष 1985 में उन्होंने प्रोफेशनल तौर पर खिलाड़ियों को टेबल टेनिस की कोचिंग देना शुरू किया. 76 साल की होने के बावजूद नजमी किंखाबवाला की फिटनेस कमाल है जब वह थाईलैंड गए तो वहां के लोगों को लगा यकिन नहीं आया कि वह 76 साल के हैं. नजमी का फिटनेस मंत्र है कि हमेशा खुश रहो और कभी चिंता मत करो.

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