हैदराबाद : भारत के स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी जी साथियान ने 23 जुलाई से शुरू हो रहे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई कर लिया है. साथियान ने दो जीत के साथ एशियाई ओलंपिक क्वॉलीफिकेशन टूनार्मेंट में साउथ एशिया ग्रुप में टॉप पर पहुंचकर ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई किया था. टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई करने के बाद ईटीवी भारत ने जी साथियान से खास बातचीत की. साथियान ने ओलंपिक में क्वॉलीफाई करने की खुशी जाहिर की साथ ही बताया कि इस बड़े इवेंट के लिए वे किस तरह तैयारी कर रहे हैं और उन्होंने अपने फैंस की शुभकामनाओं का भी जवाब देते हुए शुक्रिया अदा किया.
सवाल : बधाई हो साथियान! ओलंपिक में खेलने का सपना आपका आखिरकार पूरा हुआ. कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब : शुक्रिया! बिलकुल मेरा ये सपना साकार हुआ है. मैं वो पांच ओलंपिक रिंग्स देख कर ही बड़ा हुआ हूं और बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं भारत को ओलंपिक्स में रिप्रेजेंट करूं. ये मैं अपने परिवार और रिश्तेदारों को भी कहता था और आज वो सपना सच हो गया है. ये मेरे, मेरे पूरे परिवार, कोच और टीम के लिए बहुत भावुक और खास पल है. ये बेशक मेरे करियर के सबसे खास पलों में से एक है.
सवाल : ओलंपिक के लिए आप किस तरह तैयारियां कर रहे हैं?
जवाब : 2021 का सबसे जरूरी टूर्नामेंट ओलंपिक क्वॉलीफायर्स और नेशनल्स थे. इन दोनों टूर्नामेंट में जैसे टेबल का इस्तेमाल हुआ था वैसे टेबल हम लाए हैं. वही टेबल मैंने अपनी छत पर बने टीटी हॉल में भी रखा है, वो 20 फीट एयर कंडीशन हॉल है. मुझे वही कंडीशन में प्रैक्टिस करना था ताकि मैं फास्ट और स्पिनी टेबल पर खेल सकूं. इससे अब मैं बीते सालों से बेहतर खेल सकूंगा. नेशनल गेम जीतने से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है और वहीं आत्मविश्वास मैं ओलंपिक क्वॉलीफायर्स में ले गया था.
सवाल : हाल ही में खेले गए शरत कमल और रमीज के खिलाफ मैच के बारे में कुछ बताएं.
जवाब : शरत के खिलाफ उस मैच का टेबल टेनिस फैंस को भी काफी इंतजार था. ये मैच मैराथन मैचों में से एक था. नेशनल्स में शरत को हराना मेरे लिए काफी अच्छा था. हालांकि उन्होंने दमदार वापसी की और उनके पास काफी अनुभव है. रमीज के खिलाफ मैच में मैं थोड़ा चिंतित था क्योंकि मुझे पता था कि इस मैच को जीत कर मैं क्वॉलीफाई कर जाऊंगा लेकिन मुझे शांत रहना था. मैं उसके सामने फेवरेट था लेकिन मुझे शांत रह कर मैच खत्म करना था और अंत में मैंने आसानी से 4-0 से जीत हासिल कर ली.
सवाल : आप दुनियाभर की कई टेबल टेनिस लीग खेलते हैं, इन लीग्स से आपको क्या फायदा मिला और कौन-सा ऐसा खिलाड़ी था जिससे आपको प्रेरणा मिली?
जवाब : लीग्स मेरे करियर का बहुत बड़ा हिस्सा रही हैं, उससे जो मैच प्रैक्टिस होती है उससे आप किसी भी दूसरे टूर्नामेंट्स की तुलना नहीं कर सकते. तो मुझे लगता है कि कुछ साल पहले मैंने बुंडसलीगा खेला था जो दुनिया की बड़ी लीग्स में से एक थी और उसके कारण मुझे अंतरराष्ट्रीय सर्किट में बेहतर प्रदर्शन देने में मदद मिली. उससे मैंने सीखा कि किस तरह प्रेशर में खेला जाता है, किस तरह एक टीम के साथ खेला जाता है और टॉप खिलाड़ियों को देखा कि वे किस तरह मैच की तैयारी करते हैं. मैंने जर्मन लीग खेली और उसके बाद मैंने जापान लीग भी इस साल खेली. जापान लीग सबसे कठिन लीग्स में से एक थी, मैच क्वॉलिटी काफी हाई थी और इससे मुझे ओलंपिक के लिए भी मदद मिली. लॉकडाउन के समय पोलिश लीग भी मैंने खेली थी और उससे मुझे अच्छी मैच प्रैक्टिस मिली. तो बाहर की लीग खेलना अच्छा था लेकिन कोविड के समय क्वारंटाइन भी मुश्किल था और इससे मेरी तैयारी में भी असर पड़ा था. हालांकि लीग्स खेलने से मुझे काफी मदद मिली. मेरी प्रेरणा की बात करूं तो एक खिलाड़ी हैं टीमो बॉल का मैं फैन हूं. वो सबके प्रेरणाश्रोत हैं. जर्मन लीग में उनके खिलाफ खेलना और उसके साथ खेलना मेरे लिए एक जादूई लम्हा था. जब मैंने बुंडसलीग में उनके साथ खेला तो मैं फैनस्ट्रक हो गया था.
सवाल : टोक्यो ओलंपिक में जाने से पहले फैंस से क्या कहना चाहेंगे?
जवाब : फैंस बहुत अच्छे हैं, मेरा फोन लगातार बज रहा है, इतने सारे मेसेज आ रहे हैं. मैं सभी को जवाब तो नहीं दे पा रहा लेकिन मेरे मैच के दौरान और मेरे हारने पर भी जो प्यार और समर्थन उन्होंने मुझे दिया है वो कमाल है. मेरे फैंस मेरी जीत और मेरी हार में मेरा साथ देते हैं. मुझे उनसे बात करना बहुत पसंद है और अपने विचार उनसे कहना पसंद है. टेबल टेनिस के फैंस ने हमेश मुझे सपोर्ट किया है. वो मेरा हर मैच देखते हैं. मेरी सोशल मीडिया टीम भी मेरे फैंस के साथ इंगेज होने के लिए जुटी रहती है. तो शुक्रिया सभी को. फैंस के वजह से ही मोटिवेशन मिलती है. कोविड के समय बिना फैंस के मैच खेला जब समझ में आया कि वे कितने जरूरी हैं. वो आपके एक एक्स्ट्रा एनर्जी देते हैं. तो आप मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी देते रहिए क्योंकि मुझे ओलंपिक के लिए बहुत जरूरत होगी. आपके प्यार और सपोर्ट से मैं पहला एशियन गेम्स मेडल लाया लेकिन अब समय है पहले टेबल टेनिस ओलंपिक मेडल का.
-- वर्षा सिंह