चेन्नई : बीस वर्षीय शतरंज इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) दुष्यंत शर्मा संकट में हैं. जालंधर के इस युवा लड़के ने हाल ही में स्पेन में सनवे सिटजेस शतरंज टूर्नामेंट में खेलते समय अपना लैपटॉप खो दिया था जिसमें उसने कई वर्षों के प्रारंभिक विश्लेषण संग्रहीत किए थे. इसके अलावा, स्पेनिश चोर उनका पासपोर्ट, 400 यूरो, महंगी जैकेट, लैपटॉप बैग और अन्य सामान भी ले गए.
केवल दुष्यंत ही नहीं, कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने लगभग लगातार दिनों में हुई तीन अलग-अलग घटनाओं में अपने लैपटॉप, पैसे और अन्य महंगी चीजें खो दी हैं. गनीमत है कि चोर उनके पासपोर्ट छोड़ गए थे, जबकि दुष्यंत इस मामले में भी बदकिस्मत रहे. दुष्यंत ने आईएएनएस को बताया, 'मैंने अपना पासपोर्ट खो दिया है. इसलिए मैं यूरोप में अन्य शतरंज टूर्नामेंटों में खेलने की स्थिति में नहीं हूं. मुझे पासपोर्ट बनवाना होगा और नए सिरे से वीजा के लिए आवेदन करना होगा.
मिली जानकारी के अनुसार, लैपटॉप की कीमत लगभग 2 लाख रुपये और लैपटॉप बैग की कीमत लगभग 3,000 रुपये है. उनके प्रत्येक जैकेट की कीमत लगभग 10,000 रुपये है. इसके अलावा, उन्हें 400 यूरो की नकदी और अन्य सामान का नुकसान हुआ है. दुष्यंत का मानना है कि पासपोर्ट, वीजा और चोरी में खोई हुई अन्य फिर से हासिल की जा सकती है, लेकिन विभिन्न शतरंज के उद्घाटनों के विश्लेषण की 10 साल की कड़ी मेहनत उन्हें वापस नहीं मिलेगी, क्योंकि मेरे पास इसका कोई बैकअप नहीं है.
यही बात कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों के लिए भी सच हो सकती है जिन्होंने अपने लैपटॉप और अन्य कीमती सामान खो दिए हैं. सनवे होटल समूह, स्पेन द्वारा प्रायोजित सनवे सिटजेस शतरंज टूर्नामेंट कई शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम है. दुष्यंत ने कहा, 'इस साल लगभग 70 भारतीय खिलाड़ियों ने इस आयोजन में भाग लिया.
उनके अनुसार, जिस अपार्टमेंट में चोरी हुई वह सनवे होटल का था और खिलाड़ियों के रहने के लिए आधिकारिक तौर पर स्वीकृत जगह थी. दुष्यंत ने कहा, '19 दिसंबर, 2023 की शाम को सातवां राउंड खत्म करने के बाद, ग्रैंडमास्टर (जीएम) संकल्प, मेरे रूममेट और मैं अपने कमरे में लौट आए. अंदर जाने पर मैंने देखा कि टेबल पर रखा मेरा लैपटॉप गायब था. मुझे नकदी, जैकेट और पासपोर्ट के अन्य सामान भी गायब मिले.'
उन्होंने तुरंत होटल अधिकारियों को बुलाया जो उन्हें पुलिस स्टेशन ले गए. पुलिस स्टेशन में भाषा संबंधी बाधा थी क्योंकि पुलिसकर्मी अंग्रेजी नहीं जानते थे जबकि भारतीय खिलाड़ी स्पेनिश नहीं जानते थे.
किसी तरह, पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) स्पेनिश में दर्ज की गई. दुष्यंत के मुताबिक, खेलने के लिए बाहर जाते समय कमरा और बालकनी के दरवाजे बंद थे और यह पता नहीं चल पाया कि चोर बिना ताले तोड़े कमरे में कैसे दाखिल हो गए.