नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के कारण लंबे विश्राम के बाद भारतीय मुक्केबाज अगले दो महीनों में यूरोप में विभिन्न टूर्नामेंटों में हिस्सा लेंगे जिसकी शुरुआत बुल्गारिया में स्ट्रैंडजा मेमोरियल से होगी.
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेन्स निदेशक सैंटियागो नीवा ओलंपिक खेलों के लिए अच्छी तैयारी चाहते हैं और इसलिए वह टोक्यो में होने वाले खेलों से पहले राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन भी चाहते हैं.
नीवा ने कहा, "इस साल हम बुल्गारिया में स्ट्रैंडजा मेमोरियल से शुरुआत करेंगे और इसके बाद उम्मीद है कि हंगरी में और उसके बाद एक और टूर्नामेंट होगा. इसके अलावा हम बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में रहेंगे और हो सकता है कि कुछ विदेशी टीमों को आमंत्रित करें."
स्ट्रैंडजा मेमोरियल यूरोपीय सर्किट का सबसे पुराना मुक्केबाजी टूर्नामेंट है. इस साल इसका 72वां टूर्नामेंट 21 से 28 फरवरी के बीच सोफिया में होगा.
नौ भारतीय मुक्केबाजों अमित पंघाल (52 किग्रा), मनीष कौशिक (63 किग्रा), विकास कृष्णन (69 किग्रा), आशीष कुमार (75 किग्रा), सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक), एमसी मेरीकॉम (51 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोर्गोहेन (69 किग्रा), और पूजा रानी (75 किग्रा) - ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है.
कुछ और भारतीय मुक्केबाज ओलंपिक खेलों से एक या दो महीने पहले होने वाले विश्व क्वालीफायर्स के जरिए भी टोक्यो का टिकट कटा सकते हैं. कोविड-19 के कारण टोक्यो खेलों को एक साल के लिए स्थगित किया गया है.
भारतीय मुक्केबाज अभी बेल्लारी के इन्स्पायर खेल संस्थान में हैं जो कि जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के इस संस्थान में उच्चस्तरीय सुविधाएं हैं.