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GPBL Season 2 : ग्रां प्री बैडमिंटन लीग का सीजन-2 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सामने आई ये सबसे बड़ी वजह

रविवार से शुरू होने वाला ग्रां प्री बैडमिंटन लीग (जीपीबीएल) का सीजन-2 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. आयोजकों ने इसके पीछे की वजह को उजागर किया है. इस खबर में जानिए.

grand prix badminton league
ग्रां प्री बैडमिंटन लीग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 26, 2023, 10:12 PM IST

बेंगलुरु : ग्रां प्री बैडमिंटन लीग के आयोजकों ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) पर खिलाड़ियों के बीच डर और भय पैदा करने वाली रणनीति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए निजी तौर पर रविवार से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के सीजन 2 को स्थगित कर दिया है.

बीएआई द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में भाग लेने के खिलाफ खिलाड़ियों को चेतावनी देने के लिए नोटिस जारी करने के बाद, जीपीबीएल के आयोजक मामले को कर्नाटक उच्च न्यायालय में ले गए, जिसने बीएआई नोटिस पर रोक लगा दी. बीएआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने फैसला सुनाया कि मामले को सुनवाई और अंतिम निर्णय के लिए कर्नाटक एचसी को वापस भेजा जाए क्योंकि पिछला आदेश एकतरफा जारी किया गया था.

आयोजकों ने कार्यक्रम शुरू होने से एक दिन पहले शनिवार को एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा, 'जबकि माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश ने स्पष्ट रूप से खिलाड़ियों को लीग में खेलने की अनुमति दी थी, खिलाड़ियों को भारतीय बैडमिंटन संघ के दबाव और डराने-धमकाने की रणनीति का सामना करना पड़ा. खिलाड़ियों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए, जीपीबीएल लीग के प्रमोटरों ने सीज़न 2 को स्थगित कर दिया'.

जीपीबीएल दृढ़ता से खिलाड़ियों के साथ खड़ा रहा और हाल की चुनौतियों के सामने उनके अधिकारों और आकांक्षाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. आयोजकों ने विज्ञप्ति में दावा किया कि जहां बीएआई ने खिलाड़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, वहीं जीपीबीएल खिलाड़ी कल्याण और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की भावना के प्रति अपने समर्पण पर कायम रहा.

जीपीबीएल के आयुक्त प्रशांत रेड्डी ने कहा, 'यह न केवल बैडमिंटन के लिए बल्कि पूरे भारत में खेलों के लिए एक दुखद दिन है. खेल का सार निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा और एथलीटों के सशक्तिकरण में निहित है. हम उन खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं जिन्होंने जीपीबीएल का हिस्सा बनना चुना है, हम उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप निर्णय लेने के उनके अधिकार का सम्मान करते हैं. ऐसे माहौल को बढ़ावा देना आवश्यक है जहां खिलाड़ी परिणामों के डर के बिना अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए समर्थित और सशक्त महसूस करें.

बीएआई द्वारा जारी विभिन्न सर्कुलरों पर रेड्डी ने कहा, 'अदालत के विभिन्न आदेशों के बाद भी खिलाड़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना बहुत ही बेशर्मी है. जब बैडमिंटन की वृद्धि और विकास के लिए जिम्मेदार निकाय द्वारा ही उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो हम बहुत कुछ नहीं कर सकते'.

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(इनपुट: आईएएनएस)

बेंगलुरु : ग्रां प्री बैडमिंटन लीग के आयोजकों ने भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) पर खिलाड़ियों के बीच डर और भय पैदा करने वाली रणनीति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए निजी तौर पर रविवार से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के सीजन 2 को स्थगित कर दिया है.

बीएआई द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में भाग लेने के खिलाफ खिलाड़ियों को चेतावनी देने के लिए नोटिस जारी करने के बाद, जीपीबीएल के आयोजक मामले को कर्नाटक उच्च न्यायालय में ले गए, जिसने बीएआई नोटिस पर रोक लगा दी. बीएआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने फैसला सुनाया कि मामले को सुनवाई और अंतिम निर्णय के लिए कर्नाटक एचसी को वापस भेजा जाए क्योंकि पिछला आदेश एकतरफा जारी किया गया था.

आयोजकों ने कार्यक्रम शुरू होने से एक दिन पहले शनिवार को एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा, 'जबकि माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश ने स्पष्ट रूप से खिलाड़ियों को लीग में खेलने की अनुमति दी थी, खिलाड़ियों को भारतीय बैडमिंटन संघ के दबाव और डराने-धमकाने की रणनीति का सामना करना पड़ा. खिलाड़ियों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए, जीपीबीएल लीग के प्रमोटरों ने सीज़न 2 को स्थगित कर दिया'.

जीपीबीएल दृढ़ता से खिलाड़ियों के साथ खड़ा रहा और हाल की चुनौतियों के सामने उनके अधिकारों और आकांक्षाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. आयोजकों ने विज्ञप्ति में दावा किया कि जहां बीएआई ने खिलाड़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, वहीं जीपीबीएल खिलाड़ी कल्याण और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की भावना के प्रति अपने समर्पण पर कायम रहा.

जीपीबीएल के आयुक्त प्रशांत रेड्डी ने कहा, 'यह न केवल बैडमिंटन के लिए बल्कि पूरे भारत में खेलों के लिए एक दुखद दिन है. खेल का सार निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा और एथलीटों के सशक्तिकरण में निहित है. हम उन खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं जिन्होंने जीपीबीएल का हिस्सा बनना चुना है, हम उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप निर्णय लेने के उनके अधिकार का सम्मान करते हैं. ऐसे माहौल को बढ़ावा देना आवश्यक है जहां खिलाड़ी परिणामों के डर के बिना अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए समर्थित और सशक्त महसूस करें.

बीएआई द्वारा जारी विभिन्न सर्कुलरों पर रेड्डी ने कहा, 'अदालत के विभिन्न आदेशों के बाद भी खिलाड़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना बहुत ही बेशर्मी है. जब बैडमिंटन की वृद्धि और विकास के लिए जिम्मेदार निकाय द्वारा ही उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो हम बहुत कुछ नहीं कर सकते'.

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(इनपुट: आईएएनएस)

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