ETV Bharat / sports

राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व रजत पदक विजेता मंदीप जांगड़ा पेशेवर मुक्केबाज बने - Mandeep Jangra

ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों (2014) के रजत पदक और अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज मंदीप जांगड़ा ने पेशेवर बनने का फैसला किया है और वो 19 मार्च में फ्लोरिडा में अपने पेशेवर करियर का आगाज करेंगे.

Mandeep Jangra
Mandeep Jangra
author img

By

Published : Mar 6, 2021, 7:10 PM IST

नई दिल्ली: 27 साल के मुक्केबाज मंदीप जांगड़ा सुपर वाल्टरवेट (69 किग्रा भार वर्ग) में चुनौती पेश करेगा जहां उनके विरोधी खिलाड़ी का अभी फैसला नहीं हुआ है.

एशियाई चैम्पियनशिप (2013) के इस रजत पदक विजेता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''मैं पिछले एक साल से पेशेवर बनने की कोशिश कर रहा था और आखिरकार ऐसा हो पाया. मैं 19 मार्च को होने वाले बाउट से पहले अभ्यास के लिए कल अमेरिका के लिए रवाना हो रहा हूं.''

उन्होंने कहा, ''ये मेरे लिए एकमात्र मुकाबला है जिसे 'एमटीके ग्लोबल' के सहयोग से आयोजित किया जाएगा. मैं देखूंगा कि चीजें कैसे चलती हैं. उम्मीद है, मुझे सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक प्रमोटर मिलेगा.''

दक्षिण एशियाई खेलों का यह स्वर्ण पदक विजेता आखिरी बार ‘इंडियन बॉक्सिंग लीग’ के 2019 सत्र में रिंग में दिखा था. वो हालांकि इसके बाद राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं बना पाए थे.

ये भी पढ़ें- विकास, मनीष समेत छह भारतीय पुरूष मुक्केबाज फाइनल में

उन्होंने कहा, ''मेरे लिए ये (राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं बना पाना) निराशाजनक है लेकिन मैं एमेच्योर मुक्केबाजी नहीं छोडूंगा जिन दो श्रेणियों में मैं ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए प्रयास कर सकता था वह 69 किग्रा और 75 किग्रा हैं, इन दोनों पहले ही कोटा तय (विकास कृष्ण और आशीष कुमार ) हो गया है.''

नई दिल्ली: 27 साल के मुक्केबाज मंदीप जांगड़ा सुपर वाल्टरवेट (69 किग्रा भार वर्ग) में चुनौती पेश करेगा जहां उनके विरोधी खिलाड़ी का अभी फैसला नहीं हुआ है.

एशियाई चैम्पियनशिप (2013) के इस रजत पदक विजेता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''मैं पिछले एक साल से पेशेवर बनने की कोशिश कर रहा था और आखिरकार ऐसा हो पाया. मैं 19 मार्च को होने वाले बाउट से पहले अभ्यास के लिए कल अमेरिका के लिए रवाना हो रहा हूं.''

उन्होंने कहा, ''ये मेरे लिए एकमात्र मुकाबला है जिसे 'एमटीके ग्लोबल' के सहयोग से आयोजित किया जाएगा. मैं देखूंगा कि चीजें कैसे चलती हैं. उम्मीद है, मुझे सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक प्रमोटर मिलेगा.''

दक्षिण एशियाई खेलों का यह स्वर्ण पदक विजेता आखिरी बार ‘इंडियन बॉक्सिंग लीग’ के 2019 सत्र में रिंग में दिखा था. वो हालांकि इसके बाद राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं बना पाए थे.

ये भी पढ़ें- विकास, मनीष समेत छह भारतीय पुरूष मुक्केबाज फाइनल में

उन्होंने कहा, ''मेरे लिए ये (राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं बना पाना) निराशाजनक है लेकिन मैं एमेच्योर मुक्केबाजी नहीं छोडूंगा जिन दो श्रेणियों में मैं ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए प्रयास कर सकता था वह 69 किग्रा और 75 किग्रा हैं, इन दोनों पहले ही कोटा तय (विकास कृष्ण और आशीष कुमार ) हो गया है.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.