चेन्नई: अखिल भारतीय शतरंज महासंघ को तब बड़ा झटका लगा जब अंतरराष्ट्रीय महासंघ फिडे ने भारतीय खिलाड़ियों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया और उनकी ईएलओ रेटिंग्स को भी बहाल कर दिया
फिडे के अध्यक्ष अकार्डी वोरकोविच ने एक बयान में कहा, "तकरीबन एक दशक पहले, फिडे ने एआईसीएफ की तरफ से कई खिलाड़ियों की इएलओ रेटिंग्स हटा दी थीं और उनके रिकार्ड को भी हटा दिया था. आज हम इस बात को बता कर काफी खुश हैं कि हम इन सभी खिलाड़ियों को तुरंत प्रभाव से स्वागत करते हैं.
प्रतिबंधित किए गए खिलाड़ियों में से एक गुरप्रीत पाल सिंह ने मीडिया से कहा, "यह बड़ी खबर है न सिर्फ प्रभावित खिलाड़ियों के लिए बल्कि भारत के सभी शतरंज खिलाड़ियों के लिए. यह एआईसीएफ और उसके अधिकारियों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने कई खिलाड़ियों के करियर को खत्म कर दिया."
एक और प्रतिबंधित खिलाड़ी करुण दुग्गल ने कहा, "जिन एआईसीएफ अधिकारियों ने हम पर बैन लगाया था और हमारी इएलओ रेटिंग्स हटा दी थी वो कई वर्षो से पदों पर बने हुए हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए."
फिडे के बयान में हालांकि इस बात का जिक्र नहीं है कि एआईसीएफ ने जिन खिलाड़ियों को प्रतिबंधित किया था उनकी वापसी की प्रक्रिया क्या होगी.