नई दिल्ली: भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी युवा महिला निशानेबाज मनु भाकर को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार न मिलने पर उनके पिता रामकिशन भाकर ने सवाल खड़े किए हैं.
मनु के पिता ने कहा है कि वो कौन से पैमाने हैं, जिनके आधार पर मनु को बाल पुरस्कार से वंचित रखा गया. मनु के पिता ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय में फोन कर और ई-मेल से भी इस बाबत जवाब मांगा लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
रामकिशन ने मीडिया से कहा, "पीएम बाल पुरस्कार अवॉर्ड मनु को नहीं मिला. मैं बस ये सवाल कर रहा हूं कि ऐसे कौन से पैमाने थे कि मनु को यह अवॉर्ड नहीं दिया गया. वो 18 साल से कम की है. पिछले तीन सालों में उसने कई सारे पदक जीते हैं. ऐसा कौन सा क्राइटेरिया बना दिया है कि मनु को अवॉर्ड नहीं मिला. मैं सवाल पूछ रहा हूं तो कोई जवाब नहीं दे रहा है."
उन्होंने कहा, "मैं 20 दिन से मंत्रालय में बात करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन कोई मेरी बात ही करवा रहा. सचिव रवींद्र हैं उनके पीए से, संयुक्त सचिव हैं आस्था उनके पीए से, आरपी सिंह हैं सह सचिव उनके पीए से बात हुई इनमें से कोई भी मेरी आगे बात ही नहीं करवा रहे. कह देते हैं कि साहब मीटिंग में हैं. इस विभाग की केंद्रीय स्मृति ईरानी के ऑफिस में पीए से भी बात हुई लेकिन कोई जवाब ही नहीं दे रहा."
रामकिशन ने कहा कि उन्होंने मेल करके भी जवाब मांगा लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिली.
उन्होंने कहा, "मैंने मेल भी लिखे हैं, जिसमें लिखा है कि क्या क्राइटेरिया है जिसके कारण मनु को अवॉर्ड नहीं मिला. मैं 20 दिन से लगातार यही कर रहा हूं."
रामकिशन ने अवॉर्ड में धांधली का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "मंत्रालय अगर नहीं समझता है तो इसका मतलब है कि अवॉर्ड में धांधली हो रही है. एक उम्र का क्राइटेरिया होता है कि 18 साल से कम होनी चाहिए तो वो मनु है. प्रदर्शन की बात करें तो, चार-पांच बच्चों को मिलता है तो क्या उसमें भी मनु का नंबर नहीं है, ऐसा थोड़ी होता है."
उन्होंने कहा, "नहीं तो हमें जस्टीफाई करो कि मनु का नाम इसलिए नहीं आया. हम तो सवाल कर रहे हैं मेल लिख के पूछ रहे हैं तो बताएं तो कि इस क्राइटेरिया में पीछे हैं."
मनु ने 2018 में गोल्ड कोस्ट में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है. पिछले साल वह रियो डी जनेरिया, म्यूनिख, बीजिंग और नई दिल्ली में आयोजित विश्व कप में भी पदक जीते हैं.