हैदराबाद: विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघल ने मंगलवार को बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) में उन्हें कोच और स्पारिंग पार्टनर (अभ्यास के साथी) मुहैया नहीं कराने के लिए आड़े हाथों लिया है. जिसके कारण टोक्यो ओलंपिक के लिए उनका प्रशिक्षण बाधित हुआ है.
घरेलू पदक लाने की भारत की आशाओं में से एक, पंघल ने कहा कि उन्होंने दिसंबर में बीएफआई और एसएआई से अनुरोध किया था, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला.
दुनिया के नंबर एक (52 किग्रा) मुक्केबाज अमित पंघल ने ईटीवी भारत के साथ टेलीफोन पर बातचीत में कहा, "मैंने बीएफआई और एसएआई को लिखा था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. मैंने अपना आवेदन दिया लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया. मैंने उनसे कई बार अनुरोध किया है और वे इस कारण को भी बता नहीं पा रहे हैं कि वे मुझे कोच क्यों नहीं दे रहे हैं."
एशियाई खेलों के चैंपियन पंघल ने उन पर "गंदी राजनीति" खेलने का भी आरोप लगाया और मांग पूरी न होने पर राष्ट्रीय शिविर से बाहर निकालने की चेतावनी दी. स्टार पंघल पहले ही टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और अगर उसके हाल के प्रदर्शनों को देखें तो वो भारत के लिए स्वर्ण पदक लाने के लिए पसंदीदा बॉक्सरों में से एक है.
"इन कारणों की वजह से टोक्यो ओलंपिक के लिए मेरे प्रशिक्षण में बाधा आई है. मैंने एक खिलाड़ी के रूप में बहुत कुछ हासिल किया है और वे मेरे साथ राजनीति खेल रहे हैं. ये एक संपर्क खेल (बॉक्सिंग) है और हमें तीन से चार सहयोगियों की आवश्यकता है.
25 वर्षीय ने कहा, "अगर हमें ये सब भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो हम अपना फिटनेस सत्र कैसे करेंगे? मैंने बीएफआई से कई बार अनुरोध किया. जब मैं भारत वापस आऊंगा तो मैं उनसे फिर से अनुरोध करूंगा. मैं प्रशिक्षण शिविर में भाग नहीं लूंगा, अगर वे मुझे कोच उपलब्ध नहीं कराते हैं."
एशियाई खेल चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता अमित ने हाल ही में फ्रांस के नांतेस में आयोजित एलेक्सिस वास्टाइन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अमेरिका के रेने अब्राहम को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता. वो वर्तमान में इटली के असीसी में 15 सदस्यीय भारत दल के साथ में हैं. जिसने यूरोप की 52-दिवसीय प्रशिक्षण यात्रा की है.
जब उनसे उनकी जीत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं लंबे समय के बाद खेला हूं. मैंने क्वारंटीन के दौरान अभ्यास किया था और ये देखना अच्छा था कि वे प्रशिक्षण सत्र कितने सफल थे. मुझे पता चला कि मुझे कितना मुश्किल काम करने की जरूरत है. कुल मिलाकर यह एक अच्छा अनुभव था."
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भारत और यूरोप में प्रशिक्षण सुविधाओं के बीच अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं भारत में अच्छी तरह से ट्रेनिंग करने में सक्षम नहीं था. मैं बिना किसी साथी के प्रशिक्षण ले रहा था, लेकिन जब मैं यहां पहुंचा तो मुझे ये सुविधा मिली लेकिन कोरोनोवायरस के मामले में यहां वृद्धि हुई है और मैं इस समय अकेले प्रशिक्षण ले रहा हूं.'' जब ईटीवी भारत ने बीएफआई से संपर्क किया तो अधिकारी ने जवाब देने से इनकार कर दिया. उनके आधिकारिक ई-मेल पर एक अनुरोध भेजा गया था और वे इस सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं. इस मामले पर SAI से भी संपर्क किया गया था. अभी उनके जवाब का इंतजार है.
इस वर्ष की शुरुआत में अन्य सभी खेल निकायों सहित बॉक्सिंग फेडरेशन को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता दी गई थी. बाद में, पिछले महीने 27 संघों को मान्यता दी गई और बीएफआई सहित 13 फेडरेशन को वर्ष के अंत तक चुनाव कराने के लिए रोका गया. इन सभी फेडरेशन को मान्यता नहीं मिलने का मतलब है कि बीएफआई मुक्केबाजों से संबंधित कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं था, जिसमें राष्ट्रीय शिविर और अन्य फैसले शामिल थे जबकि एसएआई ने इस मामले को संभाला था.