भुवनेश्वर: भारत की स्टार महिला धावक दुती चंद ने ओडिशा सरकार की ओर से जारी किए गए उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा गया था कि सरकार ने 2015 से अब तक दुती को 4.09 करोड़ रुपये वित्तिय सहायता के रूप में दिया है. दुती ने कहा है कि फेसबुक अकाउंट से कार बेचने वाले पोस्ट को हटाने के बावजूद उन्हें निशाना क्यों बनाया जा रहा है.
दुती ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था कि वो अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेच रही हैं. उन्होंने हालांकि बाद में ये पोस्ट हटा दी लेकिन तब तक इसे लेकर देश में सुर्खियां बन गई थीं.
-
Statement. pic.twitter.com/AHEP3q50Ds
— Dutee Chand (@DuteeChand) July 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Statement. pic.twitter.com/AHEP3q50Ds
— Dutee Chand (@DuteeChand) July 15, 2020Statement. pic.twitter.com/AHEP3q50Ds
— Dutee Chand (@DuteeChand) July 15, 2020
जिसके बाद दुती चंद ने कहा था कि उन्होंने अपनी सेडान कार इसलिए बेची क्योंकि वो कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) और ओडिशा सरकार पर बोझ नहीं डालना चाहतीं.
इस पोस्ट के सुर्खियों में आने के बाद ओडिशा सरकार के खेल विभाग ने एक बयान में कहा," दुती को एशियाई खेल 2018 में पदक जीतने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में तीन करोड़ रुपये, 2015-19 के दौरान प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के लिए 30 लाख रुपये, टोक्यो ओलंपिक के लिए प्रशिक्षण 50 लाख रुपये दिए गए हैं."
बयान में साथ ही कहा गया," राज्य सरकार ने दुती चंद को ओडिशा खनन निगम (ए गोल्ड श्रेणी पीएसयू) में समूह-ए के स्तर की अधिकारी के रूप में नियुक्त किया. वो वर्तमान में 84,604 रुपये (जून 2020 वेतन) प्रति माह के रूप में ले रही हैं. उन्हें कार्यालय आने की जरूरत नहीं है ताकि वो प्रशिक्षण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें."
जिसके जवाब में दुती चंद ने कहा है कि उनके फेसबुक पोस्ट का गलत मतलब निकाला गया. चंद ने कहा कि इससे नकारात्मकता और विवाद को जन्म देने के लिए ऐसा किया गया. जिसके परिणाम में ओडिशा सरकार ने सक्त प्रतिक्रिया देते हुए चंद से संबधित वित्तीय विवरण को जारी किया.
इससे पहले भी दो बार की एशियाई खेल पदक विजेता ने अपने फेसबुक पोस्ट पर सफाई पेश की थी. उन्होंने कहा था," ओडिशा सरकार और मेरे अपने केआईआईटी विश्वविद्यालय ने हमेशा मेरा समर्थन किया है. इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मेरा प्रशिक्षण बहुत महंगा है, खासकर 2021 ओलंपिक के लिए. मैं केवल ये चाहती थी कि ये पैसा मेरे प्रशिक्षण के लिए डायवर्ट किया जा सकता है और राज्य सरकार से धन प्राप्त करने के बाद कोविड के बाद एक कार खरीदी जा सकती है."