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अनिल खन्ना ने आईओए कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

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Published : Sep 21, 2022, 8:43 PM IST

आईओए के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के शासन को समाप्त करने के अदालत के फैसले के बाद अनुभवी खेल प्रशासक अनिल खन्ना ने आईओए का कार्यभार संभाला था.

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Anil Khanna

नई दिल्ली: अनुभवी खेल प्रशासक अनिल खन्ना ने बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यवाहक अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. खन्ना ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के दो सप्ताह पहले लिये गये उस फैसले पर उठाया जिसमें खेल के अंतरराष्ट्रीय निकाय ने किसी भी 'कार्यवाहक / अंतरिम अध्यक्ष' पद को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.

आईओसी ने आठ सितंबर को आईओए को निलंबन की धमकी देते हुए कहा था कि आईओए को इस साल दिसंबर तक चुनाव करा लेना चाहिए. आईओए के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के शासन को समाप्त करने के अदालत के फैसले के बाद खन्ना ने आईओए का कार्यभार संभाला था. आईओए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुके खन्ना ने कहा कि वह आईओसी के दृष्टिकोण का सम्मान करते है. उन्होंने इसके साथ ही आईओसी से सवाल किया कि खेलों को लेकर 'देश का कानून' और एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) के संविधान के मामले में निर्णय और व्याख्या करने का अंतिम अधिकार किसके पास होगा.

यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने पूर्व हॉकी कोच मारिन को मनप्रीत सिंह पर बयान, साक्षात्कार देने से रोका

खन्ना ने अपने बयान में कहा, आईओए के संविधान और 2011 में अध्यक्ष पद के रिक्त होने के बाद ऐसी ही मामले के आधार पर आम सभा की सर्वसम्मति से मैंने एक संक्षिप्त अवधि के लिए अध्यक्ष के कर्तव्यों की जिम्मेदारी संभाली थी.

उन्होंने तत्कालीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष वी. के. मल्होत्रा का उदाहरण दिया था. 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी की 2011 में गिरफ्तारी के बाद मल्होत्रा ने आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष का पद संभाला था. खन्ना ने आईओए महासचिव और इसके सदस्यों को जारी पत्र में लिखा, माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 24 जून 2022 को इसकी पुष्टि की गई है.

उन्होंने कहा, मैं पिछले कई वर्षों से आईओए खेल बिरादरी का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, जहां भारत ने उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया.

यह भी पढ़ें: 'द ओवल' 2023 और 'लॉर्ड्स' 2025 में डब्ल्यूटीसी फाइनल की मेजबानी करेंगे: आईसीसी

उन्होंने कहा कि सरकार आईओए के संचालन को सामान्य करने का पूरा प्रयास कर रही है और सर्वोच्च न्यायालय भारतीय खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए आईओसी के विचारों के प्रति संवेदनशील है. खन्ना ने कहा, मैंने 18 सितंबर 2022 के अपने पहले के पत्र में कहा था कि यह आईओए परिवार का कर्तव्य है कि वह सरकार का सहयोग करें और आईओसी और माननीय न्यायालयों के मार्गदर्शन में कदम उठाएं। सुशासन के सिद्धांतों का पालन करते हुए समय-सीमा के अनुसार निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए.

उन्होंने कहा, आईओए के सभी सदस्यों के बीच सद्भाव लाने और उपरोक्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए मैंने आईओए के संविधान और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मुझे दी गई अध्यक्ष की जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को छोड़ने का फैसला किया.

नई दिल्ली: अनुभवी खेल प्रशासक अनिल खन्ना ने बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यवाहक अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. खन्ना ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के दो सप्ताह पहले लिये गये उस फैसले पर उठाया जिसमें खेल के अंतरराष्ट्रीय निकाय ने किसी भी 'कार्यवाहक / अंतरिम अध्यक्ष' पद को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.

आईओसी ने आठ सितंबर को आईओए को निलंबन की धमकी देते हुए कहा था कि आईओए को इस साल दिसंबर तक चुनाव करा लेना चाहिए. आईओए के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के शासन को समाप्त करने के अदालत के फैसले के बाद खन्ना ने आईओए का कार्यभार संभाला था. आईओए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रह चुके खन्ना ने कहा कि वह आईओसी के दृष्टिकोण का सम्मान करते है. उन्होंने इसके साथ ही आईओसी से सवाल किया कि खेलों को लेकर 'देश का कानून' और एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) के संविधान के मामले में निर्णय और व्याख्या करने का अंतिम अधिकार किसके पास होगा.

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खन्ना ने अपने बयान में कहा, आईओए के संविधान और 2011 में अध्यक्ष पद के रिक्त होने के बाद ऐसी ही मामले के आधार पर आम सभा की सर्वसम्मति से मैंने एक संक्षिप्त अवधि के लिए अध्यक्ष के कर्तव्यों की जिम्मेदारी संभाली थी.

उन्होंने तत्कालीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष वी. के. मल्होत्रा का उदाहरण दिया था. 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी की 2011 में गिरफ्तारी के बाद मल्होत्रा ने आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष का पद संभाला था. खन्ना ने आईओए महासचिव और इसके सदस्यों को जारी पत्र में लिखा, माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 24 जून 2022 को इसकी पुष्टि की गई है.

उन्होंने कहा, मैं पिछले कई वर्षों से आईओए खेल बिरादरी का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, जहां भारत ने उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया.

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उन्होंने कहा कि सरकार आईओए के संचालन को सामान्य करने का पूरा प्रयास कर रही है और सर्वोच्च न्यायालय भारतीय खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए आईओसी के विचारों के प्रति संवेदनशील है. खन्ना ने कहा, मैंने 18 सितंबर 2022 के अपने पहले के पत्र में कहा था कि यह आईओए परिवार का कर्तव्य है कि वह सरकार का सहयोग करें और आईओसी और माननीय न्यायालयों के मार्गदर्शन में कदम उठाएं। सुशासन के सिद्धांतों का पालन करते हुए समय-सीमा के अनुसार निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए.

उन्होंने कहा, आईओए के सभी सदस्यों के बीच सद्भाव लाने और उपरोक्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए मैंने आईओए के संविधान और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मुझे दी गई अध्यक्ष की जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को छोड़ने का फैसला किया.

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