बेंगलुरु: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को बेंगलुरू के कांतीरवा इंडोर स्टेडियम में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 के समापन समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान पोस्टल कवर का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई अधिकारीगण मौजूद रहे.
बता दें कि इस बार के खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का खिताब जैन यूनिवर्सिटी के नाम रहा. जैन यूनिवर्सिटी ने 20 गोल्ड समेत 32 मेडल के साथ टेबल में टॉप पर रहते हुए यह खिताब अपने नाम किया. जैन यूनिवर्सिटी ने 20 गोल्ड के अलावा सात सिल्वर और पांच ब्रांज मेडल जीतकर अपना परचम लहराया. जबकि पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) दूसरे स्थान पर रही. एलपीयू ने 17 गोल्ड, 15 सिल्वर, 19 ब्रांज मेडल अपने नाम किए. वहीं गत चैंपियन पंजाब यूनिवर्सिटी तीसरे स्थान पर रही.
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Presenting the Final Medal 🏅Tally of #KIUG2021 😃
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Hosts @JainDeemedtbUnv are the CHAMPIONS of the 2nd edition of #KheloIndia University Games 🤩
2nd & 3rd positions are taken by Lovely Professional University and @OfficialPU respectively 👏🏻👏🏻 pic.twitter.com/aiRNGCofIP
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मोहम्मद फैज पी ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा- यह हमारी ईद मुबारक है
केरल की दो विश्वविद्यालय टीमों ने मंगलवार को बेंगलुरु के जैन विश्वविद्यालय परिसर में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स पुरुष फुटबॉल फाइनल में एक-दूसरे के खिलाफ सामना किया. महात्मा गांधी विश्वविद्यालय की केरल विश्वविद्यालय पर 2-0 की जीत के बाद गोलकीपर मोहम्मद फैज पी ने कहा, यह हमारा ईद मुबारक है और हम इस क्षण का आनंद ले रहे हैं. इस चैंपियनशिप को जीतना हमारे लिए विशेष है. केरल विश्वविद्यालय ने बहुत अच्छा खेला, लेकिन हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा था और हमने मैच जीत लिया. फैज ने टीम की जीत अजय एलेक्स और सोयल जोशी को समर्पित किया, जो केआईयूजी में नहीं खेल सके. क्योंकि वे संतोष ट्रॉफी में केरल के लिए खेले थे.
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Day 10 - HIGHLIGHTS of Khelo India University Games 2021
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उन्होंने कहा, एथलीटों ने टीम के लिए बहुत अच्छा खेल दिखाया. हमारे मुख्य कोच इस टूर्नामेंट के लिए नहीं आ सके, इसलिए हम इस चैंपियनशिप को उन्हें समर्पित करना चाहते हैं. हमारे विश्वविद्यालय से दो खिलाड़ी (अजय एलेक्स और सोयल जोशी) हैं, जो संतोष ट्रॉफी विजेता केरल टीम टूर्नामेंट का हिस्सा थे. हम यह जीत उन्हें भी समर्पित करते हैं.
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मैच में गोल करने वाले हरि शंकर केएस (42' मिनट) और अर्जुन वी (89' मिनट) ने भी फाइनल मैच के बाद अपना उत्साह व्यक्त किया. शंकर ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मैंने फाइनल में एक गोल किया. मैंने एक अकादमी में खेलना शुरू किया और मैं पिछले 10 सालों से फुटबॉल खेल रहा हूं. हम अच्छे अंतर से जीते और हमें अपनी टीम से इस प्रदर्शन की उम्मीद थी. महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के मुख्य कोच हैरी बिन्नी ने इच्छुक फुटबॉल प्रशंसकों के लिए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के महत्व के बारे में अपने विचार प्रकट किए. उन्होंने कहा, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 उन लोगों के लिए एक बड़ा मंच है, जो पेशेवर फुटबॉल खेलने के इच्छुक हैं.
कोटा विश्वविद्यालय ने सीएच बंसी लाल विश्वविद्यालय को हराकर स्वर्ण पदक जीता
कोटा विश्वविद्यालय ने मंगलवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2021 में कबड्डी फाइनल में चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय को 52-37 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. दिन के पहले मैच में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय द्वारा खेला गया, जो महिलाओं का फाइनल था. शुरुआत से ही कुरुक्षेत्र के दबदबे ने उन्हें 46-19 से मुकाबले में जीत दिलाई.
पुरुषों के फाइनल में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ खेल, युवा मामले और सूचना और प्रसारण मंत्री उपस्थिति रहे. इसके अलावा प्रो कबड्डी लीग के खिलाड़ी पवन सहरावत, अजय ठाकुर और नवीन कुमार उपस्थित थे. उच्च गुणवत्ता वाली प्रतियोगिता से उत्साहित मंत्री ने अनुरोध किया कि प्रो कबड्डी लीग नौवें सत्र के मसौदे में दो फाइनलिस्ट के खिलाड़ियों को शामिल करने पर विचार करे.
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ठाकुर ने कहा, मैं लीग के कुछ सुपरस्टार्स के साथ बैठा था और मैंने उनसे पूछा कि उनमें और यहां खेलने वाले लड़कों में कितना अंतर है. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ खिलाड़ी निश्चित रूप से लीग में टीमों का हिस्सा हो सकते हैं. ठाकुर ने कहा, यह सुनने के बाद, मुझे उम्मीद है कि लीग के आयोजक अगले सत्र के लिए खिलाड़ियों को ड्राफ्ट में शामिल करने पर विचार करेंगे. यह भारतीय खेल के लिए खेल बदलने वाला क्षण होगा. विश्वविद्यालय के खेल के लिए हमारी खेल प्रणाली में पूर्वता हासिल करने का अवसर है.
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A glimpse of vibrant culture display at the closing ceremony of #KIUG2021#KheloIndia pic.twitter.com/RDaMy1EhUX
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कोटा के कप्तान आशीष ने कहा, मुझे लगता है कि पहले हाफ में हम सभी थोड़े नर्वस थे. वातावरण ने हमें खेल से दूर कर दिया था. हालांकि दूसरे हाफ में, हमारे कोच ने हमें खेल पर ही ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा, जिससे और अच्छी परिणाम हमारे पक्ष में आए.
टीटी कप्तान मंदार हार्डिकर का बयान
जब मुंबई विश्वविद्यालय ने सोमवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में एसआरएम यूनिवर्सिटी के खिलाफ टेबल टेनिस फाइनल खेलने के लिए कदम रखा, तो बहुत हैरानी वाली बात हुई. मुंबई विश्वविद्यालय टीम के कप्तान मंदार हार्डिकर ने फाइनल में न खेलने का फैसला किया और इसके बजाय, चिन्मय सोमैया, दीपित पाटिल और पार्थ केलकर को शुरू करने के लिए चुना गया. कुछ दिन पहले एसआरएम यूनिवर्सिटी के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में मुंबई विश्वविद्यालय के लिए अहम खिलाड़ी रहे हार्दिकर अपनी टीम का उत्साहवर्धन कर रहे थे.
हार्डिकर ने फाइनल में 3-0 की जीत के बाद कहा, यह अब तक के टूर्नामेंट में हमारे परिणामों के आधार पर हमने एक नीति बनाई थी कि केआईयूजी 2021 में टेबल टेनिस प्रतियोगिता में किस खिलाड़ी ने किस खिलाड़ी के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया है.
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वर्तमान में, हार्डिकर क्रोएशियाई क्लब, एसटीके स्टार के लिए यूरोपीय लीग में खेलते हैं, और चैंपियंस लीग में एक नियमित विशेष खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने 2019 में चाइना ओपन में अंडर-19 स्तर पर भारत के लिए भी खेला है और अपने पूरे करियर में कई भारत कैंपों में भाग लिया है. उनकी टीम के साथी दीपित पाटिल ने भी अंडर-21 स्तर पर खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. हार्दिक का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय अनुभव ने वास्तव में एसआरएम विश्वविद्यालय की एक मजबूत टीम के खिलाफ फाइनल में उनकी टीम की मदद की. टीटी कप्तान मंदार हार्डिकर ने कहा कि मनिका और शरथ की सफलता ने खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी के लिए दरवाजे खोले हैं.
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Hon'ble Union Minister of Home Affairs & Cooperation Shri. @AmitShah felicitates Indian Women's Hockey Team 🇮🇳 for their Outstanding performance in #Tokyo2020 Olympics👏👏@TheHockeyIndia @imranirampal @savitahockey @SAI_Bengaluru pic.twitter.com/LE1IqbUj6A
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मुंबई के मलाड इलाके के रहने वाले मंदार ने शुरुआत में ज्यादातर मुंबईकरों की तरह क्रिकेट में कोचिंग लेना शुरू किया. जब वह 9 साल का था, तब उसे टेबल टेनिस कोचिंग के एक सत्र में ले जाया गया, जो उसके स्कूल के पास एक जगह पर बच्चों को दी जा रही थी और उन्होंने अपने क्रिकेट के बल्ले को पैडल से बदलने की रुचि विकसित की. हार्डिकर ने अपनी खेल यात्रा में बदलाव के कारणों के बारे में बताते हुए कहा, मैंने टेबल टेनिस को काफी तेजी सीखा. हर कोई मुंबई में क्रिकेट खेलता है इसलिए, मैं भी अलग होना चाहता था. साथ ही क्रिकेट में कोचिंग काफी महंगी थी.
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हार्दिक के पिता एक कर सलाहकार के रूप में काम करते हैं और उनकी मां बीएमसी में काम करती हैं. उन्हें अपने करियर के शुरुआती दौर में अपने माता-पिता से बहुत अधिक समर्थन लेने की बात कही. उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने कहा कि अगर हमें खर्च करना भी पड़े, तो इससे हमें लंबे समय में मदद मिलेगी. उन्होंने उस समय मुझ पर काफी निवेश किया था.
अब, टेबल टेनिस में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने को लेकर हार्दिकर का मानना है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स ने उन्हें विश्व स्तर के आयोजन के लिए बहुत अच्छा अनुभव और सीख दी.