नई दिल्ली: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत के पूर्व स्टार खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) के आरोपों को खारिज कर दिया है. भूटिया ने आरोप लगाया था कि उन्हें कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान शाजी प्रभाकरन की फुटबॉल संचालन निकाय के महासचिव के रूप में नियुक्ति पर बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी.
भारत के पूर्व कप्तान और फारवर्ड भूटिया ने सोमवार को एआईएफएफ कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा था, उन्हें प्रभाकरन की एआईएफएफ महासचिव के रूप में नियुक्ति के बारे में बोलने की अनुमति नहीं थी जिसका उन्होंने तय समय से काफी पहले अनुरोध किया था. भूटिया ने यह भी कहा कि वह कानूनी विकल्प खुला रख रहे हैं.
इस घटनाक्रम से जुड़े एआईएफएफ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि भूटिया एक महान खिलाड़ी थे, लेकिन सोमवार की बैठक के बाद पूर्व भारतीय कप्तान ने संवाददाताओं से जो कुछ भी कहा, वह सच्चाई से बहुत दूर है.
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एआईएफएफ के अधिकारी ने कहा कि सोमवार की बैठक की शुरूआत इस नोट से हुई, पिछली बैठक के मिनटों की पुष्टि. इससे पहले 3 सितंबर को फुटबॉल हाउस में हुई बैठक में प्रभाकरन को एआईएफएफ का महासचिव नियुक्त किया गया था.
अधिकारी ने पूछा, जब यह मुद्दा उठाया गया, जिसमें महासचिव के रूप में प्रभाकरन की नियुक्ति भी शामिल थी, तो किसी ने कोई आपत्ति नहीं की, इसलिए हमने इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया. भूटिया ने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया?
अधिकारी ने कहा, वास्तव में, जब अंडर-17 महिला विश्व कप के मुद्दे, पद्म पुरस्कारों और राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर चर्चा हुई, भूटिया ने बात की और अपने विचार रखे. अधिकारी ने आगे कहा कि केवल इतना ही नहीं, समिति ने उनके एक सुझाव को भी स्वीकार कर लिया.
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उनसे जब यह पूछा गया कि क्या कोई कुछ कहना चाहता है, तो हम यहां बैठक समाप्त कर देंगे, फिर भी भूटिया ने उस मुद्दे को नहीं उठाया, जिस पर वह चर्चा करना चाहते थे और जिसके लिए उन्होंने एक पत्र लिखकर कार्यकारी समिति को एजेंडे में जोड़ने के लिए कहा था.