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डैनी रोज ने बताया नस्लवाद से जुड़ा हाल का किस्सा कहा, ये मेरे साथ रोज होता है

टॉटनहम के खिलाड़ी डैनी रोज ने कहा, "मुझे पिछले सप्ताह ही पुलिस ने रोक दिया, जो कि अब काफी आम घटना हो चुकी है, जब भी मैं डोनकास्टर में वापस जाता हूं, जहां से मैं हूं. हर बार वहीं सवाल पूछते हैं, 'क्या यह कार चोरी की है? आपको ये कार कहां से मिली? आप यहां क्या कर रहे हैं? क्या आप साबित कर सकते हैं कि आपने ये कार खरीदी है'."

Danny Rose
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Published : Aug 4, 2020, 1:29 PM IST

लंदन: इंग्लैंड फुटबॉल टीम के डिफेंडर डैनी रोज ने कहा है कि पिछले सप्ताह ही डॉनकास्टर में पुलिस ने उन्हें रोक लिया था. रोज ने रोजमर्रा की जिंदगी में नस्लवाद पर खुल कर बात की.

रोज ने कहा, "यह सिर्फ फुटबॉल नहीं है. मुझे पिछले सप्ताह ही पुलिस ने रोक दिया, जो कि अब काफी आम घटना हो चुकी है, जब भी मैं डोनकास्टर में वापस जाता हूं, जहां से मैं हूं. हर बार वहीं सवाल पूछते हैं, 'क्या यह कार चोरी की है? आपको ये कार कहां से मिली? आप यहां क्या कर रहे हैं? क्या आप साबित कर सकते हैं कि आपने ये कार खरीदी है'."

Danny Rose
डैनी रोज

उन्होंने कहा, " आप जानते हैं कि मेरे साथ ये 18 साल से होता आ रहा है. हर बार ऐसा होता है और मैं केवल हंसता हूं क्योंकि मुझे पता है कि आगे क्या होने वाला है. आखिरी बार जब मैं ट्रेन में चढ़ा था तो मैं अपने बैग के साथ गया था और परिचारक ने कहा, 'क्या आप जानते हैं कि यह प्रथम श्रेणी है?' मैंने कहा, 'हां, तो क्या हुआ?'. वो मेरा टिकट देखने लगते हैं और मैं महिला को टिकट दिखाता हूं और ये झूठ नहीं है, दो लोग, गोरे लोग, मेरे बाद ट्रेन पर चलते हैं और वो कुछ नहीं कहती हैं."

रोज ने कहा, " मैंने कहा, आप उनसे टिकट के लिए क्यों नहीं पूछती है?' और उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे इसकी जरूरत नहीं है. इसलिए लोग सोचते हैं ये होता रहता है, लेकिन मेरे लिए ये एक नस्लवाद है."

इससे पहले भी कई बार फुटबॉलर्स ने नस्लवाद के किस्से सुनाए हैं जिससे पता चलता है कि समाज को कितना बदलने की जरूरत है.

लंदन: इंग्लैंड फुटबॉल टीम के डिफेंडर डैनी रोज ने कहा है कि पिछले सप्ताह ही डॉनकास्टर में पुलिस ने उन्हें रोक लिया था. रोज ने रोजमर्रा की जिंदगी में नस्लवाद पर खुल कर बात की.

रोज ने कहा, "यह सिर्फ फुटबॉल नहीं है. मुझे पिछले सप्ताह ही पुलिस ने रोक दिया, जो कि अब काफी आम घटना हो चुकी है, जब भी मैं डोनकास्टर में वापस जाता हूं, जहां से मैं हूं. हर बार वहीं सवाल पूछते हैं, 'क्या यह कार चोरी की है? आपको ये कार कहां से मिली? आप यहां क्या कर रहे हैं? क्या आप साबित कर सकते हैं कि आपने ये कार खरीदी है'."

Danny Rose
डैनी रोज

उन्होंने कहा, " आप जानते हैं कि मेरे साथ ये 18 साल से होता आ रहा है. हर बार ऐसा होता है और मैं केवल हंसता हूं क्योंकि मुझे पता है कि आगे क्या होने वाला है. आखिरी बार जब मैं ट्रेन में चढ़ा था तो मैं अपने बैग के साथ गया था और परिचारक ने कहा, 'क्या आप जानते हैं कि यह प्रथम श्रेणी है?' मैंने कहा, 'हां, तो क्या हुआ?'. वो मेरा टिकट देखने लगते हैं और मैं महिला को टिकट दिखाता हूं और ये झूठ नहीं है, दो लोग, गोरे लोग, मेरे बाद ट्रेन पर चलते हैं और वो कुछ नहीं कहती हैं."

रोज ने कहा, " मैंने कहा, आप उनसे टिकट के लिए क्यों नहीं पूछती है?' और उन्होंने कहा कि नहीं, मुझे इसकी जरूरत नहीं है. इसलिए लोग सोचते हैं ये होता रहता है, लेकिन मेरे लिए ये एक नस्लवाद है."

इससे पहले भी कई बार फुटबॉलर्स ने नस्लवाद के किस्से सुनाए हैं जिससे पता चलता है कि समाज को कितना बदलने की जरूरत है.

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