ज्यूरिख: इस पीढ़ी के सबसे महान फुटबॉल सुपरस्टार में से दो, लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो सर्वश्रेष्ठ फीफा फुटबॉल पुरस्कार 2020 में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार जीतने के लिए नोमिनेटेड थे. लेकिन बायर्न म्यूनिख के सुपरस्टार रॉबर्ट लेवंडोव्स्की ने दोनों दिग्गजों को पछाड़ दिया जिसके बाद उनको गुरुवार को सम्मानित किया गया.
बता दें कि पुरस्कार समारोह के बाद, फीफा ने मतदान की सूची जारी की जिसमें कहा गया कि मेसी ने रोनाल्डो को वोट नहीं दिया, जबकि लेवांडोस्की पर नेमार को प्राथमिकता दी.
म्यूनिख में मौजूद राष्ट्रपति जियानी इन्फेंटिनो के साथ लेवांडोव्स्की को द बेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर का ताज पहनाए जाने के कुछ घंटों बाद फीफा ने वोटिंग की प्राथमिकताएं की एक लिस्ट जारी की जिसमें राष्ट्रीय टीम के कप्तान और कोच को अपनी शीर्ष तीन वरीयताओं के लिए वोट करने के लिए कहा जाता है. जिसमें ये साबित हुआ कि अधिकांश वोट लेवंडोव्स्की के पक्ष में थे.
लेकिन अर्जेंटीना के कप्तान मेसी का वोटिंग पैटर्न काफी विचित्र देखा गया. जब उनके शीर्ष तीन को चुनने की बात आती है तो छह बार के बैलन डी' ओर विजेता ने रोनाल्डो को वोट नहीं दिया, जबकि लेवांडोव्स्की को भी नजरअंदाज करते हुए उनको अपनी तीसरी च्वाइंस बताया और टॉप पर अपने बार्सिलोना के पूर्व साथी और पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) के सुपरस्टार नेमार जूनियर नाम चुना.
इसके अलावा, नेमार की टीम के साथी किलियन म्बाप्पे को मेसी ने अपनी दूसरी च्वाइंस बताया.
वहीं आश्चर्यजनक की बात ये है कि रोनाल्डो ने भी बीते साल फीफा बेस्ट प्लेयर के लिए अपने राइवल मेसी को वोट नहीं दिया था.
जबकि नेमार और म्बाप्पे को मेसी द्वारा चुने जाने के बाद ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कही वो पीएसजी से जुड़ने तो नहीं वाले हैं? हालांकि मेसी द्वारा लेवांडोव्सकी को तीसरे स्थान पर रखना इस बात से भी गहरा संबध रखता है कि चैंपियंस लीग में बार्सिलोना को म्युनिख ने 2-8 से अपमानित किया था जिसमें लेवांडोस्की ने बड़ी भूमिका निभाई थी.