नई दिल्ली: स्टीफन कांस्टेंटाइन के इस्तीफा देने के बाद से भारतीय फुटबॉल टीम के कोच की दौड़ लगातार जोरों-शोरों से जारी है. मंगलवार को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने 35 नामों की सूची बनाई है, जिसमें इंग्लैंड फुटबॉल टीम के पूर्व मैनेजर स्वेन-गोरान एरिक्सन और बेंगलुरू एफसी के पूर्व मैनेजर एल्बर्ट रोका के नामों को इस दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है.
वहीं आपको बता दें भारतीय कोच बनने की दौड़ में एरिक्सन और रोका के अलावा टॉमी टेलर (इंग्लैंड), हाकान एरिक्सन (स्वीडन), टामिस्लाव सिविच (सर्बिया), ली क्लार्क (इंग्लैंड) और लुकास अल्कराज गोंजालेज (स्पेन) जैसे फुटबॉल के जाने माने नाम भी शामिल हैं.
एआईएफएफ के एक अधिकारी ने बताया, 'महासंघ को 250 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 125 के नामों की पहली सूची बनी, फिर इस 125 में से 80 के पास पर्याप्त योग्यता थी. उसके बाद विभिन्न मानदंडों के आधार पर लगभग 35-40 नामों को चुनकर तकनीकी समिति को भेजा गया. जिसमें से सात-आठ को अंतिम साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जिसके बाद नियुक्ति की जाएगी.'
गौरतलब है स्वेन-गोरान इससे पहले 2001 से 2006 तक पांच साल के लिए इंग्लैंड के कोच रह चुके हैं. मैनेजर के तौर पर 71 वर्षीय एरिक्सन ने 1979 से 2000 के बीच स्वीडन, पुर्तगाल और इटली के विभिन्न क्लबों के साथ 18 ट्रॉफियां जीतने के साथ तीन देशों में लीग-और-कप जीतने वाले पहले मैनेजर बने थे.
वहीं रोका कि देख-रेख में बेंगलुरू एफसी ने दो साल में चार फाइनल खेला जिसमें 2016 में एएफसी कप के फाइनल के साथ 2017 में फेडरेशन कप और 2018 में आईएसएल तथा सुपर कप का फाइनल शामिल है. उनके कोच रहते बेंगलुरू एफसी ने फेडरेशन कप और सुपर कप का खिताब जीता लेकिन एएफसी कप और आईएसएल खिताब जीतने से चूक गए.