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क्लबों को 2 साल के भीतर महिला टीम बनाना अनिवार्य : AIFF

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) आने वाले कुछ वर्षो में लाइसेंस नियमों के तहत सभी क्लबों को महिला टीम बनाना अनिवार्य कर देगी. महासंघ के सचिव कुशल दास ने ये जानकारी दी.

AIFF
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Published : Jul 27, 2020, 5:19 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 5:26 PM IST

कोलकाता : भारत को अगले साल अंडर-17 महिला विश्व कप और 2022 में एएफसी महिला एशियन कप की मेजबानी करनी है. इससे देश में महिला फुटबॉल को बल मिला है और इंडियन वुमन लीग (आईडब्ल्यूएल) के चौथे संस्करण में कुल 12 टीमों की भगीदारी देखने को मिली.

general secretary Kushal Das
महासंघ के सचिव कुशल दास

सभी क्लबों की महिला टीम होना जरूरी है

दास ने सभी क्लबों से अपील करते हुए कहा है कि वो महिला फुटबॉल के विकास को लेकर गंभीर रुख अपनाएं. उन्होंने कहा है कि आईडब्ल्यूए में ज्यादा से ज्यादा टीमों की जरूरत है. दास ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब तक क्लब इस बात की अहमियत को नहीं समझेंगे और इसमें निवेश नहीं करेंगे तो बदलाव काफी धीमे होगा और कम होगा.

दास ने कहा, "क्लबों को महिला फुटबॉल की अहमियत को समझना होगा और टीमें उतारनी होंगी. इसलिए हमने अपने लाइसेंस नियम में क्लॉज लागू कर दिया है कि सभी क्लबों की महिला टीम होना जरूरी है. इस समय हालांकि ये अनिवार्य नहीं है, लेकिन कुछ सीजनों में यह अनिवार्य हो जाएगा. हमें क्लबों को महिला टीम बनाने का समय देना होगा." उन्होंने कहा कि कोविड-19 क्लबों के महिला टीम बनाने के रास्ते में आ गया, लेकिन इसे लेकर सकारात्मक चर्चा भी हुई है और कई टीमें इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "मौजूदा स्थिति ने भी इसे मुश्किल कर दिया है, लेकिन क्लबों के साथ हमारी बात हुई है और अधिकतर क्लब महिला टीम बनाने के लिए राजी हैं."

FIFA U-17 World Cup
अंडर-17 महिला विश्व कप

दास ने कहा, "मुझे लगता है कि अंडर-17 महिला विश्व कप और एएफसी महिला एशिया कप-2022 का बड़ा असर पड़ेगा। हम इसे काफी उत्सुकता से देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इसका समाज, खासकर महिला फुटबॉल पर काफी बड़ा असर होगा. हमें लगता है कि विश्व कप की विरासत ज्यादा लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगी." दास ने साथ ही कहा कि भारतीय प्रशिक्षकों को अपनी क्षमता दिखाने का पूरा मौका मिलना चाहिए. हाल ही में भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा था कि भारत को ज्यादा प्रतिभाओं को उभारने के लिए प्रशिक्षकों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए.

दास ने कहा, "भारत में प्रशिक्षकों की शिक्षा को पूरी तरह से बदल दिया गया है. हमारे पास कुछ शानदार भारतीय प्रशिक्षक हैं. हमारी अंडर-16 महिला टीम और राष्ट्रीय महिला टीम के कोच बिबियानो फर्नाडिज और मेयमोल रॉकी के साथ पूरी तरह से भारतीय स्टाफ है. एएफसी ने अब भारतीय इंफ्रस्ट्रग्चर को पहचाना है तो हम अपने दम पर कोचिंग कार्यक्रम चला सकते हैं और पूरी तरह से एएफसी पर निर्भर नहीं रह सकते."

कोलकाता : भारत को अगले साल अंडर-17 महिला विश्व कप और 2022 में एएफसी महिला एशियन कप की मेजबानी करनी है. इससे देश में महिला फुटबॉल को बल मिला है और इंडियन वुमन लीग (आईडब्ल्यूएल) के चौथे संस्करण में कुल 12 टीमों की भगीदारी देखने को मिली.

general secretary Kushal Das
महासंघ के सचिव कुशल दास

सभी क्लबों की महिला टीम होना जरूरी है

दास ने सभी क्लबों से अपील करते हुए कहा है कि वो महिला फुटबॉल के विकास को लेकर गंभीर रुख अपनाएं. उन्होंने कहा है कि आईडब्ल्यूए में ज्यादा से ज्यादा टीमों की जरूरत है. दास ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब तक क्लब इस बात की अहमियत को नहीं समझेंगे और इसमें निवेश नहीं करेंगे तो बदलाव काफी धीमे होगा और कम होगा.

दास ने कहा, "क्लबों को महिला फुटबॉल की अहमियत को समझना होगा और टीमें उतारनी होंगी. इसलिए हमने अपने लाइसेंस नियम में क्लॉज लागू कर दिया है कि सभी क्लबों की महिला टीम होना जरूरी है. इस समय हालांकि ये अनिवार्य नहीं है, लेकिन कुछ सीजनों में यह अनिवार्य हो जाएगा. हमें क्लबों को महिला टीम बनाने का समय देना होगा." उन्होंने कहा कि कोविड-19 क्लबों के महिला टीम बनाने के रास्ते में आ गया, लेकिन इसे लेकर सकारात्मक चर्चा भी हुई है और कई टीमें इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, "मौजूदा स्थिति ने भी इसे मुश्किल कर दिया है, लेकिन क्लबों के साथ हमारी बात हुई है और अधिकतर क्लब महिला टीम बनाने के लिए राजी हैं."

FIFA U-17 World Cup
अंडर-17 महिला विश्व कप

दास ने कहा, "मुझे लगता है कि अंडर-17 महिला विश्व कप और एएफसी महिला एशिया कप-2022 का बड़ा असर पड़ेगा। हम इसे काफी उत्सुकता से देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इसका समाज, खासकर महिला फुटबॉल पर काफी बड़ा असर होगा. हमें लगता है कि विश्व कप की विरासत ज्यादा लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगी." दास ने साथ ही कहा कि भारतीय प्रशिक्षकों को अपनी क्षमता दिखाने का पूरा मौका मिलना चाहिए. हाल ही में भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा था कि भारत को ज्यादा प्रतिभाओं को उभारने के लिए प्रशिक्षकों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए.

दास ने कहा, "भारत में प्रशिक्षकों की शिक्षा को पूरी तरह से बदल दिया गया है. हमारे पास कुछ शानदार भारतीय प्रशिक्षक हैं. हमारी अंडर-16 महिला टीम और राष्ट्रीय महिला टीम के कोच बिबियानो फर्नाडिज और मेयमोल रॉकी के साथ पूरी तरह से भारतीय स्टाफ है. एएफसी ने अब भारतीय इंफ्रस्ट्रग्चर को पहचाना है तो हम अपने दम पर कोचिंग कार्यक्रम चला सकते हैं और पूरी तरह से एएफसी पर निर्भर नहीं रह सकते."

Last Updated : Jul 27, 2020, 5:26 PM IST
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