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AIFF ने किया एएफसी के साथ कोचिंग से जुड़ा समझौता

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के साथ कोचिंग से जुड़ा एक समझौता किया है जो मुख्य रूप से काचिंग के नियम और तरीकों पर केंद्रित है. ये कोच की शिक्षा के नियमों और दिशानिदेर्शो पर प्रकाश डालेगा.

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Published : Apr 22, 2019, 6:35 PM IST

नई दिल्ली : एआईएफएफ के तकनीकी निदेशक सावियो मेदेरिया ने कहा,"इस समझौते के जरिए कोच को उनके कार्यक्रम को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसे मॉड्यूल के तहत किया जाएगा. इससे उन्हें ब्रेक के दौरान अपनी कमियों पर भी काम करने में मदद मिलेगी. कोच को वे परियोजनाएं भी करनी होगी जो पहले मौजूद थी. कुलमिलाकर ये कोच को अधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगी और काचिंग में उनकी कुशलता को बढ़ाएगी."

पेशेवर कोच बनने के लिए कोचिंग लाइसेंस सबसे महत्वपूर्ण होता है जो तीन साल के लिए मान्य रहता है. अगर एक कोच इस तीन वर्षो में कंटीन्यूड प्रोफेशनल डेवलपमेंट (सीपीडी) कोर्स नहीं करता तो उसके लाइसेंस की मान्यता खत्म हो जाएगी.

एएफसी लोगो
एएफसी लोगो

दूसरी ओर, अगर कोच सीपीडी में 21 अंक पाता है तो उसके लाइसेंस की मान्यता अगले तीन वर्षो के लिए बढ़ जाएगा. अथवा उन्हें दोबारा विशिष्ट डिप्लोमा कोर्स करना पड़ेगा. मेदेरिया मानते हैं कि सीपीडी उन कोच की मदद करेगा जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- मैनचेस्टर यूनाइटेड के कोच ओले गुनार सोलशाएर ने हार के बाद प्रशंसकों से माफी मांगी

उन्होंने कहा,"लाइसेंस की मान्यता बढ़ाने के लिए सीपीडी इस समझौते का एक मानदंड है. इससे उन कोच को सहायता मिलेगी जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं, वे सीपीडी कोर्स करके नए ट्रेंड से जुड़े रहेंगे. अगर कोच तीन वर्षो के अंदर कोई नया कोर्स नहीं करते और क्रेडिट प्वाइंट अर्जित नहीं करते तो उन्हें पूरा कोर्स दोबारा करना होगा."

नई दिल्ली : एआईएफएफ के तकनीकी निदेशक सावियो मेदेरिया ने कहा,"इस समझौते के जरिए कोच को उनके कार्यक्रम को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसे मॉड्यूल के तहत किया जाएगा. इससे उन्हें ब्रेक के दौरान अपनी कमियों पर भी काम करने में मदद मिलेगी. कोच को वे परियोजनाएं भी करनी होगी जो पहले मौजूद थी. कुलमिलाकर ये कोच को अधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगी और काचिंग में उनकी कुशलता को बढ़ाएगी."

पेशेवर कोच बनने के लिए कोचिंग लाइसेंस सबसे महत्वपूर्ण होता है जो तीन साल के लिए मान्य रहता है. अगर एक कोच इस तीन वर्षो में कंटीन्यूड प्रोफेशनल डेवलपमेंट (सीपीडी) कोर्स नहीं करता तो उसके लाइसेंस की मान्यता खत्म हो जाएगी.

एएफसी लोगो
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दूसरी ओर, अगर कोच सीपीडी में 21 अंक पाता है तो उसके लाइसेंस की मान्यता अगले तीन वर्षो के लिए बढ़ जाएगा. अथवा उन्हें दोबारा विशिष्ट डिप्लोमा कोर्स करना पड़ेगा. मेदेरिया मानते हैं कि सीपीडी उन कोच की मदद करेगा जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं.

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उन्होंने कहा,"लाइसेंस की मान्यता बढ़ाने के लिए सीपीडी इस समझौते का एक मानदंड है. इससे उन कोच को सहायता मिलेगी जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं, वे सीपीडी कोर्स करके नए ट्रेंड से जुड़े रहेंगे. अगर कोच तीन वर्षो के अंदर कोई नया कोर्स नहीं करते और क्रेडिट प्वाइंट अर्जित नहीं करते तो उन्हें पूरा कोर्स दोबारा करना होगा."

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AIFF ने किया एएफसी के साथ कोचिंग से जुड़ा समझौता



नई दिल्ली : अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के साथ कोचिंग से जुड़ा एक समझौता किया है जो मुख्य रूप से काचिंग के नियम और तरीकों पर केंद्रित है. ये कोच की शिक्षा के नियमों और दिशानिदेर्शो पर प्रकाश डालेगा.

एआईएफएफ के तकनीकी निदेशक सावियो मेदेरिया ने कहा,"इस समझौते के जरिए कोच को उनके कार्यक्रम को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी क्योंकि इसे मॉड्यूल के तहत किया जाएगा. इससे उन्हें ब्रेक के दौरान अपनी कमियों पर भी काम करने में मदद मिलेगी. कोच को वे परियोजनाएं भी करनी होगी जो पहले मौजूद थी. कुलमिलाकर ये कोच को अधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगी और काचिंग में उनकी कुशलता को बढ़ाएगी."

पेशेवर कोच बनने के लिए कोचिंग लाइसेंस सबसे महत्वपूर्ण होता है जो तीन साल के लिए मान्य रहता है. अगर एक कोच इस तीन वर्षो में कंटीन्यूड प्रोफेशनल डेवलपमेंट (सीपीडी) कोर्स नहीं करता तो उसके लाइसेंस की मान्यता खत्म हो जाएगी.

दूसरी ओर, अगर कोच सीपीडी में 21 अंक पाता है तो उसके लाइसेंस की मान्यता अगले तीन वर्षो के लिए बढ़ जाएगा. अथवा उन्हें दोबारा विशिष्ट डिप्लोमा कोर्स करना पड़ेगा. मेदेरिया मानते हैं कि सीपीडी उन कोच की मदद करेगा जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं.

उन्होंने कहा,"लाइसेंस की मान्यता बढ़ाने के लिए सीपीडी इस समझौते का एक मानदंड है. इससे उन कोच को सहायता मिलेगी जो नौकरी न होने के कारण इससे जुड़े हुए नहीं हैं, वे सीपीडी कोर्स करके नए ट्रेंड से जुड़े रहेंगे. अगर कोच तीन वर्षो के अंदर कोई नया कोर्स नहीं करते और क्रेडिट प्वाइंट अर्जित नहीं करते तो उन्हें पूरा कोर्स दोबारा करना होगा."


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