हैदराबाद : आईसीसी विश्व कप 2023 में रविवार 22 अक्टूबर को भारत और न्यूजीलैंड की टीमें जब धर्मशाला के HPCA स्टेडियम में उतरेंगी तो दोनों टीमों के सामने सेमीफाइनल का टिकट लगभग फाइनल करने की चुनौती होगी. लेकिन इस वर्ल्ड कप में दोनों टीमों का प्रदर्शन कमोबेश एक जैसा ही रहा है. दोनों टीमें अपने चारों मैच जीतकर धर्मशाला पहुंची है. दोनों के 8 अंक हैं और प्वाइंट टेबल पर टॉप दो टीमों में यही दोनों टीमें हैं, हालांकि रन रेट बेहतर होने के कारण न्यूजीलैंड पहले स्थान पर है. प्रदर्शन के लिहाज से टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप की फेवरेट मानी जा रही है और मेजबान होने के नाते थोड़ा सा पलड़ा टीम इंडिया की तरफ झुक रहा है लेकिन न्यूजीलैंड को बीते सालों और इस विश्वकप का प्रदर्शन सेमीफाइनल की रेस में सबसे आगे बनाए हुए है. विश्व कप में भारत और न्यूजीलैंड के मुकाबलों में पलड़ा किवी टीम का ही भारी रहा है.
वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड का प्रदर्शन बेहतर- वैसे तो न्यूज़ीलैंड की टीम हमेशा से एक अच्छी टीम रही है लेकिन इस टीम की बदकिस्मती है कि ये टीम कभी भी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई. न्यूजीलैंड टीम के लिए पछला एक दशक बहुत ही शानदार रहा है इस दौरान Blackcaps के नाम से मशहूर ये टीम 2015 और 2019 विश्वकप के फाइनल तक पहुंची थी और इस बार भी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है. भारत और न्यूजीलैंड के मुकाबला जीतकर न्यूजीलैंड की टीम सेमीफाइनल की तरफ एक कदम और बढ़ाना चाहेगी. वैसे भी विश्व कप में न्यूजीलैंड की टीम का प्रदर्शन भारतीय टीम से बेहतर रहा है. अब तक दोनों टीमों का वर्ल्ड कप में 9 बार आमना-सामना हुआ है, जिनमें से 5 बार न्यूजीलैंड की टीम ने बाजी मारी और एक मैच बारिश के कारण नहीं हो सका. इसमें 2019 विश्वकप के सेमीफाइनल की वो हार भी शामिल है जिसने टीम इंडिया का वर्ल्डकप जीतने का सपना तोड़ दिया था. वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को सिर्फ 3 बार हराया है.
विश्व कप 1975- पहले क्रिकेट विश्वकप के दौरान दोनों टीमों के बीच खेला गया पहला मुकाबला न्यूजीलैंड के नाम रहा. जहां 60 ओवर के मुकाबले में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 230 रन पर ऑल आउट हो गई. सैय्यद आबिद अली के 70 रनों के अलावा कोई भी बल्लेबाज यादगार पारी नहीं खेल पाया. जवाब में न्यूजीलैंड की टीम ने 58.5 ओवर्स में 6 विकेट खोकर 233 रन बनाए, जिसमें कप्तान ग्लेन टर्नर ने 114 रन की शानदार इनिंग खेली थी. जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया.
वर्ल्ड कप 1979- दूसरे विश्व कप में एक बार फिर दोनों टीमें टकराईं लेकिन नतीजा नहीं बदला. न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर भारतीय टीम को बैटिंग का न्योता दिया. वेंकटराघवन की अगुवाई में भारतीय टीम 182 रन पर ढेर हो गई, जिसमें ओपनिंग बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने 55 रनों की पारी खेली थी, हालांकि इसके लिए उन्होंने 144 गेंदों का सामना किया था. लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम के ओपनर्स जॉन राइट और ब्रूस एडगर ने पहले विकेट के लिए 100 रन की साझेदारी करके अपनी जीत पक्की कर दी. जॉन राइट ने 48 और ग्लेन टर्नर के 43 रनों की बदौलत न्यूजीलैंड की टीम ने 57 ओवर में 2 विकेट खोकर 183 रन बनाए और टीम इंडिया को 8 विकेट से हरा दिया. गौरतलब है कि न्यूजीलैंड की इस वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे जॉन राइट भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं.
वर्ल्ड कप 1987- इस विश्व कप की मेजबानी संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान ने की थी. इस वर्ल्ड कप में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें दो बार टकराईं और दोनों बार भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को मात दी थी. पहला मुकाबला बेंगलौर में खेला गया जहां पहले बैटिंग करते हुए कपिल देव की अगुवाई में टीम इंडिया ने 50 ओवर में 252 रन का स्कोर बनाया था. जिसमें नवजोत सिद्धू के 75 और कपिल देव की 58 गेंद में 72 रन की पारी शामिल थी. लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम की शुरूआत तो जोरदार रही लेकिन 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 236 रन ही बना सकी. टीम इंडिया ने 16 रन से मैच जीता और कपिल देव को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
1987 विश्व कप में भारत-न्यूजीलैंड का दूसरा मुकाबला टीम इंडिया के लिए कई यादगार लम्हे लेकर आया था. नागपुर में खेले गए इस मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी और पूरी टीम 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 221 रन बना सकी. इसी मैच में भारतीय गेंदबाज चेतन शर्मा ने हैट्रिक ली थी. वर्ल्ड कप में ऐसा करने वाले भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के पहले बॉलर थे. उस दिन टीम इंडिया का प्रदर्शन किसी डिफेंडिंग वर्ल्ड चैंपियन जैसा ही था, जो 1983 के अपने वर्ल्ड कप खिताब को बचाने ही मैदान में उतरी थी. भारतीय टीम ने 9 विकेट से ये मैच जीता और सुनील गावस्कर के 103 और श्रीकांत के 75 रनों की बदौलत महज 32.1 ओवर में ही 224 रन का लक्ष्य पा लिया. दोनों ओपनर्स ने पहले विकेट के लिए 136 रन बनाए थे, श्रीकांत के आउट होने के बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन (41 रन) ने गावस्कर के साथ टीम को मैच जिताया. इस मैच में सुनील गावस्कर और चेतन शर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. क्रिकेट इतिहास में अब तक ऐसे गिने चुने मौके आए हैं जब दो खिलाड़ियों को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
वर्ल्ड कप 1992- इस विश्वकप में न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर फील्डिंग चुनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई में भारतीय टीम 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 230 रन बनाए थे. जिसमें सचिन तेंदुलकर की 84 और अजहर की 55 रन की पारी खेली थी. जवाब में न्यूजीलैंड की टीम ने 47.1 ओवर में 6 विकेट खोकर 231 रन बना लिए. मनोज प्रभाकर ने 3 और वेंकटपति राजू ने 2 विकेट लिए थे.
विश्व कप 1999- मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी और टीम इंडिया ने 6 विकेट खोकर 50 ओवर में 251 रन बनाए थे. अजय जडेजा के 76 रनों के बाद सबसे ज्यादा 35 रन एक्स्टा के थे जो न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने नो बॉल, वाइड, लेग बाई आदि के रूप में दिए थे. न्यूजीलैंड की टीम ने 48.2 ओवर में 5 विकेट खोकर 253 रन बनाए और 5 विकेट से मैच जीतकर विश्वकप में भारत के खिलाफ अपना स्कोर 4-2 कर लिया.
विश्व कप 2003- इस विश्वकप में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद ही शानदार था. फाइनल समेत इस विश्वकप में टीम इंडिया सिर्फ दो मुकाबले हारी थी और वो दोनों ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया ने एकतरफा जीत हासिल की थी. सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी और भारतीय गेंदबाजों ने न्यूजीलैंड की टीम को 146 रन पर ढेर कर दिया. जहीर खान ने 8 ओवर में 42 रन देकर 4 विकेट लिए थे. जवाब भारतीय बल्लेबाजों ने 40 ओवर में 3 विकेट खोकर 150 रन बनाए थे. हालांकि टीम इंडिया के तीनों विकेट 21 रन पर गिर गए थे. जिसके बाद मोहम्मद कैफ ने 68 और राहुल द्रविड ने 53 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई. जहीर खान को शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
विश्व कप 2019- इस बार लगभग 16 साल के बाद दोनों टीमों की टक्कर वर्ल्ड कप में हुई थी. इस बार भी दोनों टीमों के बीच दो मुकाबले हुए लेकिन शुरुआती मैच बारिश के कारण नहीं खेला जा सका. जबकि दूसरी बार दोनों टीमें सेमीफाइनल में टकराई थीं. जहां न्यूज़ीलैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुई 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 239 रन बना पाई थी. बारिश के कारण मैच दो दिन खेला गया और टीम इंडिया मुकाबले में फेवरेट मानी जा रही थी लेकिन पूरी टीम 221 रन पर ऑल आउट हो गई. उस मैच में महेंद्र सिंह धोनी का रन आउट होना और आंखों में आंसू लिए पवैलियन लौटना फैन्स को आज भी याद है.
इस तरह अब तक विश्व कप में हुए भारत-न्यूजीलैंड के 9 मुकाबलों में से न्यूजीलैंड ने 5 मैच जीते हैं जबकि तीन मुकाबले टीम इंडिया के नाम रहे हैं. एक मैच बारिश के कारण नहीं खेला जा सका था. अब 22 अक्टूबर को दोनों टीमें विश्व कप में 10वीं बार आमने-सामने होंगी, दोनों टीमें वर्ल्ड कप में अपना प्रदर्शन तो बेहतर करना चाहेगी लेकिन इस मैच में दोनों टीमें जीत के साथ सेमीफाइनल की ओर एक कदम बढ़ाने के लिए उतरेगी.