शारजाह: मुंबई इंडियंस के लेग स्पिनर राहुल चाहर ने गुरूवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में धीरे धीरे पिचें धीमी हो रही हैं और भारत से ज्यादा बड़े मैदान होने से वह इंडियन प्रीमियर लीग में लगातार बल्लेबाजों पर दबाव बना सके है.
चाहर को अभी तक मुंबई के लिए सत्र के सभी मैचों में खेलने का मौका मिला है और इस दौरान उन्होंने नौ मैचों में 7.40 के इकोनॉमी रेट के साथ 11 विकेट अपने नाम किए हैं.
जब चाहर से यूएई और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के बीच तुलना करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''शुरूआती मैचों में हमें लगा कि यहां का विकेट वानखेड़े स्टेडियम के विकेट की तरह ही है जो बल्लेबाजों के लिए आसान है.''
उन्होंने आगे कहा, ''अब विकेट धीरे धीरे धीमा हो रहा है इसलिए मुझे अपनी लेंथ में कुछ तालमेल बिठाना पड़ा.''
चेन्नई सुपर किंग्स के शुक्रवार को खेले जाने वाले मैच से पहले राहुल ने कहा, ''वानखेड़े में एक स्पिनर को शॉर्ट गेंदें फेंकनी पड़ती है लेकिन हम यहां फुल लेंथ गेंदबाजी कर रहे हैं क्योंकि मैदान काफी बड़े हैं और पिचें थोड़ी धीमी हैं, तो हम फुल लेंथ गेंद फेंक सकते हैं और बल्लेबाजों पर दबाव बना सकते हैं.''
चाहर का ऐसा भी मानना है कि टूर्नामेंट में कलाई के स्पिनर ज्यादा सफल हो रहे हैं क्योंकि वे मैदान बड़े होने के कारण खुलकर गेंदबाजी कर सकते हैं जिसका उदाहरण रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के युजवेंद्र चहल हैं जिन्होंने अभी तक 15 विकेट झटक लिए हैं.
उन्होंने कहा, ''शायद, मैदान बड़े हैं और कलाई के स्पिनरों को स्वछंदता से गेंदबाजी करने की आजादी मिल रही है और वे फ्लाइट दे सकते हैं और जब एक लेग स्पिनर अन्य स्पिनरों की तुलना में फ्लाइट देता है तो उसे हिट करना आसान नहीं है इसलिए वे ज्यादा सफल हैं.''
चाहर ने कहा, ''मैं जहीर भईया (पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान) के पास जाता हूं क्योंकि पिछले साल से वो जो भी मुझे कहते हैं, मैं समझ सकता हूं. वह मेरी गेंदबाजी को भी समझते हैं और कभी कभार जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता हूं तो वह एक घंटे तक बैठते हैं. पिछले साल उन्होंने मेरा अलग सत्र लिया था और मुझे समस्यायें और उनका हल बताया था और मैं हमेशा उनके पास जाता हूं.''
राहुल ने आईपीएल में अभी तक 25 मुकाबले खेले हैं और इस दौरान वो 26 विकेट लेने में सफल रहे हैं. पिछले साल खेले गए आईपीएल में चाहर ने अपने प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया था और 13 मैचों में 13 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाने में कामयाब हुए थे.