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India Tour Of West Indies : वेस्टइंडीज दौरे पर अनुभवहीन भारतीय तेज गेंदबाजों की होगी कड़ी परीक्षा, ऐसे हैं आंकड़े

भारत और वेस्टइंडीज के बीच 12 जुलाई से पहला टेस्ट मैच खेला जायेगा. भारतीय क्रिकेट टीम इस दौरे पर अनुभवहीन तेज गेंदबाजों के सहारे टिकी हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस तेज गेंदबाजी आक्रमण के साथ क्या भारतीय टीम जीत हासिल कर पायेगी.

India Tour Of West Indies
भारत का वेस्ट इंडीज दौरा
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Published : Jul 10, 2023, 9:58 PM IST

नई दिल्ली : वेस्टइंडीज के टेस्ट दौरे पर गए भारत के तेज गेंदबाजी के आक्रमण के पास कुल 88 टेस्ट विकेट का ही अनुभव है, जिसमें मोहम्मद सिराज के पास अकेले 52 विकेट हैं. तेज गेंदबाजी का सशक्त आक्रमण अब कमजोर साबित हो सकता है, क्योंकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को आराम दे दिया है. इशांत शर्मा अब टेस्ट खेलने की रेस से बाहर हो गए हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट खेलना अभी भी दुविधा में है. वहीं उमेश यादव भी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और उनकी उम्र भी 35 के पार पर है.

ऐसा लगता है कि 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की अविश्वसनीय तरीके से श्रृंखला में जीत हुयी थी. जब कोई भी शीर्ष स्तर का तेज गेंदबाज टीम में नहीं था. इतना ही नहीं पिछले दो बार से भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचता रहा है, लेकिन फाइनल जीतने में असफल रहा है, क्योंकि दोनों फाइनल मैचों में गेंदबाजी धारदार नहीं रही है.

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो-दो फाइनले खेलने के बाद भारत के पास दिखाने के लिए कोई खिताब न हो, लेकिन उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इस युग में जितना संभव हो उतना दबदबा बनाया है, जहां अधिकांश अंतरराष्ट्रीय टीमों को पीछे छोड़ते हुए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो-दो बार लगातार फाइनल खेले हैं. टीम इंडिया ने दस वर्षों में केवल तीन घरेलू टेस्ट हारे हैं, ऑस्ट्रेलिया में भी जाकर लगातार टेस्ट श्रृंखला जीती है, इंग्लैंड में एक टेस्ट ड्रा खेला है और दक्षिण अफ्रीका में एक मैच जीतने के बेहद करीब पहुंच गए थे. 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे की खराब शुरुआत के बाद से चोटों की भारी टीम के सहारे डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने में सफलता पायी.

फिलहाल इस टीम को कम से कम तीन फिट, अनुभवी और तेज़ गति वाले गेंदबाज़ों की जरूरत है, जो नियमित रूप से टीम का हिस्सा रह सकें. उसी हिसाब से वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ को गेंदबाजों का चयन व उनके प्रदर्शन को निखारना है. वेस्टइंडीज के घरेलू मैदान पर तेज गेंदबाजों से एक प्रबल खतरा होता है. वेस्टइंडीज ने लगातार घरेलू श्रृंखलाओं में इंग्लैंड को हराया है, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ ड्रा खेला है, लेकिन भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीम उन पर हावी रही है.

2019 में भारत से हारने के बाद से वेस्टइंडीज का तेज आक्रमण और बेहतर हुआ है. केमर रोच वेस्टइंडीज के लिए शीर्ष पांच विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल हैं. शैनन गेब्रियल टॉप के 10 गेंदबाजों में पहुंच रहे हैं. जबकि ऑलराउंडर जेसन होल्डर का औसत 30 से कम है. अपनी गेंदबाजी से अल्ज़ारी जोसेफ़ ने भी अपनी खास पहचान कायम रखी है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के अनुसार रोसेउ और पोर्ट ऑफ स्पेन के विकेट को ऐसा नहीं माना जाता है, अगर वेस्टइंडीज किसी तरह ऐसी सपाट पिच बनाता कर भारतीय स्पिन गेंदबाजों के असर को कमजोर करने की कोशिश करता है तो भारतीय टीम के लिए कठिनाई हो सकती है. साथ ही मेहमान श्रृंखला में परेशानी में पड़ सकते हैं.

बल्लेबाजी में भी चयनकर्ताओं ने कई प्रयोग किए हैं, जिन्हें मौका दिया है. उनपर भारी जिम्मेदारी है. उनको निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना है. एक ही समय में दो या तीन नौसिखिया बल्लेबाजों को टीम में मौका देकर उनको बलि का बकरा नहीं बनाएगी. यही कारण है कि यशस्वी जयसवाल या शुभमन गिल नंबर 3 पर चेतेश्वर पुजारा की जगह लेने के लिए पूरी तरह तैयार किए जा रहे हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे उनके साथ में होंगे.

विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे के बारे में भी माना जा रहा है कि ये तीनों खिलाड़ी अपने करियर के ढलान पर हैं. इसलिए युवा खिलाड़ियों को मौका देकर उनको भविष्य के लिए तैयार करना है. इस साल के अंत में दो और महत्वपूर्ण विदेशी दौरे हैं, जिसमें दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से भिड़ना है. इन दोनों जगहों पर होने वाली हार जीत ही लगातार तीसरी बार भारत के डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने की स्थिति को तय करेगा.

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नई दिल्ली : वेस्टइंडीज के टेस्ट दौरे पर गए भारत के तेज गेंदबाजी के आक्रमण के पास कुल 88 टेस्ट विकेट का ही अनुभव है, जिसमें मोहम्मद सिराज के पास अकेले 52 विकेट हैं. तेज गेंदबाजी का सशक्त आक्रमण अब कमजोर साबित हो सकता है, क्योंकि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को आराम दे दिया है. इशांत शर्मा अब टेस्ट खेलने की रेस से बाहर हो गए हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट खेलना अभी भी दुविधा में है. वहीं उमेश यादव भी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और उनकी उम्र भी 35 के पार पर है.

ऐसा लगता है कि 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की अविश्वसनीय तरीके से श्रृंखला में जीत हुयी थी. जब कोई भी शीर्ष स्तर का तेज गेंदबाज टीम में नहीं था. इतना ही नहीं पिछले दो बार से भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचता रहा है, लेकिन फाइनल जीतने में असफल रहा है, क्योंकि दोनों फाइनल मैचों में गेंदबाजी धारदार नहीं रही है.

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो-दो फाइनले खेलने के बाद भारत के पास दिखाने के लिए कोई खिताब न हो, लेकिन उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इस युग में जितना संभव हो उतना दबदबा बनाया है, जहां अधिकांश अंतरराष्ट्रीय टीमों को पीछे छोड़ते हुए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दो-दो बार लगातार फाइनल खेले हैं. टीम इंडिया ने दस वर्षों में केवल तीन घरेलू टेस्ट हारे हैं, ऑस्ट्रेलिया में भी जाकर लगातार टेस्ट श्रृंखला जीती है, इंग्लैंड में एक टेस्ट ड्रा खेला है और दक्षिण अफ्रीका में एक मैच जीतने के बेहद करीब पहुंच गए थे. 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे की खराब शुरुआत के बाद से चोटों की भारी टीम के सहारे डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने में सफलता पायी.

फिलहाल इस टीम को कम से कम तीन फिट, अनुभवी और तेज़ गति वाले गेंदबाज़ों की जरूरत है, जो नियमित रूप से टीम का हिस्सा रह सकें. उसी हिसाब से वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ को गेंदबाजों का चयन व उनके प्रदर्शन को निखारना है. वेस्टइंडीज के घरेलू मैदान पर तेज गेंदबाजों से एक प्रबल खतरा होता है. वेस्टइंडीज ने लगातार घरेलू श्रृंखलाओं में इंग्लैंड को हराया है, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ ड्रा खेला है, लेकिन भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीम उन पर हावी रही है.

2019 में भारत से हारने के बाद से वेस्टइंडीज का तेज आक्रमण और बेहतर हुआ है. केमर रोच वेस्टइंडीज के लिए शीर्ष पांच विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल हैं. शैनन गेब्रियल टॉप के 10 गेंदबाजों में पहुंच रहे हैं. जबकि ऑलराउंडर जेसन होल्डर का औसत 30 से कम है. अपनी गेंदबाजी से अल्ज़ारी जोसेफ़ ने भी अपनी खास पहचान कायम रखी है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स के अनुसार रोसेउ और पोर्ट ऑफ स्पेन के विकेट को ऐसा नहीं माना जाता है, अगर वेस्टइंडीज किसी तरह ऐसी सपाट पिच बनाता कर भारतीय स्पिन गेंदबाजों के असर को कमजोर करने की कोशिश करता है तो भारतीय टीम के लिए कठिनाई हो सकती है. साथ ही मेहमान श्रृंखला में परेशानी में पड़ सकते हैं.

बल्लेबाजी में भी चयनकर्ताओं ने कई प्रयोग किए हैं, जिन्हें मौका दिया है. उनपर भारी जिम्मेदारी है. उनको निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना है. एक ही समय में दो या तीन नौसिखिया बल्लेबाजों को टीम में मौका देकर उनको बलि का बकरा नहीं बनाएगी. यही कारण है कि यशस्वी जयसवाल या शुभमन गिल नंबर 3 पर चेतेश्वर पुजारा की जगह लेने के लिए पूरी तरह तैयार किए जा रहे हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे उनके साथ में होंगे.

विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे के बारे में भी माना जा रहा है कि ये तीनों खिलाड़ी अपने करियर के ढलान पर हैं. इसलिए युवा खिलाड़ियों को मौका देकर उनको भविष्य के लिए तैयार करना है. इस साल के अंत में दो और महत्वपूर्ण विदेशी दौरे हैं, जिसमें दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से भिड़ना है. इन दोनों जगहों पर होने वाली हार जीत ही लगातार तीसरी बार भारत के डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने की स्थिति को तय करेगा.

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