मुंबई : शिखर धवन भी आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 की आधिकारिक फिल्म के लॉन्च पर उपस्थित विशेष पैनलिस्टों में शामिल थे. इसे गुरुवार 20 जुलाई को मुंबई में सोशल मीडिया दिग्गज मेटा द्वारा होस्ट किया गया था. विश्वकप 2023 को लेकर बनी रोमांचक फिल्म 'इट टेक्स वन डे' में क्रिकेट के खिलाड़ियों के साथ-साथ बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान भी शामिल थे, जिन्होंने प्रशंसकों और खिलाड़ियों द्वारा अनुभव की गई कच्ची भावनाओं को प्रदर्शित करते हुए विशेष रूप से संकल्पित CWC23 ‘Navarasa’ का वर्णन किया.
37 वर्षीय शिखर धवन के पास 13 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अनुभव है. इस उम्र में भी नई-नई चीजें सीखने की उनकी तलाश बंद नहीं हुई है. इन दिनों जिस तरह से क्रिकेट खेला जा रहा है, उसमें सबसे बड़े बदलाव पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने युवा पीढ़ी की मानसिकता और खुद को अभिव्यक्त करने की उनकी क्षमता पर जोर दिया.
धवन ने कहा-
"यह देखना वाकई अच्छा है. जीवन में बदलाव ही एकमात्र स्थिर चीज है. जिसके चलते आपको समय के साथ तालमेल बिठाना होता है. यह देखना अच्छा है कि खिलाड़ी नई रणनीतियों और सोचने के नए तरीकों के साथ कैसे आ रहे हैं."
"यहां तक कि... हम इतने लंबे समय से खेल रहे हैं, हम सभी युवा खिलाड़ियों से बहुत प्रेरित होते हैं. जब वे कुछ नए शॉट लेकर आते हैं, और व्यक्तिगत रूप से मैं पूछता हूं 'आपने इसे कैसे खेला.. मैं इसे कैसे खेल सकता हूं..?'"
धवन ने एक उदाहरण साझा करते हुए कहा कि उन्होंने सूर्यकुमार यादव के एक शॉट को सीखने की कोशिश की. "मैं SKY से पूछ रहा था, वह छक्का मारता है और मैंने उससे पूछा 'तुम क्या करते हो यार..?' तो उसने कहा, 'मैं बस झुकता हूं और ऐसे करता हूं..' मैंने कहा कि मैं नेट्स में इसे आजमाने जा रहा हूं.. क्योंकि आप जितने अधिक शॉट लेकर पिच पर जाते हैं..खेल आपके लिए आसान हो जाता है.. और यह एक अद्भुत मानसिकता है.."
अपने शुरुआती समय की तुलना करते हुए कहा कि जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो दौर अलग था. आधुनिक समय के दृष्टिकोण से देखा जाय तो युवाओं की मानसिकता गेम-चेंजर वाली बन गई है.
शिखर ने कहा-
"... पहले हमारे कोच हमें मैदान में खेलने के लिए कहते थे, आपको बड़े शॉट खेलने की ज़रूरत नहीं है. इसलिए, हम उस तरह की मानसिकता के साथ बड़े हुए थे, लेकिन अब जब आप किसी युवा खिलाड़ी को देखते हैं, तो वह मैदान में आकर खुद को एक्सप्रेस करने की तत्काल कोशिश करते हैं...मैं युवा पीढ़ी को देखता हूं, तो वे खुद को निडर होकर खेलते हैं..हमें मैदान पर अधिक खेलना होता था..लेकिन नए पीढ़ी के खिलाड़ी अपने अंदाज में खेलते हैं..उन्हें यह अपराधबोध भी महसूस नहीं होता है कि..मैं इस तरह से या उस तरह से आउट हो गया... इसलिए मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ा बदलाव है, जो हमने देखा है और यह आश्चर्यजनक बदलाव है."
आपको याद होगा कि शिखर धवन ने 34 टेस्ट, 167 एकदिवसीय और 68 T20I में 10,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रन बनाए हैं. साथ ही शिखर के पास 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय व ICC टूर्नामेंटों में खेलने का एक अच्छा रिपोर्ट कार्ड है. उन्होंने 2013 और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी और क्रिकेट विश्व कप 2015 और 2019 में भारत के लिए खेला. इनमें उन्होंने 65.15 की औसत से 1238 रन बनाए हैं, जिसमें छह शतक भी शामिल हैं.
दो विश्व कप में खेलने वाले धवन ने कहा-
"जब आप विश्व कप में खेलते हैं तो यह एक बहुत ही खास एहसास होता है और जब आप द्विपक्षीय श्रृंखला खेल रहे होते हैं तो आप इसी के लिए तैयारी करते हैं. दोनों का एहसास अलग होता है और तैयारी भी अलग होती है."
"जब पहली बार मेरा नाम विश्व कप टीम में आया तो काफी खुश हुआ...लेकिन एक क्रिकेटर के रूप में यह बहुत बड़ा मौका है, और यह एक बहुत अच्छा एहसास है..और साथ ही साथ इसका एक खास दबाव भी होता है..''
आपको बता दें कि 2023 क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत 5 अक्टूबर को इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड के ऐतिहासिक मुकाबले से होने जा रही है, जिसका फाइनल 19 नवंबर को क्रिकेट के सबसे बड़े स्टेडियम अहमदाबाद में खेला जाएगा.