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पनेसर ने इंग्लैंड के युवा बल्लेबाजों पर साधा निशाना, कहा- घबराए हुए थे खिलाड़ी

मोंटी पनेसर ने कहा, ''इस सीरीज में इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज थोड़े घबराए हुए थे और उनके पास फिलहाल इस तरह को कौशल नहीं है जो भारतीय बल्लेबाजों के पास है. कप्तान जोए रूट पर काफी जिम्मेदारियां थी और वह स्पिन के खिलाफ काफी बेहतर खेले हैं, लेकिन रूट के साथ किसी बल्लेबाज को साथ देना चाहिए था जिससे साझेदारी की जा सके.''

Monty Panesar
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Published : Mar 7, 2021, 12:23 PM IST

रायपुर: इंग्लैंड के पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर मोंटी पनेसर का कहना है कि इंग्लैंड के मौजूदा युवा बल्लेबाजों के पास स्पिन के मददगार वाली पिच पर खेलने के कौशल की कमी है और वह इस तरह नहीं खेल पाए जिस तरह भारत ने खेला.

भारत ने शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए चौथे मुकाबले के तीसरे दिन इंग्लैंड को पारी और 25 रनों से हराकर चार मैचों की सीरीज 3-1 से अपनी नाम की थी.

रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के लिए यहां आए पनेसर ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को इस दौरे यह सीखना चाहिए कि टर्निग विकेट पर किस तरह खेलते हैं.

Test Rankings: एक बार फिर से टेस्ट में नंबर-1 टीम बना भारत, ये है नई रैंकिंग

पनेसर ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, "इस सीरीज में इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज थोड़े घबराए हुए थे और उनके पास फिलहाल इस तरह को कौशल नहीं है जो भारतीय बल्लेबाजों के पास है. कप्तान जोए रूट पर काफी जिम्मेदारियां थी और वह स्पिन के खिलाफ काफी बेहतर खेले हैं, लेकिन रूट के साथ किसी बल्लेबाज को साथ देना चाहिए था जिससे साझेदारी की जा सके."

2006 में भारत के खिलाफ नागपुर में टेस्ट पदार्पण करने वाले पनेसर ने कहा कि भारत में खेलना आसान नहीं है.

भारत बनाम इंग्लैंड
भारत बनाम इंग्लैंड

इस दौरे पर इंग्लैंड की शुरूआत अच्छी रही थी और उसने भारत को चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट में हराया था लेकिन उसे अगले तीन मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा. इस पर इंग्लैंड के पूर्व स्पिन गेंदबाज ने कहा कि मैदान पर दर्शकों को शामिल करने का प्रभाव भी टीम पर पड़ा.

38 वर्षीय पनेसर ने कहा, "दर्शकों के होने से प्रभाव पड़ता है. भारत दौरे से पहले इंग्लैंड श्रीलंका गई थी जहां दर्शक मौजूद नहीं थे और इंग्लैंड ने वहां अच्छा प्रदर्शन किया. यहां भी पहले टेस्ट में दर्शक नहीं थे और इंग्लैंड ने जीत हासिल की, लेकिन दूसरे मैच से दर्शकों को शामिल होने की मंजूरी दी गई और भारत ने वापसी की. मेरे ख्याल से दर्शकों के होने से प्रभाव पड़ता है. दर्शकों का असर इंग्लैंड पर पड़ा."

मोटेरा में हुए तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद इंग्लैंड के कई पूर्व खिलाड़ियों ने पिच को लेकर सवाल खड़े किए थे. इस पर पनेसर ने कहा, "हार का कोई बहाना नहीं होता. भारत ने इस पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड ऐसा नहीं कर सका. पिच को लेकर किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. पिच में थोड़ी घास थी जो अच्छा था. जाहिर है कि भारत भी दो दिन में मैच खत्म करना नहीं चाहता होगा."

उन्होंने कहा, "असली बात यह है कि इंग्लैंड का कौशल भारत में थोड़ा कम है. इंग्लैंड को भविष्य में भारत दौरे पर जाने से पहले अच्छे से तैयारी करनी चाहिए. इंग्लैंड की तैयारी में कुछ कमी थी."

IND vs ENG: अंतिम मैच में भारत की जीत के साथ बने ये खास रिकॉर्ड्स

पनेसर ने कहा, "इंग्लैंड की टीम कुछ हद तक रूट पर निर्भर थी. रूट के आउट होते ही टीम बिखर जा रही थी. रूट ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. रूट ऐसे खेल रहे थे जैसे कोई भारतीय बल्लेबाज यहां खेलता है. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड को कोचिंग प्रोग्राम में थोड़ा परिवर्तन करना चाहिए. उन्हें युवा बल्लेबाजों को सीखाना चाहिए कि भारत में स्पिन के खिलाफ किस तरह खेलते हैं. इंग्लैंड को भारत दौरे पर ज्यादातर स्पिन गेंदबाजों को खेलाना चाहिए था."

पनेसर ने इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट मैचों में 167 विकेट झटके हैं. उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था.

रायपुर: इंग्लैंड के पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर मोंटी पनेसर का कहना है कि इंग्लैंड के मौजूदा युवा बल्लेबाजों के पास स्पिन के मददगार वाली पिच पर खेलने के कौशल की कमी है और वह इस तरह नहीं खेल पाए जिस तरह भारत ने खेला.

भारत ने शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए चौथे मुकाबले के तीसरे दिन इंग्लैंड को पारी और 25 रनों से हराकर चार मैचों की सीरीज 3-1 से अपनी नाम की थी.

रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के लिए यहां आए पनेसर ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को इस दौरे यह सीखना चाहिए कि टर्निग विकेट पर किस तरह खेलते हैं.

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पनेसर ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, "इस सीरीज में इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज थोड़े घबराए हुए थे और उनके पास फिलहाल इस तरह को कौशल नहीं है जो भारतीय बल्लेबाजों के पास है. कप्तान जोए रूट पर काफी जिम्मेदारियां थी और वह स्पिन के खिलाफ काफी बेहतर खेले हैं, लेकिन रूट के साथ किसी बल्लेबाज को साथ देना चाहिए था जिससे साझेदारी की जा सके."

2006 में भारत के खिलाफ नागपुर में टेस्ट पदार्पण करने वाले पनेसर ने कहा कि भारत में खेलना आसान नहीं है.

भारत बनाम इंग्लैंड
भारत बनाम इंग्लैंड

इस दौरे पर इंग्लैंड की शुरूआत अच्छी रही थी और उसने भारत को चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट में हराया था लेकिन उसे अगले तीन मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा. इस पर इंग्लैंड के पूर्व स्पिन गेंदबाज ने कहा कि मैदान पर दर्शकों को शामिल करने का प्रभाव भी टीम पर पड़ा.

38 वर्षीय पनेसर ने कहा, "दर्शकों के होने से प्रभाव पड़ता है. भारत दौरे से पहले इंग्लैंड श्रीलंका गई थी जहां दर्शक मौजूद नहीं थे और इंग्लैंड ने वहां अच्छा प्रदर्शन किया. यहां भी पहले टेस्ट में दर्शक नहीं थे और इंग्लैंड ने जीत हासिल की, लेकिन दूसरे मैच से दर्शकों को शामिल होने की मंजूरी दी गई और भारत ने वापसी की. मेरे ख्याल से दर्शकों के होने से प्रभाव पड़ता है. दर्शकों का असर इंग्लैंड पर पड़ा."

मोटेरा में हुए तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार के बाद इंग्लैंड के कई पूर्व खिलाड़ियों ने पिच को लेकर सवाल खड़े किए थे. इस पर पनेसर ने कहा, "हार का कोई बहाना नहीं होता. भारत ने इस पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड ऐसा नहीं कर सका. पिच को लेकर किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. पिच में थोड़ी घास थी जो अच्छा था. जाहिर है कि भारत भी दो दिन में मैच खत्म करना नहीं चाहता होगा."

उन्होंने कहा, "असली बात यह है कि इंग्लैंड का कौशल भारत में थोड़ा कम है. इंग्लैंड को भविष्य में भारत दौरे पर जाने से पहले अच्छे से तैयारी करनी चाहिए. इंग्लैंड की तैयारी में कुछ कमी थी."

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पनेसर ने कहा, "इंग्लैंड की टीम कुछ हद तक रूट पर निर्भर थी. रूट के आउट होते ही टीम बिखर जा रही थी. रूट ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. रूट ऐसे खेल रहे थे जैसे कोई भारतीय बल्लेबाज यहां खेलता है. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड को कोचिंग प्रोग्राम में थोड़ा परिवर्तन करना चाहिए. उन्हें युवा बल्लेबाजों को सीखाना चाहिए कि भारत में स्पिन के खिलाफ किस तरह खेलते हैं. इंग्लैंड को भारत दौरे पर ज्यादातर स्पिन गेंदबाजों को खेलाना चाहिए था."

पनेसर ने इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट मैचों में 167 विकेट झटके हैं. उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था.

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