लंदन: पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि भारत के खिलाफ हाल में समाप्त हुई श्रृंखला में लचर प्रदर्शन करने के कारण जॉनी बेयरस्टो के लिए इंग्लैंड की टेस्ट टीम में बने रहना मुश्किल होगा.
भारत ने अहमदाबाद में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में पारी के अंतर से जीत दर्ज करके श्रृंखला को 3-1 से अपने नाम किया.
बेयरस्टो ने श्रृंखला में जो चार पारियां खेली उनमें से तीन में वह खाता नहीं खोल पाए जबकि चौथे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 28 रन बनाए.
वॉन का मानना है कि इस तरह के खराब प्रदर्शन के कारण बेयरस्टो के लिए इंग्लैंड की टीम में बने रहना मुश्किल होगा.
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वॉन ने वेबसाइट से बात करते हुए कहा, ''जॉनी बेयरस्टो का इस टेस्ट टीम से जाना तय है. मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड में इन गर्मियों में और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया में वह नंबर तीन पर बल्लेबाजी करेंगे. मुझे इस दौरे के बहुत अधिक सकारात्मक पहलू भी नजर नहीं आते.''
उन्होंने कहा, ''केवल जो रूट, जेम्स एंडरसन और बेन स्टोक्स ही कुछ अच्छा प्रदर्शन कर पाए. जैक लीच ने भी थोड़ा बेहतर खेल दिखाया.''
वॉन ने फिर से कहा कि इंग्लैंड को सीमित ओवरों के बजाय टेस्ट क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ''साल के इस हिस्से में सीमित ओवरों की क्रिकेट नहीं बल्कि ये चार मैच इंग्लैंड के लिए प्राथमिकता होने चाहिए थे.''
वॉन ने कहा, ''भारत ने जो तीनों टेस्ट मैच जीते उनमें कुछ बेहद करीबी क्षण भी आए लेकिन भारत ने तीनों मैचों में अक्सर एक घंटे के अंदर वापसी करके खेल पर नियंत्रण बनाया.''
इंग्लैंड के एक अन्य पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रास ने रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाजों के आत्मसमर्पण करने पर निराशा व्यक्त की.
स्ट्रास ने कहा, ''आपने वास्तव में मायूस किया. उम्मीद की जा रही थी कि इंग्लैंड ने सबक लिया होगा और वह चुनौती पेश करके हमें यह कहना का मौका देगा कि चलो वे श्रृंखला हार गये लेकिन उनके लिए कुछ सकारात्मक पहलू भी रहे.''
उन्होंने कहा, ''लेकिन हमने ऐसा बहुत ज्यादा नहीं देखा. आप डैन लॉरेन्स को देखिए. मेरे कहने का मतलब उसने जिस तरह से दोनों पारियों में बल्लेबाजी की लेकिन अन्य खिलाड़ियों में इसकी कमी दिखी जो निराशाजनक है.''
स्ट्रास ने कहा कि इंग्लैंड भारतीय स्पिनरों का सामना करने के लिये मानसिक तौर पर मजबूत नहीं था.
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उन्होंने कहा, ''यह टेस्ट क्रिकेट में मुश्किल होता है जब एक टीम हावी हो जाती है और अपने प्रतिद्वंद्वी पर मानसिक रूप से दबदबा बना देती है. ऐसे में वापसी करना बेहद मुश्किल होता है. इंग्लैंड ने पिछले तीन सप्ताह में इसी का अनुभव किया.''
उन्होंने कहा, ''आपकी कमजोरी खुलकर सामने आ गयी। स्टीव वॉ मानसिक बिलगाव की बात करते थे। यह छींटाकशी को लेकर नहीं था यह भारतीय स्पिनरों की दृढ़ता के संबंध में था और इंग्लैंड के पास इसका कोई वास्तविक जवाब नहीं था.''