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कोहली ने माना, सीमित ओवर के क्रिकेट का टेस्ट के नतीजों पर पड़ रहा है असर

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Published : Mar 3, 2021, 9:27 PM IST

अजिंक्य रहाणे और इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉली से विपरीत विराट कोहली का मानना है कि लाल गेंद और गुलाबी गेंद में ज्यादा फर्क नहीं है और तीसरे मैच में खराब बल्लेबाजी हुई थी.

भारतीय कप्तान विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली

अहमदाबाद: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि सफेद गेंद ने स्पिन समर्थित पिचों पर बल्लेबाजों के डिफेंस को काफी प्रभावित किया है.

भारत और इंग्लैंड की टीम के बल्लेबाज तीसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे थे. हालांकि इंग्लैंड की तुलना में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा था.

कोहली ने मीडिया से कहा, "इन पिचों पर रक्षात्मक होने की जरूरत है. ऐसा पेटर्न मैंने टेस्ट क्रिकेट में देखा है. आपने कई मैचों की हाइलाइट्स देखी होंगी, जिसमें बल्लेबाज कठिन सत्र में भी जोखिम लेकर बल्लेबाजी करते हैं. ऐसा सीमित ओवर के क्रिकेट के कारण हुआ, जिसका टेस्ट के नतीजों पर असर पड़ रहा है. इसका प्रभाव बल्लेबाजी पर भी देखने को मिल रहा है."

भारतीय कप्तान विराट कोहली

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उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल से इस प्रारूप में रक्षात्मक होना बेहद जरूरी है. लोगों को लगता है कि हम जल्द से जल्द 300-350 रन बनाएं. लेकिन यह लंबे सत्र का खेल है और मुझे नहीं लगता अभी इस पर कोई ध्यान देता है. लोग डिफेंस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं. शायद इसलिए, क्योंकि वह अन्य फॉर्मेट से भी आ रहे हैं."

कप्तान ने कहा, "इसका असर कौशल पर पड़ता है. स्पिन पिचों पर प्रतिभा का होना बहुत जरूरी है. जरूरी नहीं की आप सिर्फ स्वीप खेलें. आपको तरीका ढूंढना होगा. डिफेंस में भरोसे की जरूरत है और यह खेल का हिस्सा है जिसे आजकल नजरअंदाज किया जा रहा है."

कोहली टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉली की बात से असहमत दिखे, जिन्होंने कहा था कि गुलाबी गेंद की तुलना में लाल गेंद से खेलना आसान है.

कोहली ने कहा कि लाल गेंद और गुलाबी गेंद में ज्यादा फर्क नहीं है और तीसरे मैच में खराब बल्लेबाजी हुई थी.

उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि क्रिकेट गेंद और पिच पर इतना ध्यान क्यों केंद्रित किया जा रहा है. हम इस बात पर ध्यान, क्यों नहीं देते कि बल्लेबाजों के पास ऐसी पिच पर बल्लेबाजी करने के लिए कौशल नहीं था. दोनों टीम ने तीसरे टेस्ट में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं किया."

कप्तान ने कहा, "मैं आगे भी ऐसा कहता रहूंगा, क्योंकि मैं काफी समय से खेल रहा हूं और मुझे पता है कि क्रिकेट के मैदान पर क्या होता है. इसका गेंद के रंग और आकार से कोई लेना देना नहीं है. चेन्नई की पिच हालांकि थोड़ी अलग थी जहां तेजी थी."

कोहली ने कहा, "पिछले मैच का नतीजा दोनों टीमों की खराब बल्लेबाजी का परिणाम था. हालांकि हमने इंग्लैंड से ज्यादा रन खड़े किए. यह बस खराब बल्लेबाजी की बात है. मैच तीसरे या चौथे दिन तक खत्म होना चाहिए था."

अहमदाबाद: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि सफेद गेंद ने स्पिन समर्थित पिचों पर बल्लेबाजों के डिफेंस को काफी प्रभावित किया है.

भारत और इंग्लैंड की टीम के बल्लेबाज तीसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे थे. हालांकि इंग्लैंड की तुलना में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा था.

कोहली ने मीडिया से कहा, "इन पिचों पर रक्षात्मक होने की जरूरत है. ऐसा पेटर्न मैंने टेस्ट क्रिकेट में देखा है. आपने कई मैचों की हाइलाइट्स देखी होंगी, जिसमें बल्लेबाज कठिन सत्र में भी जोखिम लेकर बल्लेबाजी करते हैं. ऐसा सीमित ओवर के क्रिकेट के कारण हुआ, जिसका टेस्ट के नतीजों पर असर पड़ रहा है. इसका प्रभाव बल्लेबाजी पर भी देखने को मिल रहा है."

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उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल से इस प्रारूप में रक्षात्मक होना बेहद जरूरी है. लोगों को लगता है कि हम जल्द से जल्द 300-350 रन बनाएं. लेकिन यह लंबे सत्र का खेल है और मुझे नहीं लगता अभी इस पर कोई ध्यान देता है. लोग डिफेंस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं. शायद इसलिए, क्योंकि वह अन्य फॉर्मेट से भी आ रहे हैं."

कप्तान ने कहा, "इसका असर कौशल पर पड़ता है. स्पिन पिचों पर प्रतिभा का होना बहुत जरूरी है. जरूरी नहीं की आप सिर्फ स्वीप खेलें. आपको तरीका ढूंढना होगा. डिफेंस में भरोसे की जरूरत है और यह खेल का हिस्सा है जिसे आजकल नजरअंदाज किया जा रहा है."

कोहली टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉली की बात से असहमत दिखे, जिन्होंने कहा था कि गुलाबी गेंद की तुलना में लाल गेंद से खेलना आसान है.

कोहली ने कहा कि लाल गेंद और गुलाबी गेंद में ज्यादा फर्क नहीं है और तीसरे मैच में खराब बल्लेबाजी हुई थी.

उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि क्रिकेट गेंद और पिच पर इतना ध्यान क्यों केंद्रित किया जा रहा है. हम इस बात पर ध्यान, क्यों नहीं देते कि बल्लेबाजों के पास ऐसी पिच पर बल्लेबाजी करने के लिए कौशल नहीं था. दोनों टीम ने तीसरे टेस्ट में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं किया."

कप्तान ने कहा, "मैं आगे भी ऐसा कहता रहूंगा, क्योंकि मैं काफी समय से खेल रहा हूं और मुझे पता है कि क्रिकेट के मैदान पर क्या होता है. इसका गेंद के रंग और आकार से कोई लेना देना नहीं है. चेन्नई की पिच हालांकि थोड़ी अलग थी जहां तेजी थी."

कोहली ने कहा, "पिछले मैच का नतीजा दोनों टीमों की खराब बल्लेबाजी का परिणाम था. हालांकि हमने इंग्लैंड से ज्यादा रन खड़े किए. यह बस खराब बल्लेबाजी की बात है. मैच तीसरे या चौथे दिन तक खत्म होना चाहिए था."

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