नई दिल्ली : दुनिया की महानतम महिला बल्लेबाजों में से एक मिताली को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में जगह नहीं मिली थी. उनका टीम से बाहर जाना हैरानी भरा फैसला था. इस मैच में भारत को हार मिली थी और टीम के तत्कालीन कोच रोमेश पवार के साथ मिताली का विवाद गहरा गया था. बाद में कोच को हटा दिया गया था.
मिताली ने एक चैनल के स्पोर्टस शो पर कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं काफी निराश थी कि मैं खेल नहीं सकी थी लेकिन ये ऐसी चीज है जो हर किसी खिलाड़ी के साथ होती है."
उन्होंने कहा, "मैं ऐसी पहली इंसान नहीं हूं कि जिसके साथ ये हुआ हो. ये टीम संयोजन की बात है और हो सकता है कि कोच और कप्तान को लगा होगा कि उनके पास अंतिम-11 के लिए बेहतर खिलाड़ी है."
दाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने कहा था, "लेकिन मुझे उम्मीद थी कि अगर हम मैच जीत जाते तो मेरे फाइनल में खेलने की उम्मीदें थीं, मैं अपना योगदान दे सकती थी और हमारे पास कप जीतने का बेहतर मौका होता. हडल में बात करते हुए यही मेरी मंशा थी कि मैं खिलाड़ियों को प्रेरित करूं कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हो, आपको इस तरह के मौके बार-बार नहीं मिलते."
इससे पहले अनुभवी बल्लेबाज मिताली राज ने कहा है कि उन्होंने अपनी नजरें आईसीसी महिला विश्व कप पर जमा ली हैं. आईसीसी ने कोविड-19 के कारण शुक्रवार को 2021 में होने वाले महिला विश्व कप को फरवरी-मार्च 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है.