हैदराबाद: पिछले साल आज ही के दिन इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 2019 विश्व कप का फाइनल मुकाबला खेला गया था. ये कोई आम मुकाबला नहीं था. ये एक ऐसा मुकाबला था जिसे सदियों तक याद किया जाएगा.
14 जुलाई 2019 को ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने न्यूजीलैंड का सपना तोड़कर पहली बार खिताब अपने नाम किया था. सुपर ओवर तक चले इस मुकाबले का फैसला बाउंड्री काउंट के आधार पर हुआ था.
न्यूजीलैंड की वर्ल्ड कप के फाइनल में यह लगातार दूसरी हार रही थी. इससे पहले वर्ल्ड कप 2015 के फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
वहीं, चौथी बार फाइनल खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम ने 40 साल से ज्यादा समय के बाद वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया.
इस खिताबी मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टॉस जीत पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर 241 रन बनाए. जवाब में इंग्लैंड की टीम 241 रन पर ऑल आउट हो गई थी. स्कोर बराबर होने के कारण मैच सुपर ओवर में पहुंच गया.
इस बार नियम यह थे कि नॉकआउट स्टेज पर अगर कोई मैच टाई होगा तो उसका निर्णय सुपरओवर से होगा. सुपर ओवर में इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स और जोस बटलर ने ट्रेंट बोल्ट के सुपर ओवर में 15 रन स्कोर किए. न्यूजीलैंड की ओर से जेम्स नीशम और मार्टिन गुप्टिल ने सुपर ओवर में भी 6 गेंदों में 15 रन ही बनाए और इस तरह सुपर ओवर भी टाई हो गया.
आईसीसी के नियम के अनुसार, सुपरओवर के टाई होने पर विजेता का फैसला बाउंड्री के दम पर किया जाता है. इस नियम के आधार पर इंग्लैंड ने बाजी मार ली और विश्व विजेता बना.
न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी पारी के दौरान 14 चौके और 2 छक्के लगाए. इसके उलट इंग्लैंड ने अपनी पारी के दौरान 22 चौके और 2 छक्के लगाए. इसके आधार पर इंग्लैंड को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने की उपलब्धि हासिल हुई थी.
आइसीसी ने वर्ल्ड कप 2011 के दौरान ही इस बात का फैसला किया था कि वर्ल्ड कप के नॉक-आउट मुकाबलों में मैच टाई होने के बाद नतीजा सुपर ओवर में निकलेगा. उसी दौरान ये भी तय किया गया था कि सुपर ओवर टाई होता है तो फिर बाउंड्री काउंट का नियम लगेगा. इस नियम का इस्तेमाल पहली बार 2019 विश्व कप फाइनल में हुआ था.
इसके पहले अगर मुकाबला टाई होता था तो उसके लिए रिजर्व डे रखा जाता था और अगर उस दिन भी फैसला नहीं लिया गया तो ट्रॉफी शेयर की जाती थी.
हालांकि, वर्ल्ड कप 2019 में आलोचना झेलने के बाद आइसीसी ने इस नियम को बदल दिया था. अब तब तक ऐसे मुकाबलों में सुपर ओवर होगा, जब तक नतीजा निकल नहीं जाता.