राजकोट: सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने टीम को रणजी ट्रॉफी दिलाने के बाद कहा कि इस शानदार घरेलू सत्र के बाद भारतीय टीम में वापसी की उनकी बेताबी काफी बढ़ गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अब लोग सिर्फ उनके आईपीएल प्रदर्शन की ही बात नहीं करेंगे.
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Of friendship, banter and a “fairytale season”: @cheteshwar1 in conversation with Saurashtra skipper and good friend @JUnadkat as their team wins the @paytm #RanjiTrophy 2019-20 title 🏆💪– by @ameyatilak
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) March 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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टीम के मुख्य तेज गेंदबाज उनादकट ने इस रणजी सीजन में 67 विकेट हासिल किए लेकिन सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल और फाइनल में अपनी गेंदबाजी से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उनादकट ने सौराष्ट्र को पहली ट्रॉफी दिलाने के बाद कहा, "मेरे अंदर अब भी वापसी की वही भूख है. यह बेताबी अब और ज्यादा बढ़ गई है और यह मुझे पूरे सत्र में प्रोत्साहित करती रही. ईमानदारी से कहूं तो सत्र में शानदार खेलने के लिए शारीरिक रूप से काफी चुनौतियां रहीं. लगभग प्रत्येक मैच में तेज गेंदबाज के तौर पर इतने लंबे स्पैल फेंकना काफी चुनौतीपूर्ण रहा."
उन्होंने कहा, "मैं इस दौर को आगे जारी रखना चाहता हूं. मैं यहीं इसे खत्म नहीं करना चाहता। हां, हमने ट्रोफी जीत ली और मैं इस समय दुनिया का सबसे खुश कप्तान हूं."
28 साल का यह खिलाड़ी 2018 में भारत के लिए खेला था जो बांग्लादेश के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच था. वह 2010 में एकमात्र टेस्ट में खेले थे और 2013 में उन्होंने अपना अंतिम और कुल सातवां वनडे खेला था. कॉन्फ्रेंस में ट्रॉफी के अलावा उनके साथ उनके दोस्त और सौराष्ट्र के साथी चेतेश्वर पुजारा बैठे थे जिन्होंने भी उनादकट के विचार का समर्थन किया.
पुजारा ने कहा, "मैं सहमत हूं कि उनादकट ने पूरे सत्र में काफी अच्छी गेंदबाजी की. अगर किसी ने एक सत्र में 67 विकेट चटकाए हैं तो मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई है जो रणजी ट्रॉफी में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. भारतीय टीम में चुने जाने के लिए रणजी ट्राफी के प्रदर्शन को भी काफी अहमियत दी जानी चाहिए."
उन्होंने कहा, "मुझे हैरानी होगी अगर उसे भारतीय टीम में नहीं चुना जाएगा. उनादकट आईपीएल में राजस्थान रायल्स के मुख्य खिलाड़ी हैं, उन्हें नीलामी में दो बार काफी बड़ी राशि में खरीदा गया.
उन्होंने कहा, "आईपीएल मेरे लिए काफी मायने रखता है. मैं कई खिलाड़ियों की तुलना में काफी कड़ी मेहनत कर रहा हूं. मेरे दिमाग में सिर्फ आईपीएल नहीं होता। हां, नीलामी होती है और लोग सिर्फ इसी के बारे में भी बात करते थे लेकिन मैं सचमुच रणजी ट्रोफी जीतना चाहता था."