नई दिल्ली: भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि एक बार जब क्रिकेट वापस आए तो पूरे विश्व का ध्यान द्विपक्षीय सीरीज खेलने पर होना चाहिए. कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च से ही क्रिकेट बंद है.
इस बीमारी के कारण ही द्विपक्षीय सीरीज के अलावा आईपीएल जैसे घरेलू टूर्नामेंट भी रद कर दिए गए हैं. साथ ही इसी साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी काले बादल मंडरा रहे हैं.
लॉकडाउन के दौरान भारतीय बोर्ड को सबसे बड़ा नुकसान आईपीएल के रद होने की वजह से हुआ है. ऐसे में कोच चाहते हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस टूर्नामेंट को प्राथमिकता दी जाय चूंकि भारत का घरेलू क्रिकेट सीजन लगभग खत्म होने को आया है.
शास्त्री का कहना है कि इस समय विश्व में होने वाले तमाम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स पर ध्यान देने के बजाय सभी क्रिकेट बोर्डों को घरेलू क्रिकेट की वापसी पर जोर देना चाहिए.
शास्त्री ने कहा, "मैं इस समय विश्व में होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स पर ध्यान नहीं दूंगा. घर में रहिए और यह सुनिश्चित करिए की घरेलू क्रिकेट सामान्य स्थिति में लौट आए. सभी स्तरों पर क्रिकेट चाहे वो अंतरराष्ट्रीय स्तर हो या प्रथम श्रेणी.. सभी मैदान पर वापसी करेंगे."
कोच ने कहा, "यह सबसे अहम चीज है. दूसरी बात, क्रिकेट को द्विपक्षीय सीरीज से शुरू करें. अगर हमें (भारत) विश्व कप की मेजबानी और द्विपक्षीय टूर में से किसी एक चुनना पड़ेगा तो हम द्विपक्षीय सीरीज को चुनेंगे."
उन्होंने कहा, "बजाय इसके कि 15 टीम आएं बेहतर होगा कि एक टीम आए और एक-दो मैदानों पर द्विपक्षीय सीरीज खेले."
शास्त्री ने कहा, "यह हर देश के लिए घरेलू क्रिकेट पर ध्यान देने का मौका है और इसे ही सबसे ज्यादा अहमियत दी जानी चाहिए."
इसके साथ ही शास्त्री का मानना है कि जब क्रिकेट फिर से शुरू होगा तो खिलाड़ियों के सामने अच्छे प्रदर्शन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
उन्होंने कहा, "कोई भी खिलाड़ी कितना भी बड़ा या निपुण क्यों न हो, उसे एक बार फिर से फॉर्म पाने में समय लगता है. उस टच को पाने के लिए उसे संघर्ष करना होगा. यह केवल क्रिकेट की बात नहीं है, बल्कि हर खेले में यह चुनौती होगी."