हैदराबाद : स्पोर्ट्स स्कूल गॉडियम स्पोर्टोपिया ने जेन-नेक्स्ट क्रिकेट इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर रविचंद्रन अश्विन की मौजूदगी में अपनी क्रिकेट अकादमी की शुरूआत की. लॉन्च के मौके पर रविचंद्रन अश्विन ने अपने भविष्य को लेकर ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत की.
क्रिकेट को अपना करियर चुनने को लेकर अश्विन ने कहा,"मैं 1986 में पैदा हुआ था जिसके कुछ ही साल पहले भारत ने 1983 विश्व कप अपने नाम किया था. मेरे पिता क्रिकेट प्रेमी थे उन्होंने खुद भी काफी क्रिकेट खेला है लेकिन वो क्रिकेट खेलना जारी नहीं कर पाए. इस लिए मुझे लगता है कि क्रिकेट से जुड़ना इतना मुश्किल नहीं था."
अपने डेब्यू को लेकर पूछे गए सवाल पर अश्विन ने कहा,"जब भी मैं टीवी पर क्रिकेट मैच देखता था तब मैं अपने पिता से पूछता था कि क्या मैं कभी इंडिया के लिए खेल पाऊंगा और वो कुछ नहीं कहते थे."एक महान गेंदबाज के तौर पर अपने आप को स्थापित करने को लेकर अश्विन ने कहा,"सच कहूं तो जब मुझे लगा था कि मैं इंडिया के लिए खेल सकता हूं तब मैं बस इतना चाहता था कि मैं एक बार भारतीय जर्सी पहन सकूं क्योंकि ये मेरा सबसे बड़ा सपना था."अपने करियर के उतार-चढ़ाव के बारे में अश्विन ने कहा,"मेरा हर एक विकेट जो रणजी ट्रॉफी में मैंने लिया, हर विकेट जो मैंने आईपीएल में लिया, हर इंटरनेशनल विकेट सब मेरे लिए अहम हैं और ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके घटित होने की वजह से मैंने क्रिकेट छोड़ने का सोचा हो क्योंकि मेरे साथ जो भी हुआ है मैंने उससे कुछ ना कुछ सीखा है."अपने भविष्य पर अश्विन ने कहा,"जैसा कि मैंने कहा कि मैं 50 साल की उम्र तक खेलूंगा इस हिसाब से मुझे लगता है कि मेरे पास अभी 17 साल हैं."