हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं पर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जब भी किसी खिलाड़ी को ड्रॉप करना होता है तो वे कभी खिलाड़ी से इस बारे में खुल कर बात नहीं करते.
इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान ओझा से पूछा गया कि अपने आखिरी टेस्ट मैच में 10 विकेट हॉल के बावजूद टीम से ड्रॉप किया गया तो उनको कैसा लगा था. आपको बता दें कि ओझा ने अपना आखिरी टेस्ट साल 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था.
उन्होंने इसके जवाब में कहा, “जिस तरह से ये हुआ उससे मैं डर गया था. ये बस हो गया. आप टीम को देखते हो और आप उसका हिस्सा नहीं होते हो तो आप वहां नहीं होते.”
इतना ही नहीं साल 2019 में टीम इंडिया के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवजार सिंह ने भी सेलेक्टर्स के बारे में कुछ ऐसी ही बात की थी. युवी के अलावा आशीष नेहरा ने भी इस बारे में बात की थी. वे इस बात से नाराज थे कि जिस तरह सेलेक्टर्स ने पिछले दो सालों में बार-बार खिलाड़ी बदले हैं.
ओझा का आखिरी टेस्ट मैच सचिन तेंदुलकर का 200वां टेस्ट मैच था. दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लेने के बावजूद वे दोबारा कभी टीम का हिस्सा नहीं बने थे.
ओझा ने कहा, “इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप अच्छा प्रदर्शन करो और फिर भी टीम का हिस्सा रहो. आपका काम खेलना है और सेलेक्शन आपके हाथ में नहीं होता है.”
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कानपुर में साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ ओझा ने टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने अपने करियर में 24 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 113 विकेट लिए.