हैदराबाद : लुंगी एनगिडी जानते हैं कि उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता लेकिन उन्हें खुशी है कि क्रिकेट मैदान पर प्रतिभा और कौशल के सामने सामाजिक या वित्तीय असमानता कोई मायने नहीं रखती. दक्षिण अफ्रीका के इस 23 वर्षीय तेज गेंदबाज ने गरीबी को करीब से देखा है लेकिन ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बनाने के लिये कभी आड़े नहीं आयी.
एनगिडी ने कहा, ''मुझे बचपन से ही पता था कि मेरे माता पिता अन्य परिवारों की तरह अमीर नहीं है. मैंने उन पर कभी उन चीजों के लिये दबाव नहीं बनाया जो उनके सामर्थ्य से बाहर थी. शुरू में मुझे संघर्ष करना पड़ा लेकिन कई लोग थे जिन्होंने मेरी मदद की क्योंकि मेरे माता पिता किट्स और अन्य चीजें नहीं खरीद सकते थे.
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ये दोनों ही आयु वर्ग की क्रिकेट से एक दूसरे के साथी रहे हैं और अब राष्ट्रीय टीम में हैं. रबाडा खुद को स्टार खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर चुके हैं.
एनगिडी ने कहा, ''मैं और केजी (रबाडा) स्कूली क्रिकेट में साथ में खेले हैं. वहां से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साथ में खेलना शानदार है. हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं और इस रिश्ते से मैदान पर चीजें आसान हो जाती हैं.
नगिडी ने कहा, ''एक बार आप जब क्रिकेट मैदान पर उतर जाते हो तो सभी समान होते हैं. तब केवल आपकी प्रतिभा मायने रखती है. आपको बल्ला या गेंद कैसे पकड़ना है इसमें आपकी वित्तीय स्थिति की कोई भूमिका नहीं होती है. मेरे लिये क्रिकेट को चाहने की ये एक वजह रही.