ब्रिस्बेन: भारत की युवा क्रिकेट टीम ने अपने जबरदस्त जुझारूपन और बहादुरी के दम पर चौथे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवें दिन मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा बॉर्डर-गावस्कार ट्रॉफी अपने पास ही रखी है. ये भारत की सर्वकालिक महान टेस्ट सीरीज जीत मानी जा रही है.
पेन ने मैच के बाद कहा, "हम यहां सीरीज जीतने आए थे लेकिन भारतीय टीम ने अपने अनुशासित और शानदार प्रदर्शन के दम पर हमें मात दे दी और वे इस सीरीज को जीतने के पूरे हकदार हैं."
चौथे और आखिरी टेस्ट मैच को जीतने के लिए भारत को 328 रन बनाने थे, जो उसने शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की बेहतरीन पारियों के दम पर सात विकेट खोकर बना लिए. ऑस्ट्रेलिया को 32 साल बाद गाबा में हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 1988 में ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर हार मिली थी. उस मैच में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, " हमें फिर से वापस चीजों को देखना होगा और उनमें सुधार करना होगा। हमें एक टीम के रूप में फिर से एकजुट होना होगा. ईमानदार से कहूं तो कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिसमें हमें बहुत सुधार करने की जरूरत है. हम उनके सामने 300 से अधिक का रन लक्ष्य रखना चाहते थे और सीरीज जीतने के लिए उन्हें दबाव में लाना चाहते थे."
भारत की ओर से ऋषभ पंत ने चौका मार भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. पंत 89 रनों पर नाबाद रहे. उन्होंने 138 गेंदों का सामना करते हुए नौ चौके और एक छक्का मारा. पंत को उनकी मैच जिताऊ पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
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पेन ने कहा, " मुझे लगा कि आज भारतीय टीम आलआउट हो जाएगी लेकिन उन्हें अपने बाजूओं, छाती और अपनी शरीर पर गेंदें खाई, इसलिए इस जीत की हकदार पूरी तरह से वे हैं. विकेटकीपिंग मेरे काम का एक हिस्सा है. हमारे गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन इस सीरीज में अदभुत प्रदर्शन करने के लिए भारतीय टीम को इस जीत का श्रेय जाता है."