सालेम: नटराजन, जिन्हें IPL का यॉर्कर हीरो कहा जाता है, उनको साथी क्रिकेटरों के साथ-साथ उनके प्रदर्शन के लिए दर्शकों द्वारा सराहा जा रहा है.
तमिलनाडु के तेज गेंदबाज नटराजन सनराइजर्स हैदराबाद के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में खेल रहे हैं. नटराजन ने 29 सितंबर को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में आखिरी ओवर फेंका जिसमें उन्होंने लगातार पांच यॉर्कर गेंद फेंकी और विपक्षी टीम को उनको खेलने में परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके लिए, उन्होंने क्रिकेट के दिग्गजों सचिन और ब्रेट ली से सराहना भी प्राप्त की और तमिल के क्रिकेट फैंस से भी प्रशांसा मिली.
नए क्रिकेटरों का स्पोर्ट करने के लिए नटराजन ने चिन्नापम्पपट्टी गांव में 'नटराजन क्रिकेट अकादमी' नाम से एक क्रिकेट अकादमी शुरू की है जहां उन्होंने खुद को भी एक क्रिकेटर के रूप में विकसित किया है. चिन्नापम्पत्ति और सलेम के विभिन्न हिस्सों से 30 से अधिक युवा, जो क्रिकेट में रुचि रखते हैं, को अकादमी में प्रशिक्षित किया जा रहा है. अकादमी के कोचों के अनुसार, इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी अकादमी से उभर कर बाहर आ रहे हैं.
नटराजन की यॉर्कर की तकनीक में किए गए डेवलेपमेंट के बारे में बात करते हुए, अकादमी के कोचों में से एक ने कहा, "नटराजन ने यॉर्कर गेंदबाजी करना यहीं सीखा था. 2009 से, हम चिन्नापम्पपट्टी और उसके आसपास टेनिस गेंदों का उपयोग करके क्रिकेट खेलते आ रहे हैं. उन्होंने यॉर्कर्स फेंकना यहीं सीखा क्योंकि बल्लेबाज आसानी से लेंथ की गेंदों को हिट कर लेते थे इससे अच्छा अभ्यास भी होता था. आज यॉर्कर्स उसकी ताकत और शैली बन गई हैं. हम चाहते हैं कि, अपनी कड़ी मेहनत के साथ, वो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने. वो इसे हासिल भी कर लेंगे. नटराजन तीन साल से अकादमी चला रहे हैं. यहां से पेरियासामी, अरविंद और गौतम टीएनपीएल के लिए खेल रहे हैं और अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. कई अन्य खिलाड़ी चेन्नई स्तर पर टीमों के लिए खेल रहे हैं. ये हमें खुशी देता है कि नटराजन कई ग्रामीण क्रिकेटरों के सपने को सच करने की महत्वाकांक्षा के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने हमारे गांव ही नहीं, बल्कि पूरे सलेम जिले को गौरवान्वित किया है."
नटराजन के खेल पर टिप्पणी करते हुए, उनके माता-पिता (थंगारासू-सांथा) ने कहा, "हम पिछले 18 वर्षों से चिन्नाप्पमपट्टू में एक टिफिन सेंटर चला रहे हैं. नटराजन बचपन से ही क्रिकेट में सक्रिय रूप से शामिल थे. हमें उम्मीद नहीं थी कि वो खेल में इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचेगा. हम खुश हैं कि वो परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आगे बढ़ा हैं. हम चाहते हैं कि वो भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के लिए चुने जाएं. हमारे बेटे को टीवी पर गेंदबाजी करते देखने में हमें बहुत खुशी देता है. हमारे गांव के सभी लोग भी उसकी सराहना करते हैं. उसके लिए हमारी इच्छा यहीं है कि वो और ऊंचाई तक पहुंचे."
सलेम के क्रिकेट फैंस ने कहना है कि नटराजन, जिन्होंने अपने परिवार की स्थिति को अच्छी तरह से समझा है, कड़ी मेहनत के माध्यम से क्रिकेट में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गए हैं. वो किसी दिन, भारतीय क्रिकेट टीम से जरूर जुड़ेंगे. हम उनके सपने को हकीकत में बदलने के लिए नटराजन को शुभकामनाएं देते हैं.