कराची : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर क्रिकेटर अकसर ही कमजोर प्रबंधन का आरोप निकालकर भड़ास निकालते ही रहते हैं. अब पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने कहा है कि राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी थकान महसूस करने के बावजूद ब्रेक मांगने से डरते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं टीम प्रबंधन 'संवादहीनता की स्थिति' के कारण उन्हें टीम से न बाहर निकाल दें.
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टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मोहम्मद आमिर ने कहा कि खिलाड़ियों और प्रबंधन के बीच संवाद और आपसी समझ बेहतर करने की जरूरत है. आमिर ने कहा, "समस्य यह है कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट में कोई खिलाड़ी यह कहने की हिम्मत करता है कि वह ब्रेक चाहता है तो उसे बाहर कर दिया जाता है इसलिए खिलाड़ी अब टीम प्रबंधन से इस बारे में बात करने से डरते हैं."
आमिर ने कहा, "पाकिस्तान क्रिकेट में ऐसी मानसिकता है जहां खिलाड़ी टीम से बाहर होने से डरते हैं. मुझे लगता है कि खिलाडिय़ों और टीम प्रबंधन के बीच संवादहीनता की इस स्थिति को खत्म किया जाना चाहिए."
आमिर ने कहा, "अगर खिलाड़ी ब्रेक चाहता है तो उसे टीम प्रबंधन से बात करने में खुशी होनी चाहिए और उन्हें उसका नजरिया समझना चाहिए और टीम से बाहर करने की जगह उसे आराम देना चाहिए."
न्यूजीलैंड दौरे की पाकिस्तान की टीम से बाहर किए गए आमिर ने दोहराया कि पिछले साल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के उनके फैसले पर गैरजरूरी विवाद पैदा किया गया. उन्होंने कहा, "मिकी आर्थर हमारे मुख्य कोच थे और कोई भी उनसे पूछ सकता है. मैं 2017 से उन्हें कह रहा था कि अगर मेरे काम के बोझ का प्रबंधन नहीं किया गया तो मुझे टेस्ट क्रिकेट छोडऩा पड़ेगा."