नई दिल्ली : रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का एक और बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब जीतने का सपना टूट गया. अब वह अगले सीजन के लिए भारतीय खिलाड़ियों का एक कोर ग्रुप बनाना चाहती है, खासकर मध्य क्रम के लिए, क्योंकि उनको लगता है कि उनकी बल्लेबाजी विदेशी खिलाड़ियों पर ज्यादा निर्भर है. मीडिया से बात करते हुए बैंगलोर के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशन माइक हेसन ने कहा कि वह नीलामी को लेकर पहले तथ्यों की पुष्टि करेंगे और फिर रणनीति बनाएंगे.
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हेसन ने भारतीय खिलाड़ियों को प्राथमकिता देने की बात के संकेत देते हुए कहा, "खिलाड़ियों का कोर ग्रुप अच्छा है. हमें बस थोड़े बहुत बदलावों की जरूरत है, इसमें कोई शक नहीं है. हम मध्य क्रम की बात करते हैं. यह हमेशा विदेशी खिलाड़ियों की मदद से ही नहीं सुधारा जा सकता. हमें देखना होगा कि हमें इसे कैसे मजबूत करना है क्योंकि हम एक हिस्से को मजबूत कर दूसरे को कमजोर नहीं छोड़ सकते."
उन्होंने कहा, "इसलिए हम भारतीय खिलाड़ियों के कोर ग्रुप को तैयार करने की सोच रहे हैं." न्यूजीलैंड के पूर्व कोच ने कहा कि वॉशिंगटन सुंदर और देवदत्त पडिकल का सामने आना उनकी योजना का हिस्सा था.
बैंगलोर ने टीम को लेकर शुरुआत चर्चा तो कर ली है लेकिन वह नीलामी को लेकर स्पष्ट जानकारी मिलने का इंतजार कर रही हैं.
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हेसन ने कहा, "यह बदलाव अगले सप्ताह में निश्चित तौर पर होने वाला है. हमने शुरुआती चर्चा तो कर ली है. हमें पहले थोड़ी बहुत जानकारी मिले फिर हमें पता करना होगा कि यह छोटी नीलामी होगी या बड़ी, लेकिन खिलाड़ियों का कोर ग्रुप अच्छा है."