सिडनी: ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने 2001 एशेज सीरीज को एक बार फिर से याद किया है, जब पहले टेस्ट मैच से बाहर होने के बाद उन्हें किस तरह से संघर्ष करना पड़ा था.
लैंगर ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वाटसन के साथ बातचीत के दौरान कहा, "पहले टेस्ट से करीब दो दिन पहले, दिग्गज स्टीव वॉ ने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया था, जो सचमुच मेरे हीरो थे."
उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे होटल का दरवाजा खटखटाया, मेरे रूम में आए और कहा, मैं नहीं जानता कि मैं आपको कैसे बताउं, लेकिन आप पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं. मैं समझ नहीं पाया कि मैं उनके कंधों पर अपना रखकर रोउं या फिर उन्हें घूसे मारूं."
लैंगर ने कहा, "वो मेरे हीरो और मेरे बड़े भाई हैं. वो मुझे बता रहे थे कि मैं बाहर था और मैं हैरान था. डेमियन मार्टिन ने एक वनडे सीरीज में कमाल का प्रदर्शन किया था और उनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन था कि वे उनकी अनदेखा नहीं कर सकते थे. मैं इससे हताहत था."
आखिरकार, स्टीव वॉ चोटिल हो गए थे और लैंगर को लगा कि उनके पास वापस टीम में जगह पाने का ये अच्छा मौका है. लेकिन अभ्यास मैच में उनका प्रदर्शन निराशाजनक था, जिसकी वजह से उनकी अनदेखी की गई. लैंगर ने इसके बाद उन्होंने उस उदाहरण को याद किया, जहां उन्होंने ससेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में गिलक्रिस्ट की तरह खेलने की कोशिश की थी.
उन्होंने कहा, "मुझे ससेक्स में याद है और मैं सोच रहा हूं, ये मेरा मौका है, चलो, तुग्गा (वॉ) बाहर है और मेरे पास ये एक मौका है. ससेक्स में, मुझे पहली पारी याद है, मैंने गिलक्रिस्ट के साथ बल्लेबाजी की. मैं गेंद को चौके के लिए भी नहीं मार सकता."
लैंगर ने कहा, "एडम गिलक्रिस्ट, वो मेरे बहुत अच्छे दोस्तों में से एक है और वो कप्तान भी थे. मैंने उनकी गर्दन पकड़ लिया और उन्हें दीवार के साथ खड़ा किया और कहा कि तुम मेरे साथ क्या खिलवाड़ कर रहे हो. वास्तव में मैं परेशान हो गया था."