नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट में इन दिनों मैच फिक्सिंग की कई सालों पहले की यादें दोबारा ताजा हो गई हैं. दो दशक पहले मैच फिक्सिंग के चलते भारतीय क्रिकेट में जो बवाल मचा था वो उसका मुख्य आरोपी संजीव चावला अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है.
दिलचस्प है संजीव का सफर
25 साल पहले संजीव चावला दिल्ली में कपड़ों का साधारण व्यपार करता था. नया-नया कारोबार संभाला ही था कि इस बीच संजीव ने क्रिकेट में सट्टेबाजी शुरू कर दी. फिर इस फील्ड में वो इस तरह आगे निकला कि फिर किसी के हाथ ही नहीं आया. क्रिकेट में सट्टेबाजी उसे जबरदस्त फायदा दे रही थी और जल्दी ही उसने दूसरे सट्टेबाजों के साथ मिलकर विदेशी दौरों पर जाना शुरू कर दिया. जल्दी ही वो क्रिकेटर्स से मिलने लगा और दोस्ती करने लगा.
साल 1998-1999 के बीच तो उसका प्रभाव इतना हो गया कि पैसे के दम पर उसने प्रमुख क्रिकेट टूर्नामेंट्स के परिणाम ही बदलवाना शुरू कर दिए. चावला के इन मामलों की जांच करने वाली टीम का कहना है कि उसके इस काले कारनामे में 1999 में शारजहां में खेली गई क्रिकेट सीरीज भी शामिल है, जो फिक्स की गई थी.
बड़ा नाम बन गया था चावला
फिर 1990 के दशक में चावला का परिवार जंगपुरा के अपने घर से नोएडा में स्थित तीन मंजिला बंगले में शिफ्ट हो गया.
अब चावला व्यापारी वर्ग में जाना-माना चेहरा बन चुका था जो फाइव स्टार होटलों में अपनी बिजनेस मीटिंग किया करता था. चावला पर आरोप है कि इन मीटिंग की आड़ में वो दूसरे बड़े-बड़े फिक्सर्स से मिला करता था. पुलिस के अनुसार, कुछ मीटिंग के बाद ही चावला को सट्टेबाजी से जुड़े लोग चावला को सट्टेबाजी का 'गॉड' कहने लगे.