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IPL 2021 : गेंदों की विविधता के कारण आरसीबी के नेट्स से रॉयल्स खेमे में पहुंचे सकारिया - IPL 2021 Auction

23 साल के होने जा रहे सकारिया को पहली बार अपने स्कूल के कोच ने प्रोत्साहित किया, जब वह 10वीं में थे और इसके बाद सकारिया ने तुरंत भावसिंहजी अकादमी में दाखिला ले लिया. वहां से, उन्हें सौराष्ट्र के लिए अंडर-16 टीम में खेलने का मौका मिला, लेकिन उसके बाद एक सूनापन था, जहां उन्होंने संघर्ष किया.

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Published : Feb 19, 2021, 10:42 PM IST

नई दिल्ली : बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया, जिन्हें गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा था, ने स्कूल खत्म करने के बाद गुजरात के भावनगर से 10 किलोमीटर दूर स्थित अपने चाचा के गांव में उनके किराने की दुकान में उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया था.

ये भी पढ़े- इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले विजय हजारे में लय हासिल करने उतरेंगे धवन और अय्यर

चाचा ने सकारिया के खर्चों का ध्यान रखा और उन्हें सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण के लिए डाल दिया. इस दौरान चाचा ने उनकी शिक्षा, क्रिकेट उपकरण और अन्य खर्चो का ध्यान रखा.

भावनगर और उसके आसपास के उभरते क्रिकेटरों के लिए सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी से बेहतर और कोई जगह नहीं. यह वही अकादमी है जहां से सौराष्ट्र के खिलाड़ी शेल्डन जैक्सन, हरविक देसाई और संदीप मनियर सामने आए हैं.

सकारिया के पिता, जो एक टेम्पो चालक हैं अपनी अल्प आय के साथ परिवार की देखभाल करते थे.

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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया

सकरिया ने इन दिनों विजय हजारे ट्रॉफी के लिए सौराष्ट्र टीम के साथ है. उन्होंने कोलकाता से एक मीडिया एजेंसी को बताया, "जब मैं स्कूल में था, तो मुझे पढ़ाई और क्रिकेट में संतुलन बनाना पड़ता था. लेकिन 12वीं पूरी करने के बाद मैंने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया. मैं शाम को ट्रेनिंग करता और पहले हाफ में मैं अपने चाचा के लिए काम करता."

ये भी पढ़े- अगर गुलाबी गेंद सीम लेती है तो हमारे तेज गेंदबाज कहर बरपा सकते हैं : मार्क वुड

इस महीने 23 साल के होने जा रहे सकारिया को पहली बार अपने स्कूल के कोच ने प्रोत्साहित किया, जब वह 10वीं में थे और इसके बाद सकारिया ने तुरंत भावसिंहजी अकादमी में दाखिला ले लिया. वहां से, उन्हें सौराष्ट्र के लिए अंडर-16 टीम में खेलने का मौका मिला, लेकिन उसके बाद एक सूनापन था, जहां उन्होंने संघर्ष किया.

सकारिया को एमआरएफ पेस फाउंडेशन के लिए चुना गया था और उन्होंने अपनी गेंदबाजी बेहतर करने तथा फिटनेस पर काम करने के लिए वहां पांच महीने बिताए.

उन्होंने कहा, "मैं सौराष्ट्र की अंडर-19 और अंडर -23 टीमों के लिए खेला था. जल्द ही, मुझे टीम के वरिष्ठ टीम के सम्भावितों में चुना गया लेकिन फिर लूप में डाल दिया गया. कोचों ने कहा कि अनुभव के साथ मैं सुधार करूंगा."

सौराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी नीरज ओदेद्रा, जो पिछले पांच वर्षों से टीम के साथ कोच हैं, का कहना है कि सकारिया अपनी एक्शन के कारण अलग पहचान बनाने में सफल रहे.

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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया

ओदेद्रा ने बताया, "तेज गेंदबाजों को ढूंढना बहुत मुश्किल है. लयबद्ध एक्शन के साथ गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ियों को ढूंढना और भी मुश्किल है. सकारिया पास लयबद्ध एक्शन है. इसके अलावा वह काफी मेहनती हैं."

सौराष्ट्र टीम के सीनियर नेट्स में गेंदबाजी करने के बाद, उन्होंने नवंबर 2018 में गुजरात के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और पहली पारी में पांच विकेट हासिल किए. उन्होंने अपने डेब्यू रणजी सीजन में आठ मैचों में 29 विकेट हासिल किए.

लेकिन टी20 में कसी हुई और विविधता भरी गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता थी, जो हर किसी की नजर में आई और वह करोड़ों की कमाई करने वाले लीग आने में सफल हुए.

2019-20 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान, उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर स्काउट्स को प्रभावित किया.

सकारिया ने कहा, "आरसीबी के स्काउट्स द्वारा बीते साल जनवरी में मुझसे उस समय संपर्क किया गया था, जब मैं झारखंड के खिलाफ एक टी20 मैच खेल रहा था. उन्होंने मुझे जनवरी में ट्रायल्स के लिए बुलाया. कोच माइक हेसन प्रभावित हुए. उन्होंने मुझे नेट पर मैच जैसे हालात दिए और मैंने प्रभाविक किया. दुर्भाग्य से लॉकडाउन हुआ. लेकिन उन्होंने संपर्क बनाए रखा और मेरे साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए."

साकारिया जल्द ही आरसीबी के लिए नेट गेंदबाज के रूप में आईपीएल 2020 के लिए यूएई की उड़ान पर थे और यहीं पर इस बड़ी लीग के किसी व्यक्ति के साथ उनका सम्पर्क हुआ. दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन और उमेश यादव नेट पर थे और उन्होंने उनसे सबक लिया.

सकारिया ने कहा, "स्टेन ने मुझे बल्लेबाजों के लिए योजना बनाने से संबंधित बहुत सी चीजें सिखाईं. उन्होंने मुझे सिखाया कि बाएं हाथ के बल्लेबाज को गेंद कैसा कराउं और ऑफ स्टंप के बाहर वाइड गेंदबाजी करूं. यह बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बहुत मुश्किल काम है."

अब सकारिया की जिंदगी बदल गई है. वह खुश हैं और आईपीएल का इंतजार कर रहे हैं. सकारिया ने गुरुवार को करोड़ों की डील मिलने के बाद सबसे पहले अपने परिवार को फोन किया और उनके साथ आनंद के पल बांटे क्योंकि यह परिवार काफी दुख में जी रहा था. कारण, सकारिया के परिवार के लिए नया साल दुख के साथ शुरू हुआ था था क्योंकि उनके छोटे भाई ने पिछले महीने ही आत्महत्या कर ली थी.

नई दिल्ली : बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया, जिन्हें गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा था, ने स्कूल खत्म करने के बाद गुजरात के भावनगर से 10 किलोमीटर दूर स्थित अपने चाचा के गांव में उनके किराने की दुकान में उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया था.

ये भी पढ़े- इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले विजय हजारे में लय हासिल करने उतरेंगे धवन और अय्यर

चाचा ने सकारिया के खर्चों का ध्यान रखा और उन्हें सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण के लिए डाल दिया. इस दौरान चाचा ने उनकी शिक्षा, क्रिकेट उपकरण और अन्य खर्चो का ध्यान रखा.

भावनगर और उसके आसपास के उभरते क्रिकेटरों के लिए सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी से बेहतर और कोई जगह नहीं. यह वही अकादमी है जहां से सौराष्ट्र के खिलाड़ी शेल्डन जैक्सन, हरविक देसाई और संदीप मनियर सामने आए हैं.

सकारिया के पिता, जो एक टेम्पो चालक हैं अपनी अल्प आय के साथ परिवार की देखभाल करते थे.

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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया

सकरिया ने इन दिनों विजय हजारे ट्रॉफी के लिए सौराष्ट्र टीम के साथ है. उन्होंने कोलकाता से एक मीडिया एजेंसी को बताया, "जब मैं स्कूल में था, तो मुझे पढ़ाई और क्रिकेट में संतुलन बनाना पड़ता था. लेकिन 12वीं पूरी करने के बाद मैंने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया. मैं शाम को ट्रेनिंग करता और पहले हाफ में मैं अपने चाचा के लिए काम करता."

ये भी पढ़े- अगर गुलाबी गेंद सीम लेती है तो हमारे तेज गेंदबाज कहर बरपा सकते हैं : मार्क वुड

इस महीने 23 साल के होने जा रहे सकारिया को पहली बार अपने स्कूल के कोच ने प्रोत्साहित किया, जब वह 10वीं में थे और इसके बाद सकारिया ने तुरंत भावसिंहजी अकादमी में दाखिला ले लिया. वहां से, उन्हें सौराष्ट्र के लिए अंडर-16 टीम में खेलने का मौका मिला, लेकिन उसके बाद एक सूनापन था, जहां उन्होंने संघर्ष किया.

सकारिया को एमआरएफ पेस फाउंडेशन के लिए चुना गया था और उन्होंने अपनी गेंदबाजी बेहतर करने तथा फिटनेस पर काम करने के लिए वहां पांच महीने बिताए.

उन्होंने कहा, "मैं सौराष्ट्र की अंडर-19 और अंडर -23 टीमों के लिए खेला था. जल्द ही, मुझे टीम के वरिष्ठ टीम के सम्भावितों में चुना गया लेकिन फिर लूप में डाल दिया गया. कोचों ने कहा कि अनुभव के साथ मैं सुधार करूंगा."

सौराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी नीरज ओदेद्रा, जो पिछले पांच वर्षों से टीम के साथ कोच हैं, का कहना है कि सकारिया अपनी एक्शन के कारण अलग पहचान बनाने में सफल रहे.

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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया

ओदेद्रा ने बताया, "तेज गेंदबाजों को ढूंढना बहुत मुश्किल है. लयबद्ध एक्शन के साथ गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ियों को ढूंढना और भी मुश्किल है. सकारिया पास लयबद्ध एक्शन है. इसके अलावा वह काफी मेहनती हैं."

सौराष्ट्र टीम के सीनियर नेट्स में गेंदबाजी करने के बाद, उन्होंने नवंबर 2018 में गुजरात के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और पहली पारी में पांच विकेट हासिल किए. उन्होंने अपने डेब्यू रणजी सीजन में आठ मैचों में 29 विकेट हासिल किए.

लेकिन टी20 में कसी हुई और विविधता भरी गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता थी, जो हर किसी की नजर में आई और वह करोड़ों की कमाई करने वाले लीग आने में सफल हुए.

2019-20 के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान, उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर स्काउट्स को प्रभावित किया.

सकारिया ने कहा, "आरसीबी के स्काउट्स द्वारा बीते साल जनवरी में मुझसे उस समय संपर्क किया गया था, जब मैं झारखंड के खिलाफ एक टी20 मैच खेल रहा था. उन्होंने मुझे जनवरी में ट्रायल्स के लिए बुलाया. कोच माइक हेसन प्रभावित हुए. उन्होंने मुझे नेट पर मैच जैसे हालात दिए और मैंने प्रभाविक किया. दुर्भाग्य से लॉकडाउन हुआ. लेकिन उन्होंने संपर्क बनाए रखा और मेरे साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए."

साकारिया जल्द ही आरसीबी के लिए नेट गेंदबाज के रूप में आईपीएल 2020 के लिए यूएई की उड़ान पर थे और यहीं पर इस बड़ी लीग के किसी व्यक्ति के साथ उनका सम्पर्क हुआ. दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन और उमेश यादव नेट पर थे और उन्होंने उनसे सबक लिया.

सकारिया ने कहा, "स्टेन ने मुझे बल्लेबाजों के लिए योजना बनाने से संबंधित बहुत सी चीजें सिखाईं. उन्होंने मुझे सिखाया कि बाएं हाथ के बल्लेबाज को गेंद कैसा कराउं और ऑफ स्टंप के बाहर वाइड गेंदबाजी करूं. यह बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बहुत मुश्किल काम है."

अब सकारिया की जिंदगी बदल गई है. वह खुश हैं और आईपीएल का इंतजार कर रहे हैं. सकारिया ने गुरुवार को करोड़ों की डील मिलने के बाद सबसे पहले अपने परिवार को फोन किया और उनके साथ आनंद के पल बांटे क्योंकि यह परिवार काफी दुख में जी रहा था. कारण, सकारिया के परिवार के लिए नया साल दुख के साथ शुरू हुआ था था क्योंकि उनके छोटे भाई ने पिछले महीने ही आत्महत्या कर ली थी.

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