नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात में खेली जा रही इंडियन प्रीमियर लीग के एक खिलाड़ी ने 'सट्टेबाजी के लिए संपर्क किए जाने की सूचना' दी है जिसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (ACU) हरकत में आ गई है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण IPL के 13वें सत्र का आयोजन UAE में बायो-बबल में हो रहा है ,ऐसे में बाहर के किसी संदिग्ध द्वारा खिलाड़ियों से सीधे मिलने के मौके को कम कर दिया है. ऑनलाइन संपर्क के कारण हालांकि इसका खतरा बना हुआ है.
BCCI की ACU के प्रमुख अजीत सिंह ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में इसकी पुष्टि की. राजस्थान पुलिस के इस पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा, "हां (एक खिलाड़ी ने संपर्क करने की सूचना दी है)."
![IPL 2020: BCCI ACU investigating player who got approached on social media](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9040806_hgctrh.jpg)
उनसे जब कथित सटोरिए के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम उस पर नजर रखे हुए हैं. इसमें थोड़ा वक्त लगेगा."
भ्रष्टाचार रोधी प्रोटोकॉल के मुताबिक गोपनीयता के लिए खिलाड़ी (भारतीय या विदेशी) या फ्रेंचाइजी के नाम का उजागर नहीं किया गया है.
पिछले वर्षों के उलट इस साल खिलाड़ी और टीम के सहयोगी सदस्य बायो-बबल में रह रहे है ऐसे में ACU संभावित ऑनलाइन भ्रष्टाचार माध्यम पर ध्यान दे रहा है.
ज्यादातर खिलाड़ी खासकर युवा इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर मौजूद है जहां अनजान लोग प्रशंसक के रूप में उनसे दोस्ती करने की कोशिश करते है.
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी खिलाड़ी (आईपीएल में भाग ले रहे) चाहे विदेशी हों या भारत का अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खिलाड़ी, सभी कई भ्रष्टाचार रोधी सत्रों में शामिल हुए हैं.
उन्होंने कहा, "सबसे अच्छी बात ये है कि जिस खिलाड़ी से संपर्क किया गया, उसे तुरंत एहसास हो गया कि कुछ गड़बड़ है. उसे संदेह था और उसने तुरंत ACU के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया. हर खिलाड़ी, यहां तक कि अंडर-19 के खिलाड़ियों को भी भ्रष्टाचार-रोधी प्रोटोकॉल के बारे में अच्छी तरह से पता हैं."
BCCI ने ब्रिटेन की एक कंपनी के साथ करार किया है, जो आईपीएल के दौरान धोखाधड़ी जांच सेवाओं (FDS) के माध्यम से सट्टेबाजी और अन्य भ्रष्ट कार्यों को रोकने के लिए अपनी 'सेवाएं' प्रदान करेगी.