मुम्बई : प्रथम श्रेणी क्रिकेटर वसंत रायजी दाएं हाथ के बल्लेबाज थे. 1940 के दशक में रायजी ने कुल 9 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और कुल 277 रन बनाए थे. उनका उच्चतम स्कोर 68 रन था.
-
Wishing you a very special 1⃣0⃣0⃣th birthday, Shri Vasant Raiji.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Steve & I had a wonderful time listening to some amazing cricket 🏏 stories about the past.
Thank you for passing on a treasure trove of memories about our beloved sport. pic.twitter.com/4zdoAcf8S3
">Wishing you a very special 1⃣0⃣0⃣th birthday, Shri Vasant Raiji.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 26, 2020
Steve & I had a wonderful time listening to some amazing cricket 🏏 stories about the past.
Thank you for passing on a treasure trove of memories about our beloved sport. pic.twitter.com/4zdoAcf8S3Wishing you a very special 1⃣0⃣0⃣th birthday, Shri Vasant Raiji.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 26, 2020
Steve & I had a wonderful time listening to some amazing cricket 🏏 stories about the past.
Thank you for passing on a treasure trove of memories about our beloved sport. pic.twitter.com/4zdoAcf8S3
रायजी ने मुम्बई के लिए रणजी ट्राफी में बड़ौदा के खिलाफ पारी की शुरूआत की थी. वो 1941 की बाम्बे पेंटेंगुलर की हिंदुज टीम में रिजर्व खिलाड़ी थे.
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रायजी ने लेखन किया था. पेशे से वो हालांकि चार्टर्ड एकाउंटेंट थे. साल 2016 में बीके गुरुदाचार के निधन के बाद रायजी देश के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे.
इस साल 26 जनवरी को रायजी ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था और इस जश्न में सचिन तेंदुलकर और स्टीव वॉ शामिल हुए थे. सात मार्च को जॉन मैनर्स के निधन के बाद रायजी दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे.
रायजी ने लाला अमरनाथ, विजय मर्चेंट, सीके नायडू और विजय हजारे के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया है. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं.