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भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने 100वें टेस्ट को बनाया यादगार - Ajinkya rahane

बाक्सिंग डे टेस्ट इन दोनों टीमों के बीच के क्रिकेट रिश्तों के लिहाज से एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है और अब भारत ने जीत हासिल करते हुए इस मील के पत्थर पर अपना नाम लिख दिया है क्योंकि भारत आजाद होने के इन दोनों टीमों का जो सफर शुरू हुआ था, उसके पहले मील के पत्थर यानि पहले टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की जीत हुई थी.

India made their 100th Test match againts Australia memorable after winning it
India made their 100th Test match againts Australia memorable after winning it
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Published : Dec 29, 2020, 1:14 PM IST

मेलबर्न: ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 100वें टेस्ट मैच का गवाह बना और भारत ने अपने चार अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी के बावजूद अजिंक्य रहाणे की प्रेरणादायी कप्तानी में 8 विकेट से जीत हासिल करते हुए इसे याददार बना दिया है.

बाक्सिंग डे टेस्ट इन दोनों टीमों के बीच के क्रिकेट रिश्तों के लिहाज से एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है और अब भारत ने जीत हासिल करते हुए इस मील के पत्थर पर अपना नाम लिख दिया है क्योंकि भारत आजाद होने के इन दोनों टीमों का जो सफर शुरू हुआ था, उसके पहले मील के पत्थर यानि पहले टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की जीत हुई थी.

आज बेशक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के मैदान पर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा होती है लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया की बाकी अन्य टीमों के साथ-साथ भारत के खिलाफ भी हमेशा से अपना वर्चस्व कायम रखा है.

बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले तक खेले गए 99 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 43 मैच जीते हैं जबकि 28 में भारत की जीत हुई थी. एक मैच टाई रहा है और 27 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. अब भारत ने अपनी 29वीं जीत दर्ज की है. साथ ही भारत ने एमसीजी में चौथी जीत के साथ इसे अपना फेवरिट ओवरसीज वेन्यू बना लिया है.

India made their 100th Test match againts Australia memorable after winning it
बल्लेबाजी करने के दौरान भारतीय टीम

अब इतिहास के पन्ने पलटते हैं. दोनों टीमों के बीच टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत 1947 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ हुई थी. पांच मैचों की उस सीरीज को मेजबान टीम ने 4-0 से जीता था. वो सीरीज 17 अक्टूबर 1947 को शुरू होकर 20 फरवरी 1948 में समाप्त हुई थी.

स्वतंत्र भारत की टीम पहली बार किसी विदेशी दौरे पर गई थी और इस टीम की कमान लाला अमरनाथ के हाथों में थी. दूसरी ओर, मेजबान टीम के कप्तान थे, दुनिया के महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले सर डोनाल्ड ब्रैडमैन.

उस सीरीज में ब्रैडमैन ने 715 रन बनाए थे जबकि भारत की ओर से विजय हजारे ने सबसे अधिक 429 रन जुटाए थे. गेंदबाजी की बात करें तो रे लिंडवाल ने मेजबानों के लिए सबसे अधिक 18 और लाला अमरनाथ ने भारत के लिए 13 विकेट लिए थे.

उसके बाद 1956-57 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार भारत का दौरा किया. दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की सीरीज खेली गई, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 से जीता.

1959-60 में ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बार फिर भारत दौरे पर आई और पांच मैचों की एक सीरीज में हिस्सा लिया. यह सीरीज भारत ने 2-1 से अपने नाम किया. इस सीरीज की खास बात यह रही कि इसमें भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में जीत हासिल की.

उसके बाद कंगारू 1964-65 में एक बार फिर भारत आए और तीन मैचों की सीरीज खेली, जो 1-1 से ड्रा रही. साल 1979-80 भारत के लिए बेहद खास था क्योंकि इस साल भारत ने महान सुनील गावस्कर की कप्तानी में अपने घर में खेलते हुए छह मैचों की सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की. यह कंगारूओं के खिलाफ भारत की पहली सीरीज जीत थी.

1996-97 से इन दोनों देशों के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नाम दे दिया गया. सुनील गावस्कर और एलन बार्डर दोनों टीमों के महान खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं.

गावस्कर की कप्तानी में भारत ने अपने घर में तो ऑस्ट्रेलिया को 1979-80 में हरा दिया लेकिन उसके घर में पहली सीरीज जीत के लिए उसे और 38 साल लग गए क्योंकि 2018 में जाकर विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज में 2-1 से हराया.

साल 2018 काफी अहम था क्योंकि इसने भारतीय खिलाड़ियों को नई सोच दी. यही कारण है कि भारत ने मेलबर्न में लगातार दूसरी जीत के साथ एडिलेड में इसी महीने मिली शर्मनाक को धो दिया है. हालांकि एडिलेड टेस्ट को भारतीय टीम कभी भुला नहीं पाएगी क्योंकि वहां दूसरी पारी मेंवह 36 रनों पर आउट हो गई थी, जो टेस्ट इतिहास का उसका न्यूनतम योग है.

मेलबर्न: ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 100वें टेस्ट मैच का गवाह बना और भारत ने अपने चार अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी के बावजूद अजिंक्य रहाणे की प्रेरणादायी कप्तानी में 8 विकेट से जीत हासिल करते हुए इसे याददार बना दिया है.

बाक्सिंग डे टेस्ट इन दोनों टीमों के बीच के क्रिकेट रिश्तों के लिहाज से एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है और अब भारत ने जीत हासिल करते हुए इस मील के पत्थर पर अपना नाम लिख दिया है क्योंकि भारत आजाद होने के इन दोनों टीमों का जो सफर शुरू हुआ था, उसके पहले मील के पत्थर यानि पहले टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की जीत हुई थी.

आज बेशक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के मैदान पर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा होती है लेकिन इतिहास इस बात का गवाह है कि ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया की बाकी अन्य टीमों के साथ-साथ भारत के खिलाफ भी हमेशा से अपना वर्चस्व कायम रखा है.

बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले तक खेले गए 99 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 43 मैच जीते हैं जबकि 28 में भारत की जीत हुई थी. एक मैच टाई रहा है और 27 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. अब भारत ने अपनी 29वीं जीत दर्ज की है. साथ ही भारत ने एमसीजी में चौथी जीत के साथ इसे अपना फेवरिट ओवरसीज वेन्यू बना लिया है.

India made their 100th Test match againts Australia memorable after winning it
बल्लेबाजी करने के दौरान भारतीय टीम

अब इतिहास के पन्ने पलटते हैं. दोनों टीमों के बीच टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत 1947 में भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के साथ हुई थी. पांच मैचों की उस सीरीज को मेजबान टीम ने 4-0 से जीता था. वो सीरीज 17 अक्टूबर 1947 को शुरू होकर 20 फरवरी 1948 में समाप्त हुई थी.

स्वतंत्र भारत की टीम पहली बार किसी विदेशी दौरे पर गई थी और इस टीम की कमान लाला अमरनाथ के हाथों में थी. दूसरी ओर, मेजबान टीम के कप्तान थे, दुनिया के महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले सर डोनाल्ड ब्रैडमैन.

उस सीरीज में ब्रैडमैन ने 715 रन बनाए थे जबकि भारत की ओर से विजय हजारे ने सबसे अधिक 429 रन जुटाए थे. गेंदबाजी की बात करें तो रे लिंडवाल ने मेजबानों के लिए सबसे अधिक 18 और लाला अमरनाथ ने भारत के लिए 13 विकेट लिए थे.

उसके बाद 1956-57 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार भारत का दौरा किया. दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की सीरीज खेली गई, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 से जीता.

1959-60 में ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बार फिर भारत दौरे पर आई और पांच मैचों की एक सीरीज में हिस्सा लिया. यह सीरीज भारत ने 2-1 से अपने नाम किया. इस सीरीज की खास बात यह रही कि इसमें भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में जीत हासिल की.

उसके बाद कंगारू 1964-65 में एक बार फिर भारत आए और तीन मैचों की सीरीज खेली, जो 1-1 से ड्रा रही. साल 1979-80 भारत के लिए बेहद खास था क्योंकि इस साल भारत ने महान सुनील गावस्कर की कप्तानी में अपने घर में खेलते हुए छह मैचों की सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की. यह कंगारूओं के खिलाफ भारत की पहली सीरीज जीत थी.

1996-97 से इन दोनों देशों के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नाम दे दिया गया. सुनील गावस्कर और एलन बार्डर दोनों टीमों के महान खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं.

गावस्कर की कप्तानी में भारत ने अपने घर में तो ऑस्ट्रेलिया को 1979-80 में हरा दिया लेकिन उसके घर में पहली सीरीज जीत के लिए उसे और 38 साल लग गए क्योंकि 2018 में जाकर विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की सीरीज में 2-1 से हराया.

साल 2018 काफी अहम था क्योंकि इसने भारतीय खिलाड़ियों को नई सोच दी. यही कारण है कि भारत ने मेलबर्न में लगातार दूसरी जीत के साथ एडिलेड में इसी महीने मिली शर्मनाक को धो दिया है. हालांकि एडिलेड टेस्ट को भारतीय टीम कभी भुला नहीं पाएगी क्योंकि वहां दूसरी पारी मेंवह 36 रनों पर आउट हो गई थी, जो टेस्ट इतिहास का उसका न्यूनतम योग है.

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