नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम खान ने कहा कि उनका बोर्ड चाहता है कि अगले साल अक्टूबर में भारत में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) उसके खिलाड़ियों और अधिकारियों के वीजा मुद्दे पर जनवरी 2021 तक आश्वासन दे.
पीसीबी के सीईओ ने यह भी पुष्टि की कि निकट भविष्य में भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला की कोई संभावना नहीं है और 2023 से शुरू होने वाले आगामी भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में भी इसे जगह नहीं दी जाएगी.
भारत अक्टूबर में टी20 विश्व कप की मेजबानी करेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को देखते हुए, पीसीबी ने आईसीसी से आश्वासन मंगा है कि वे उनके खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों की वीजा प्रक्रिया का निपटारा करेंगे.
खान ने एक एजेंसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, "यह आईसीसी का मामला है. हमने अपनी चिंताओं पर चर्चा की है. एक होस्ट एग्रीमेंट है, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि मेजबान देश (इस मामले में भारत) को टी20 विश्व कप में भाग लेने वाली टीमों के लिए वीजा और आवास उपलब्ध कराना होगा और पाकिस्तान उनमें से एक है."
उन्होंने कहा, "हमने आईसीसी से खिलाड़ियों के वीजा पर आश्वासन मांगा है और आईसीसी इस मुद्दे पर अब बीसीसीबाई के संपर्क में है क्योंकि इसके लिए जरूरी निर्देश और पुष्टि उनकी सरकार से मिलेगी."
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के काम के लिए एक समय सीमा तय करना जरूरी होगा. उन्होंने कहा, "हमने दिसंबर-जनवरी तक की समयसीमा मांगी है, हमारा मानना है कि यह सही है. हम इस मामले में आईसीसी से प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे है कि क्या हमारे खिलाड़ी और अधिकारी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए वीजा प्राप्त करेंगे."
उन्होंने कहा, "अगर वीजा नहीं मिलता है तो, किसी अन्य देश की तरह हम भी उम्मीद करेंगे कि आईसीसी इसके हल के लिए बीसीसीआई के माध्यम से भारत और भारत सरकार से संपर्क करेगा."
भारत में आयोजित होने वाले वैश्विक कार्यक्रमों में पाकिस्तान के एथलीटों की भागीदारी हमेशा विवादास्पद विषय रही है. पिछले साल, पाकिस्तानी निशानेबाजों को दिल्ली में एक विश्व कप के लिए वीजा नहीं मिल सका था जिससे बाद काफी विवाद हुआ था.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अधिकारियों की तरह खान का भी मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में दोनों देश द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला के बारे में यथार्थवादी होना चाहिए. बीसीसीआई को घरेलू, पाकिस्तान और यहां तक कि तटस्थ स्थानों पर भी पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से पहले भारत सरकार की अनुमति लेनी होगी."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि दोनों देशों को अन्य देशों के खिलाफ काफी क्रिकेट खेलना है. यह हालांकि दोनों देशों के प्रशंसकों और खिलाड़ियों के लिए दुख की बात है कि निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे."
पीसीबी सीईओ ने कहा, "अगर भारतीय सरकार का दृष्टिकोण और परिस्थितियां नहीं बदली तो अगले एफटीपी (2023-31) में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला की योजना नहीं होगी."
खान ने आईसीसी अध्यक्ष पद को लेकर हो रही गतिरोध पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि लोकप्रिय धारणा के विपरीत, वैश्विक मंच पर बीसीसीआई और पीसीबी के बीच कोई मतभेद नहीं है. ऐसी धारणा है कि पीसीबी किसी भी ऐसे उम्मीदवार का विरोध करेगा जिसका समर्थन बीसीसीआई करेगा.
उन्होंने कहा, "मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि मतदान के संबंध में बीसीआई और पीसीबी के बीच कोई विवाद है. यह हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनि के बीच का मुद्दा है. मुझे इस बारे में कोई जानकारी या सूचना नहीं है."