ब्रिसबेन: भारत ने एडिलेड में पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अपने न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट होने के बाद शानदार वापसी की और चार मैचों की सीरीज 2-1 से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी. हीली ने सेन 1170 ड्राइव पर कहा, ''वे (ऑस्ट्रेलियाई टीम) वास्तविक प्रतिबद्धता के बिना खेले. वे अक्सर मुकाबले में सही रवैया नहीं अपनाते थे. उनमें अपने 60 के स्कोर को 130 के स्कोर में परिवर्तित करने की भूख नहीं दिखी.''
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 119 टेस्ट मैचों में विकेटकीपर रहे हीली ने कहा, ''ये वास्तव में कप्तान, उप कप्तान, कोच और कोचिंग स्टाफ का अजीबोगरीब प्रदर्शन था. हमारा क्षेत्ररक्षण निराशाजनक था. मैं इस टीम के क्षेत्ररक्षण और रवैये पर काम करूंगा। बाकी चीजें खुद ब खुद लौट आएंगी.'' उन्होंने कहा, ''मैंने सिडनी और ब्रिसबेन में पेन का खेल देखा. उसने कड़ा अभ्यास नहीं किया था. नाथन लियोन के सामने उसकी विकेटकीपिंग तकनीक काम नहीं करती थी.
मुझे लगता है कि वो कप्तान के रूप् में बहुत अधिक प्रयास नहीं कर रहा था.'' हीली ने कहा, ''इसके अलावा उप कप्तान क्या कर रहा था. पैट कमिन्स मैदान पर आप सुझाव क्यों नहीं दे रहे थे. कुछ खास नया नहीं किया गया जिस पर चर्चा की जा सके कि ये टीम वास्तव में क्यों चूक गई.''
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उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम बुरी नहीं थी लेकिन खिलाड़ियों का रवैया थोड़ा नरम था. हीली ने कहा, ''कोचिंग स्टाफ और सीनियर खिलाड़ियों को ये पता करने की जरूरत है कि हम वैसा क्यों नहीं खेल पाए जैसा हमें खेलना चाहिए था. इसके बाद इसमें सुधार करना चाहिए. टीम इतनी बुरी नहीं थी लेकिन उन्होंने इतना बुरा खेल दिखाया कि वे भारत की दूसरी श्रेणी की टीम से हार गए.''