नई दिल्ली: वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के मुख्य कोच फिल सिमंस ने दावा किया है कि इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलने के दौरान उनके साथ नस्लीय दुर्व्यवहार हुआ था.
पूर्व खिलाड़ी सिमंस ने हालांकि यह नहीं बताया कि उनके साथ इंग्लैंड के किस लीग में ऐसा व्यवहार हुआ था.
उन्होंने कहा, "मुझे लीगों में इसका (नस्लवाद का) काफी सामना करना पड़ा. काउंटी क्रिकेट में मुझे वास्तव में उतना सामना नहीं करना पड़ा है. मैंने हालांकि दूसरे लीगों में इसका सामना किया है."
उन्होंने कहा, "यह एक अच्छी बात नहीं है. विशेष रूप से लीग में आप कभी-कभी खुद के बूते (टीम या बोर्ड के समर्थन के बिना) होते हैं. जब मैं वहां गया था तब इसने मेरी पत्नी को प्रभावित किया था. यह अच्छी बात नहीं है. मैं तीन या चार अलग-अलग लीग में खेला हूं. यह इंग्लैंड के पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक विशेष लीग थी."
गौरतलब है कि अमेरिका में श्वेत पुलिस अधिकारी की बेरहमी से अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद वैश्विक बहस का विषय बन गया है.
वेस्टइंडीज के स्टार क्रिस गेल और डेरेन सैमी सहित कई क्रिकेटरों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन को समर्थन देते हुए नस्लवाद से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया है.
इसके अलावा वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) जिस तरह भ्रष्टाचार विरोधी और डोपिंग के बारे में जागरूकता फैलाता है, वैसे ही उसे युवा क्रिकेटरों को नस्लवाद के खिलाफ शिक्षित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इससे युवा क्रिकेटर क्रिकेट में विविधता को समझ सकेंगे और अपने करियर के शुरू में ही इसे आत्मसात कर सकेंगे.
सैमी ने यह बातें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कार्यक्रम 'इंटरव्यू इनसाइड आउट' के दौरान कही जिसका संचालन वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप ने किया था.
सैमी ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए टीम के साथी उनपर नस्लभेदी टिप्पणियां करते थे. उन्होंने अपने साथियों से इस पर माफी मांगने के लिए भी कहा था.