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चोट से फर्क नहीं पड़ता, बस आउट होना नहीं चाहता : विराट कोहली

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Published : Jul 24, 2020, 4:22 PM IST

भारतीय टीम के 2014 के इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था. पांच टेस्ट मैचों में उनका औसत 13.50 का रहा था.

India skipper Virat Kohli
India skipper Virat Kohli

नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने हालांकि उस दौरे को निराशा के तौर पर नहीं देखते हैं. कोहली ने अपनी टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शो पर बात करते हुए कहा, "2014 के इंग्लैंड दौरे पर बात ये थी कि मैं स्थितियों से तालमेल नहीं बिठा पाया था और जो मैं करना चाहता था, वो कर रहा था और उसे लेकर जिद्दी था. किसी चीज के बारे में जिद पकड़ने से कोई फायदा नहीं होता, इसे समझने में काफी देर हुई लेकिन मुझे इसका अहसास हो गया."

India skipper Virat Kohli
इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली का प्रदर्शन (2014)

मैं निडर होने लगा

उन्होंने कहा, "2014 का दौरा मेरे करियर में हमेशा एक मील के पत्थर की तरह रहेगा. मैंने इसे लेकर काफी सोचा था कि उस दौरे से पहले मैं किस तरह मैच में जाता था, मैं किस तरह से खेलता था. इसके बाद मैं निडर होने लगा." कोहली ने कहा, "मैंने ये महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में जब चीजें मुश्किल होती हैं तो एक क्रिकेटर के लिए शांतचित रहना जरूर होता है और यही चीज मुझे सुधारने की जरूरत थी."

उन्होंनें कहा, "अगर यह टूर नहीं होता तो मैं उसी तरह से खेलता रहता और सुधार नहीं कर पाता. उस दौरे ने मुझे सोचने को मजबूर किया कि मैं कैसे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को लेकर आगे बढ़ूं." कोहली ने कहा कि इंग्लैंड दौरे पर 1-3 से मिली हार के बाद रवि शास्त्री की सलाह ने उनके लिए काफी काम किया.

India skipper Virat Kohli
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली

मैं बस आउट होना नहीं चाहता

उन्होंने कहा, "रवि भाई ने मुझे और शिखर को 2014 की टेस्ट सीरीज के बाद अपने कमरे में बुलाया. उनकी समझ काफी तेज है. उन्होंने मुझसे कहा कि क्रीज के बाहर खड़े रहो और उन्होंने इसके पीछ की मानसिकता के बारे में बताया. उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं शॉर्ट गेंद से डरता हूं? मैंने कहा, मैं शॉर्ट पिच गेंदों से डरता नहीं हूं. मुझे चोट से फर्क नहीं पड़ता, मैं बस आउट होना नहीं चाहता."

उन्होंने कहा, "मैंने इसका अभ्यास उसी साल ऑस्ट्रेलिया में किया और परिणाम अविश्वसनीय रहे." कोहली ने कहा कि इंग्लैंड दौरे के बाद उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की थी और मुंबई में उनके साथ कुछ नेट्स सेशन भी किए थे.

उन्होंने कहा, "इंग्लैंड दौरे के बाद मैंने अपनी फुटेज देखी. मैंने सचिन से मुंबई में बात की थी और कुछ नेट्स सेशन किए थे. मैंने उनसे कहा था कि मैं अपनी हिप पोजिशन पर काम कर रहा हूं. उन्होंने मुझे बड़े स्टांस की अहमियत बताई, तेज गेंदबाज के खिलाफ उन्होंने मुझे आगे जाकर खेलने के बारे में बताया." अगले इंग्लैंड दौरे पर 2018 में कोहली ने 593 रन बनाए जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं.

नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने हालांकि उस दौरे को निराशा के तौर पर नहीं देखते हैं. कोहली ने अपनी टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शो पर बात करते हुए कहा, "2014 के इंग्लैंड दौरे पर बात ये थी कि मैं स्थितियों से तालमेल नहीं बिठा पाया था और जो मैं करना चाहता था, वो कर रहा था और उसे लेकर जिद्दी था. किसी चीज के बारे में जिद पकड़ने से कोई फायदा नहीं होता, इसे समझने में काफी देर हुई लेकिन मुझे इसका अहसास हो गया."

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इंग्लैंड के खिलाफ विराट कोहली का प्रदर्शन (2014)

मैं निडर होने लगा

उन्होंने कहा, "2014 का दौरा मेरे करियर में हमेशा एक मील के पत्थर की तरह रहेगा. मैंने इसे लेकर काफी सोचा था कि उस दौरे से पहले मैं किस तरह मैच में जाता था, मैं किस तरह से खेलता था. इसके बाद मैं निडर होने लगा." कोहली ने कहा, "मैंने ये महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में जब चीजें मुश्किल होती हैं तो एक क्रिकेटर के लिए शांतचित रहना जरूर होता है और यही चीज मुझे सुधारने की जरूरत थी."

उन्होंनें कहा, "अगर यह टूर नहीं होता तो मैं उसी तरह से खेलता रहता और सुधार नहीं कर पाता. उस दौरे ने मुझे सोचने को मजबूर किया कि मैं कैसे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को लेकर आगे बढ़ूं." कोहली ने कहा कि इंग्लैंड दौरे पर 1-3 से मिली हार के बाद रवि शास्त्री की सलाह ने उनके लिए काफी काम किया.

India skipper Virat Kohli
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली

मैं बस आउट होना नहीं चाहता

उन्होंने कहा, "रवि भाई ने मुझे और शिखर को 2014 की टेस्ट सीरीज के बाद अपने कमरे में बुलाया. उनकी समझ काफी तेज है. उन्होंने मुझसे कहा कि क्रीज के बाहर खड़े रहो और उन्होंने इसके पीछ की मानसिकता के बारे में बताया. उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं शॉर्ट गेंद से डरता हूं? मैंने कहा, मैं शॉर्ट पिच गेंदों से डरता नहीं हूं. मुझे चोट से फर्क नहीं पड़ता, मैं बस आउट होना नहीं चाहता."

उन्होंने कहा, "मैंने इसका अभ्यास उसी साल ऑस्ट्रेलिया में किया और परिणाम अविश्वसनीय रहे." कोहली ने कहा कि इंग्लैंड दौरे के बाद उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की थी और मुंबई में उनके साथ कुछ नेट्स सेशन भी किए थे.

उन्होंने कहा, "इंग्लैंड दौरे के बाद मैंने अपनी फुटेज देखी. मैंने सचिन से मुंबई में बात की थी और कुछ नेट्स सेशन किए थे. मैंने उनसे कहा था कि मैं अपनी हिप पोजिशन पर काम कर रहा हूं. उन्होंने मुझे बड़े स्टांस की अहमियत बताई, तेज गेंदबाज के खिलाफ उन्होंने मुझे आगे जाकर खेलने के बारे में बताया." अगले इंग्लैंड दौरे पर 2018 में कोहली ने 593 रन बनाए जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं.

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